महबूबा मुफ्ती के जेहादियों से संबंधों की हो जांच
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मुसलमान नहीं बल्कि हिंदू, सिख, क्रिश्चियन, बुद्धिस्ट और जैन अल्पसंख्यक हैं। उनके इस तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगाई है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : इकजुट संगठन के चेयरमैन एडवोकेट अंकुर शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के जेहादियों के साथ संबंध आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। अंकुर ने कहा कि महबूबा के आतंकी संगठनों से संबंधों की बात खुफिया एजेंसी रॉ के दो पूर्व प्रमुख भी कह चुके हैं। ऐसे में इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से कठुआ मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की।
अंकुर ने कहा कि इस मामले में जम्मू के हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश रची गई है। महबूबा मुफ्ती की देखरेख में यह सब हुआ। एडवोकेट अंकुर ने आरोप लगाया कि महबूबा राज्य के गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के लोगों को जम्मू के हिंदुओं के खिलाफ करने में लगी हैं ताकि यहां के जनसांख्यिकीय स्वरूप को बदलने में उनका इस्तेमाल किया जा सके। उनके यह नापाक इरादे जम्मू संभाग में हर तबके के लोग समझ चुके हैं। वे इन इरादों को पूरा नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मुसलमान नहीं बल्कि हिंदू, सिख, क्रिश्चियन, बुद्धिस्ट और जैन अल्पसंख्यक हैं। उनके इस तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगाई है। अंकुर ने यह भी आरोप लगाया कि महबूबा ने अपने कार्यालय में संविधान को ताक पर रखकर जम्मू-कश्मीर को इस्लामिक राज्य बनाने का काम किया है। इकजुट संगठन का मकसद राज्य विशेषकर जम्मू संभाग में जनसांख्यिकीय स्वरूप को बदलने की साजिशों को रोकना है। जिन लोगों ने राज्य के जंगलों, जल स्त्रोतों और जमीनों पर कब्जा किया है, उनको तुरंत छुड़ाया जाए।
इकजुट संगठन ने देश से यह वादा किया है कि वे किसी को भी यहां पर अवैध कब्जा नहीं करने देंगे। अंकुर ने राज्यपाल से राज्य में हिंदुओं, सिखों, क्रिश्चियनों, बुद्धिस्ट और जैन को अल्पसंख्यकों का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने जेहाद के खिलाफ नहीं बोलने के लिए यहां के राजनीतिक दलों को भी आड़े हाथ लिया।