आज बिगड़ेगा मौसम, सरकार अलर्ट
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य में सोमवार से भारी बर्फबारी व बारिश की चेतावनी के बाद सरकार अलट
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य में सोमवार से भारी बर्फबारी व बारिश की चेतावनी के बाद सरकार अलर्ट हो गई है। 434 किलोमीटर लंबे लेह-श्रीनगर राजमार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। बर्फबारी से निपटने के लिए 18 कंट्रोल रूम बनाए हैं। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में पश्चिम विक्षोभ के 15 दिसंबर तक सक्रिय रहने से बर्फबारी व बारिश होने का पुर्वानुमान है।
कश्मीर संभाग की उच्च पर्वतीय इलाकों में 11 दिसंबर से बर्फबारी की आशंका को देखते हुए डिवीजनल कमिश्नर बसीर खान ने शेष देश से कटा लद्दाख, श्रीनगर-लेह राजमार्ग बंद कर दिया। जोजिला पास बंद कर देने से सर्दियों में लद्दाख वायु मार्ग से राज्य और देश के अन्य हिस्सों से जुड़ा रहेगा। अगले वर्ष गर्मियों में ही अप्रैल या मई में श्रीनगर, मनाली राजमार्गो से कारगिल, लेह जाना संभव होगा। जल्द राज्य प्रशासन के प्रयासों से कारगिल के लिए वायुसेना की कोरियर सेवा शुरू होने से लोगों को राहत मिलेगी। वायुसेना के विमान ही जम्मू, श्रीनगर से लद्दाखियों को कारगिल से लाते हैं। लद्दाख में खाने, पीने, रसोई गैस व अन्य जरूरी सामान का भंडारण कर दिया है। गर्मियों में जोजिला पास खुलने के बाद क्षेत्र में सामान से लदे ट्रकों की आमद शुरू हो जाएगी। मुख्य सचिव बीबी व्यास ने कश्मीर प्रशासन को मौसम से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी डिप्टी कमिश्नरों से अपने जिलों में बर्फबारी से पहले मशीनरी और कर्मचारियों की नियुक्ति करने को भी कहा। रविवार को हुई बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि सभी संवेदनशील क्षेत्रों में बर्फ को हटाने के लिए मशीनें लगाएं ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो। कश्मीर में अठारह कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। दस दक्षिण कश्मीर, पांच उत्तर कश्मीर और तीन मध्य कश्मीर में बनाए हैं। मौसम पर नजर रखने के लिए प्रांतीय स्तर पर एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है। सभी प्रमुख सड़कों व कंट्रोल रूम के पास बर्फ हटाने के लिए कुल 141 मशीनें लगाई हैं। कश्मीर को श्रीनगर, बारामुला और अनंतनाग जोन में बांटा है। इसके अलावा गुरेज, टंगधार, कुपवाड़ा, टंगमार्ग, खन्नाबल, डूरू, कोकरनाग, शंगस, पहलगाम, पुलवामा, शोपियां, बडगाम, गांदरबल और बांडीपोरा में सब कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। बर्फ हटाने के लिए चार हजार कर्मचारियों को तैयार रखा गया है। प्रशासन को बिजली, पानी, मिट्टी का तेल, राशन की आपूर्ति बनाए रखने को कहा गया। इस दौरान बताया गया कि तीन महीनों के लिए घाटी के पांच सौ केंद्रों में राशन को स्टोर करके रखा गया है। यही नहीं एलपीजी बीस दिनों के लिए, पेट्रोल पंद्रह दिनों के लिए और डीजल बीस दिनों के लिए रखा गया है।