अवैध लाउडस्पीकर हटाने-ध्वनि कम करने का प्रस्ताव पारित, जम्मू नगर निगम की जनरल हाउस की बैठक में हुआ फैसला
जम्मू नगर निगम की जनरल हाउस की बैठक में सर्वसम्मित से शहर से अवैध लाउडस्पीकर हटाने और इनकी ध्वनि कम करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। हालांकि विपक्ष ने इसका विरोध किया लेकिन ध्वनि मत से इसे पारित कर दिया गया।
जम्मू, जेएनएन। मंगलवार को जम्मू नगर निगम की जनरल हाउस की बैठक में लाए गए इस प्रस्ताव को हंगामे के बीच सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। शहर के वार्ड नंबर दो के कॉरपोरेटर नरोत्तम शर्मा ने जनरल हाउस में प्रस्ताव लाया था कि शहर के सभी धार्मिक स्थलों, बैंक्वेट हाल व समारोहों में बिना जिला प्रशासन की अनुमति के लगे लाउडस्पीकरों को हटाया जाए और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश व निर्धारित नियमों का अनुपालन करते हुए कार्रवाई की जाए।
जनरल हाउस की अध्यक्षता कर रहे मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने करीब पौने दो बजे कॉरपोरेटर नरोत्तम शर्मा के प्रस्ताव को हाउस में रखने के निर्देश दिए। उन्होंने हाउस में मौजूद नेशनल मीडिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि नेशनल मीडिया सुबह से इस प्रस्ताव का इंतजार कर रहा है। लिहाजा पहले इसी पर चर्चा की जाए। फिर नरोत्तम ने अपना प्रस्ताव रखा। नरोत्तम ने शहर के हवा, जल और थल में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए शहर में अवैध तरीके से बजने वाले लाउडस्पीकर हटाने की मांग की है। उन्होंने अपने प्रस्ताव में कहा है कि कई वैज्ञानिकों ने ध्वनि प्रदूषण से लोगों की सेहत पर बुरी असर पड़ने की बात कही है।
इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने भी अवैध लाउडस्पीकर को हटाने के लिए सभी प्रदेशों की सरकारों को निर्देश दिए हैं। लिहाजा इसी जम्मू में भी लागू किया जाए। चूंकि नगर निगम में भाजपा बहुमत में है, तो विपक्षियों के बोलने से पहले सभी ने मेज थपथपा कर प्रस्ताव को पारित कर दिया।
हालांकि इस बीच कांग्रेसी व निर्दलीय कॉरपोरेटर सीट से उठ गए और उन्होंने इस पर चर्चा करने की बात करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। निगम में कांग्रेस के व्हिप द्वारका चौधरी ने बात रखना शुरू की तो भाजपा के कॉरपोरेटर भड़क उठे। इसी बीच कांग्रेस की कॉरपोरेटर भानू महाजन, गौरव चोपड़ा ने भी बिना बहस के प्रस्ताव को मंजूर करने पर रोष जताना शुरू कर दिया। हाउस में हंगामा शुरू हो गया। गौरव चोपड़ा सीट से उठकर मंच के सामने आ गए। वहीं अन्य कांग्रेसी व निर्दलीय कॉरपोरेटरों ने भी विरोध शुरू कर दिया और नारेबाजी करने लगे। उनका कहना था कि जम्मू को पहले टोल और फिर शराब का शहर बनाया गया। अब लोगों की आस्था पर पहरा लगाने का प्रयास किया जा रहा।
यहां यह बता दें कि गत शनिवार को जम्मू नगर निगम की जनरल हाउस की बैठे हुई थी। हालांकि उस दौरान शहर के सभी धार्मिक स्थल, बैंक्वेट हाल व समारोह में बिना जिला प्रशासन की अनुमति के लगने वाली लाउडस्पीकरों को हटाने के प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो पाई थी।
गत शनिवार को आयोजित हुई नगर निगम की जनरल हाउस की बैठक के दौरान वार्ड नंबर तीन से भाजपा के कारपोरेटर नरोत्तम शर्मा ने शहर के हवा, जल और थल से बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था। जिसमें उन्होंने ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए अवैध तरीके से शहर में बजने वाले लाउड स्पीकर जिसमें विभिन्न धार्मिक स्थल पर लगे लाउडस्पीकर को हटाने की मांग की थी।
उन्होंने अपने प्रस्ताव में कहा था कि कई वैज्ञानिकों ने ध्वनि प्रदूषण से लोगों की सेहत पर बुरी असर पड़ने की बात कही है। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने भी अवैध लाउडस्पीकर को हटाने के लिए सभी प्रदेशों की सरकारों को निर्देश दिए है। जम्मू की बात कर रहे यहां हजारों की संख्या में धार्मिक स्थलों पर सुबह, दोपहर और शाम के समय लाउड स्पीकर बजते रहते है। जिससे बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ता है।