Jammu Kashmir : मेयर साहब, हाउस की बैठक करो, जनता मांग रही जवाब
जम्मू नगर निगम के विपक्षी कॉरपोरेटरों ने मेयर चंद्र मोहन गुप्ता से अपील की है कि वे जल्द जनरल हाउस की बैठक बुलाएं।
जम्मू, जागरण संवाददाता । छह महीने हो चुके हैं। जनरल हाउस की बैठक नहीं बुलाई गई। नेता, अधिकारी बैठकें कर रहे हैं। जम्मू नगर निगम भी जनरल हाउस की बैठक बुलाए। चाहे यह बैठक दो-तीन चरण में हो या फिर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए। लोगों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है। विकास कार्य प्रभावित हैं।
जम्मू नगर निगम के विपक्षी कॉरपोरेटरों ने मेयर चंद्र मोहन गुप्ता से अपील की है कि वे जल्द जनरल हाउस की बैठक बुलाएं। फरवरी माह के बाद जनरल हाउस की बैठक नहीं हुई है। इससे शहर में विकास कार्य तो प्रभावित हुए ही हैं, जनता को जवाब देना भी मुश्किल हो रहा है। निगम की गतिविधियों बारे भी कॉरपोरेटरों को जानकारी नहीं है। जनवरी माह में जो टेंडर आमंत्रित किए गए थे, आज तक उन पर काम शुरू नहीं हो सका। सफाई कर्मचारियों की तैनाती को लेकर लिए गए निर्णय लागू नहीं हुए। इसके अलावा पार्कों को विकसित करने समेत वार्ड में अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
वहीं मेयर चंद्र मोहन गुप्ता का कहना है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर जनरल हाउस की बैठक बुलाना मुश्किल हो रहा है। हमारी पूरी कोशिश है कि कॉरपोरेटरों के साथ बातचीत करते हुए विकास करवाएं। वार्डों में जाकर विभिन्न विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। कॉरपोरेटर हमारे पास आकर बात रखें। उनका समाधान हमारी प्राथमिकता रहेगा।
विकास कार्य हो रहे प्रभावित
‘छह महीने गुजर गए हैं। जनरल हाउस की बैठक नहीं करवाई गई। प्रधानमंत्री से लेकर अधिकारियों तक रोजाना बैठकें कर रहे हैं। हम चुने हुए प्रतिनिधि हैं। कोरोना दिशा निर्देशों का पालन करते हुए बैठक करवाई जा सकती है। 25-25 कॉरपोरेटर बुलाकर ही जनरल हाउस लगाया जाए। लोगों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है।’
-द्वारका चौधरी, कॉरपोरेटर एवं निगम में कांग्रेस के चीफ व्हिप
‘निगम बने दो साल का समय होने वाला है। वांछित विकास नहीं हुआ। निगम में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा। इसके लिए जनरल हाउस बुलाना बहुत जरूरी है। नियमों का पालन होना चाहिए। विकास कार्य प्रभावित हैं। निगम में भ्रष्टाचार फैल रहा है। कोई पूछ तक नहीं रहा। हाउस में फैसले लिए जा सकते हैं।’
-गौरव चोपड़ा, कॉरपोरेटर
‘शहर को विकसित करने के लिए ही कॉरपोरेटर चुने गए थे। अफसोस की बात है कि जनरल हाउस की बैठक तक नहीं बुलाई जा रही। निगम में सफाई कर्मचारी नहीं हैं। वार्डों में विकास कार्य नहीं हो रहे। टेंडर भरे तो गए लेकिन काम शुरू नहीं हुए। ऐसी दर्जनों समस्याएं पेश आ रही हैं। हाउस लगेगा, तभी बात रख पाएंगे।’
-प्रीतम सिंह, कॉरपोरेटर
‘अधिकारियों को बोल-बोल कर थक गए हैं। कोई परवाह ही नहीं करता। लोग विकास चाहते हैं। काेरोना में लोगों की कॉरपोरेटरों से अपेक्षाएं और बढ़ गई हैं। हमारी कोई सुन नहीं रहा। हाउस में अपनी बात रख सकते हैं। वो भी नहीं लगाया जा रहा है। जल्द हाउस की बैठक होनी चाहिए।’
-सुच्चा सिंह, कॉरपोरेटर