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Jammu Kashmir: जिंदगी के लिए दो दिल दिन-रात दौड़ते रहे एंबुलेंस के पहियों पर

कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला को प्रसव से पहले और बाद में भी भटकना पड़ा इलाज के लिए राजौरी से जम्मू के बीच डेढ़ सौ किलोमीटर के सफर में बार-बार अस्पताल के दरवाजे तक पहुंची

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 09:44 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 09:44 AM (IST)
Jammu Kashmir: जिंदगी के लिए दो दिल दिन-रात दौड़ते रहे एंबुलेंस के पहियों पर
Jammu Kashmir: जिंदगी के लिए दो दिल दिन-रात दौड़ते रहे एंबुलेंस के पहियों पर

जम्मू/राजौरी, जागरण न्यूज नेटवर्क। प्रसव पीड़ा से बुरी तरह कराहती महिला पर शनिवार की दोपहर से रविवार की सुबह तीन बजे करीब तेरह घंटे तक क्या गुजरी होगी, इसका अंदाजा सहज तो नहीं लगाया जा सकता। वह भी ऐसी महिला जो कोरोना से संक्रमित है। सरकारी एंबुलेंस में वह सड़क पर कभी बड़े अस्पताल की ओर तो कभी छोटे अस्पताल का मुंह ताकती रही। इसलिए कि कहीं कोई इंसान के रूप में भगवान आ जाए और उसकी नब्ज देख ले। दर्द यहीं नहीं रुका, उसे तो एंबुलेंस में प्रसव के बाद भी नवजात को सीने से लगाए हुए भटकना पड़ा।

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बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दंभ भरने वाले स्वास्थ्य विभाग की इन हदों से आजिज महिला के पास आंखों से आंसू और सीने से उठती कराहने की आवाज के अलावा कुछ नहीं था। पूरे वाकये को यूं समझिये। अगर भावनाएं जिंदा होंगी तो आपकी आंखों में आंसू छलक आएंगे। राजौरी जिले के लाम गांव की एक महिला कोरोना संक्रमित हो गई थी।

स्वास्थ्य विभाग ने गत वीरवार को उसे राजौरी शहर से महज सात किलोमीटर दूर धन्नीधार स्थित कोविड केयर सेंटर में रखा था। कोरोना के डर के बीच भी सबकुछ ठीक चल रहा था। घर में खुशियां आने वाली थीं जो। यहां दो दिन गुजर गए। शनिवार की दोपहर को गर्भस्थ शिशु ने हलचल की। महिला को प्रसव पीड़ा हुई। यह बात उसे कोविड केयर सेंटर में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों को बताई।

उन्होंने तुरंत बंदोबस्त किया और एंबुलेंस से दोपहर को ही राजकीय मेडिकल कॉलेज राजौरी में भेज दिया। यहां तीन घंटे रही। उसे जरूरी इंजेक्शन आदि दिए गए। इसके बाद उसे जम्मू के लिए रेफर करने की सूचना दी गई। राजौरी से जम्मू की दूरी करीब 150 किलोमीटर है।

1. राजौरी से चल दी एंबुलेंस

सरकारी एंबुलेंस से महिला को जम्मू के लिए ले जाया जाने लगा। अभी वह सुंदरबनी से कुछ पहले पहुंची ही थी कि उसे बहुत तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। सफर के चलते भी महिला हालात बिगड़ना शुरू हो गई। एंबुलेंस चालक उसे तत्काल उप जिला अस्पताल सुंदरबनी ले गया। उम्मीद थी कि कोई सुखद खबर मिलेगी।

2. जब उप जिला अस्पताल में पहुंचे

एंबुलेंस चालक ने वहां देखा कि उप जिला अस्पताल सुंदरबनी में बीएमओ नहीं है। महज कुछ नर्स ही हैं। नर्सो ने दूर से महिला की जांच कर उसे वहां से जम्मू के लिए रवाना कर दिया। नर्सो ने बताया कि उनके इस अस्पताल में कोरोना से पीडि़त मरीजों को इस तरह का इलाज देने की कोई सुविधा नहीं है। उन्हें कोरोना संक्रमितों की डिलीवरी करने का प्रशिक्षण नहीं मिला है और न ही ऐसे मरीजों की डिलीवरी कराने के लिए उसके पास उपकरण हैं। इसलिए उसे जम्मू जाना ही होगा।

3..और फिर चल दिए जम्मू की ओर

उप जिला अस्पताल सुंदरबनी से गर्भवती महिला को थोड़ी मायूसी हुई, एंबुलेंस चालक को भी, पर हिम्मत नहीं हारी और चल दिए जम्मू की ओर। शाम ढलने लगी थी। अभी कुछ किलोमीटर आगे बढ़े ही थे कि महिला ने एंबुलेंस में ही स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। खुशियां बिखरीं, पर इलाज भी तो मिलना था। एम्बुलेंस चालक ने अतिरिक्त जिला आयुक्त राजौरी ठाकुर शेर ¨सह को फोन लगाकर पूरे हालात बता दिए। उनके कहने पर फिर वापस चल दिए उप जिला अस्पताल सुंदरबनी के पास।

4..फिर लौट आए सुंदरबनी

उम्मीदों का दामन फैलाए महिला फिर उप जिला अस्पताल सुंदरबनी पहुंची। यहां न तो महिला रोग विशेषज्ञ मौजूद था और न ही ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी। यह बात पहले ही बता चुके हैं। यहां दोबारा लौटने का भी कोई लाभ नहीं मिला। हालांकि, तब तक उच्च अधिकारी की सूचना पर एडीसी सुंदरबनी विनोद कुमार यहां पहुंच गए थे। उन्होंने अपनी मौजूदगी में जितना हो सकता था, उपचार दिलाया। इसके बाद फिर से जम्मू की ओर चल दी एंबुलेंस।

5. आखिर नवजात के साथ जम्मू पहुंची महिला

सुंदरबनी में रात हो गई थी। रात को ही एंबुलेंस फिर सड़क पर दौड़ने लगी। शनिवार-रविवार की रात करीब तीन बजे महिला एवं नवजात बच्चे को गांधीनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस अस्पताल को कोविड अस्पताल में बदला गया है। गांधीनगर अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि मां ओर बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

जांच के आदेश, कार्रवाई होगीअतिरिक्त जिला आयुक्त राजौरी ठाकुर शेर ने कहा कि यह गंभीर मामला है। जैसे ही एंबुलेंस चालक ने फोन करके इस संबंध में सूचित किया, उसी समय ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी सुंदरबनी से संपर्क किया गया। वह सुंदरबनी में मौजूद नहीं थे। इसके बाद महिला रोग विशेषज्ञ से संपर्क किया गया। वह भी मौजूद नहीं थे। इसके बाद एडीसी सुंदरबनी विनोद कुमार को फोन करके सूचित किया। वह खुद उपजिला अस्पताल पहुंचे तथा महिला व बच्चे का उपचार करवाया। उन्होंने कहा कि जांच के आदेश जारी किए गए हैं। इस जांच में जो भी दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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