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Roshni Land Scam: पीडीपी का जम्मू कार्यालय भी कब्जे की जमीन पर, पार्टी नेता तालिब पर भी जमीन कब्जाने का आरोप

सरकार द्वारा जारी इस सूची में यह खुलासा किया गया है कि पीडीपी का जम्मू स्थिति कार्यालय भी सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाया गया है। यही नहीं पार्टी के नेता तालिब हुसैन ने भी सरकारी भूमि पर कब्जा किया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 01:59 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 03:55 PM (IST)
Roshni Land Scam: पीडीपी का जम्मू कार्यालय भी कब्जे की जमीन पर, पार्टी नेता तालिब पर भी जमीन कब्जाने का आरोप
एक बार फिर राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों, व्यावसायियों के नाम इस सूची में शामिल हैं।

जम्मू, जेएनएन। जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में 25000 करोड़ रूपये का हुआ रोशनी भूमि घोटाला आज देश भर में सुर्खियों में है। सरकार ने इस घोटाले में शामिल लोगों की आज तीसरी सूची जारी की है। इस सूची में भी एक बार फिर राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों, व्यावसायियों के नाम शामिल हैं। सरकार ने खुलासा किया है कि पीडीपी का जम्मू स्थिति कार्यालय भी सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाया गया है। यही नहीं पार्टी के नेता तालिब हुसैन ने भी सरकारी भूमि पर कब्जा किया है। यह सब उस दौरान हुआ जब पीडीपी के पूर्व अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री हुआ करते थे।

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आपको जानकारी हो कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई को इस घोटाले की जांच का जिम्मा सौंपा गया था। हर दिन घोटाले से जुड़े राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों, व्यापारियों की सूची लोगों की जिज्ञासा को बढ़ाने के साथ उन नेताओं के चेहरों से पर्दा उठा रही है, जो जम्मू-कश्मीर के विकास, जनता के शुभचिंतक होने का दावा किया करते थे।

आज जारी की गई तीसरी सूची में पीडीपी नेताओं के नाम शामिल हैं। सुंजवां गांव में स्थित पीडीपी का जो कार्यालय है, वह भी सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाया गया है। पीडीपी के पूर्व अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद सईद जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब उनकी पार्टी ने सुंजवां में तीन कनाल सरकारी भूमि पर कब्जा कर वहां पार्टी कार्यालय खड़ा कर दिया। इसी पार्टी के नेता रहे हसीब द्राबू ने भी सरकारी भूमि पर कब्जा किया है। अब पीडीपी से ही जुड़े तालिब हुसैन का भी सूची में नाम आया है। उन्होंने दो कनाल सरकारी भूमि अपने कब्जे में रखी हुई है।

शहर के प्रख्यात व्यावसायी बंसी लाल का नाम भी इस सूची में शामिल है। उन्होंने भी अपने राजनीतिक संबंधों का फायदा उठाते हुए 5 कनाल 2 मरले सरकारी भूमि पर कब्जा कर रोशनी एक्ट के तहत उसे अपने नाम करवा लिया। इसी सूची में महंत मंजीत सिंह का नाम भी शामिल है, उन्होंने रोशनी एक्ट के साथ 7 कनाल दो मरले भूमि ट्रस्ट के नाम करवाई। शेमशेर सिंह पुत्र कालाराम ने 23 कनाल दो मरले कृषि भूमि इस एक्ट के जरिए अपने नाम करवाई।

इसके अलावा सेवानिवृत्त एसएसपी मिर्जा रशीद ने तीन कनाल, व्यावसायी हाजी सुल्तान अली ने 30 कनाल, पूर्व कांग्रेस मंत्री एजाज खान के रिश्तेदार जेहन दीन, सेवानिवृत्त आइजी निसार अली ने 3 कनाल, हाजी सुल्तान अली ने एक कनाल भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। यही नहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व आइएएस अधिकारी फारूक शाह का नाम भी इस सूची में शामिल है। अपने कार्याकल के दौरान वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे और गत वर्ष स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति लेकर नेशनल कांफ्रेंस में शामिल हो गए। उन्होंने और उनके रिश्तेदारों ने भी रोशनी एक्ट के तहत सरकारी भूमि अपने नाम करवाई। शाह ने श्रीनगर एक कनाल तीन मरले, उनके परिवार में शामिल मंजूर अहमद शाह ने एक कनाल दो मरले जबकि शाह की पत्नी फहमीदा शाह ने एक कनाल चार भूमि अपने नाम करवाई।

इसके अलावा भी सूची में कश्मीर के प्रसिद्ध व्यापारी, राजनीतिज्ञों के रिश्तेदार, एनआरआई के नाम शामिल है। जिन्होंने रोशनी एक्ट के तहत कब्जा की गई भूमि का मालिकाना हक हासिल किया। इसके अलावा इस सूची में उन लोगों के नाम भी हैं, जिन्होंने रोशनी एक्ट के तहत भूमि का मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए आवेदन तो किया परंतु राजस्व जमा नहीं करवाया। उसके बाद भी अभी तक जमीन पर कब्जा जमाए हुए हैं। इनमें डॉ फारूक अब्दुल्ला के रिश्तेदार मोहम्मद असलम मट्टू, व्यावसायी जगदीश मेहता, जम्मू-कश्मीर के पूर्व प्रधानमंत्री बख्शी गुलाम मोहम्मद के रिश्तेदार दिलशाद शेख, मोहम्मद अमीन त्रांबू के नाम भी शामिल हैं। इन लोगों ने 20 कनाल से अधिक भूमि पर कब्जा किया है।


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