Jammu: केंद्र सरकार के खिलाफ क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे ट्रांसपोर्टरों को पुलिस ने हिरासत में लिया
जब तक उनकी ये मांगे पूरी नहीं होंगी उनकी क्रमिक भूख हड़ताल जारी रहेगी। अगर इस पर भी सरकार नहीं चेती तो फिर आमरण अनशन शुरू होगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता। देश के दूसरे राज्यों की तरह जम्मू-कश्मीर में यात्री वाहनों को चलाने की अनुमति प्रदान करने, 50 प्रतिशत यात्री किराया बढ़ाने की मांग को लेकर आज से जम्मू-कश्मीर के ट्रांसपोर्टरों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। बिक्रम चौक में विशाल रैली निकालने के बाद ट्रांसपोर्टरों ने महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा के समीप आज से क्रमिक भूख हड़ताल की शुरूआत की। हालांकि कोरोना प्रकोप के कारण जम्मू-कश्मीर में लॉकडाउन के दौरान जारी पाबंदियों का हवाला देते हुए वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने ट्रांसपोर्टरों को धरना उठाने के लिए भी कहा। जब ट्रांसपोर्टरों ने उनकी बातों को अनसुना कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाना शुरू किए तो पुलिस ने क्रमित भूख हड़ताल पर बैठे आल जेएंडके ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के चेयरमैन टीएस वजीर, महासचिव विजय कुमार शर्मा, मिनी बस वर्कर्स यूनियन के प्रधान विजय विजय सिंह चिब, रेलवे टैक्सी आपरेटर यूनियन के पूर्व प्रधान देवेंद्र चौधरी और ट्रांसपोर्टर कुलदीप सिंह सहित करीब 25 ट्रांसपोर्टरों को हिरासत में लेते हुए नवाबाद पुलिस थाने में रखा है।
केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसपोर्टरों को वित्तीय पैकेज नहीं दिए जाने पर ट्रांसपोर्टर पहले से ही नाराज थे। एसोसिएशन ने सरकार को तीन दिन का समय देते हुए यह साफ कर दिया था कि यदि सरकार ने इस दौरान यात्री वाहनों का किराया 50 प्रतिशत बढ़ाने के साथ तयशुदा क्षमता से 50 प्रतिशत कम सवारियां लेकर दौड़ने की अनुमति नहीं दी तो ट्रांसपोर्टर आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। इस चेतावनी को अनसुना कर प्रदेश ने ट्रांसपोर्टरों की मांगों पर कोई भी फैसला नहीं दिया। सरकार के इस रवैये पर भड़के ट्रांसपोर्टर आज बिक्रम चौक में इकट्ठा हुआ। वहां से विशाल रैली निकालते हुए ये ट्रांसपोर्टर पुल पर पहुंचे और वहां यातायात बाधित कर उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। करीब एक घंटे तक चले इस प्रदर्शन के बाद ट्रांसपोर्टर महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा के समक्ष पहुंचे और एसोसिएशन के चेयरमैन के नेतृत्व में पांच सदस्यों ने क्रमित भूख हड़ताल पर बैठ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया।
ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन स. टीएस वजीर ने कहा कि गत 15 मार्च से लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्टरों ने सड़कों पर वाहन दौड़ाना बंद कर दिए थे। कोरोना वायरस संक्रमण से रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए जाने वाले सभी प्रभावी कदमों का ट्रांसपोर्टर कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करते आए हैं। केंद्र सरकार ने सभी वर्गों के लिए राहत पैकेज तो जारी कर दिया लेकिन ट्रांसपोर्टरों को इससे पूरी तरह से नजरंदाज किया गया। लाॅकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्टरों को भी करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। बावजूद इसके विभिन्न कमर्शियल वाहनों के मालिकों ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए वाहन दौड़ाने वाले चालकों और कंडक्टरों की आर्थिक रूप से काफी मदद की है।
एसोसिएशन ने उपराज्यपाल को भी अपनी परेशानियों से अवगत करवाया परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। जहां तक की अन्य किसी भी राजनीतिक पार्टी ने ट्रांसपोर्टरों के हितों की बात नहीं की। वजीर ने कहा कि सरकार की ओर से रेल और हवाई सेवाएं बहाल कर दी गई है। शराब की दुकानें सहित अन्य बाजार को भी खोल दिया है लेकिन यात्री वाहनों को सड़काें पद दौड़ाने की अभी तक इजाजत नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और राजस्थान में सरकार की ओर से यात्री किरायों में 20 से 30 प्रतिशत बढ़ोतरी करने के उपरांत शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बसें एवं अन्य यात्री वाहन दौड़ रहे हैं। इसी तर्ज पर जम्मू-कश्मीर में भी ट्रांसपोर्टर शारीरिक दूरी का अनुपालन करने के लिए तैयार हैं। यात्री वाहनों को तयशुदा क्षमता से 50 प्रतिशत कम सवारियां लेकर दौड़ाने की अनुमति मिलनी चाहिए। इसके लिए सरकार को यात्री किरायों में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करना पड़ेगा तभी ट्रांसपोर्टर अपने यात्री वाहन सड़कों पर दौड़ा सकेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी ये मांगे पूरी नहीं होंगी उनकी क्रमिक भूख हड़ताल जारी रहेगी। अगर इस पर भी सरकार नहीं चेती तो फिर आमरण अनशन शुरू होगा।
इसी बीच वहां पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में घोषित लॉकडाउन की पाबंदियों का हवाला देते हुए धरना उठाने के लिए कहा। ट्रांसपोर्टर नहीं माने और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे एसोसिएशन के सदस्यों सहित करीब 25 ट्रांसपोर्टरों को हिरासत में ले लिया। सभी ट्रांसपोर्टरों को फिलहाल नवाबाद पुलिस थाने में रखा गया है।