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Jammu Kashmir Terroist: किश्तवाड़ में फिर आतंकवाद को जिंदा करने की थी साजिश

Jammu Kashmir Terroist एनआइए ने परिहार बंधुओं की हत्या में करीब डेढ़ साल बाद अदालत में दायर किया आरोपपत्र छह आरोपितों में तीन आतंकी मारे जा चुके तीन ओजीडब्ल्यू हिरासत में

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 08:43 AM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 08:43 AM (IST)
Jammu Kashmir Terroist: किश्तवाड़ में फिर आतंकवाद को जिंदा करने की थी साजिश
Jammu Kashmir Terroist: किश्तवाड़ में फिर आतंकवाद को जिंदा करने की थी साजिश

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले में भाजपा के तत्कालीन प्रदेश सचिव अनिल परिहार व उनके भाई अजीत परिहार की हत्या के मामले में शुक्रवार को करीब डेढ़ साल बाद अदालत में आरोपपत्र दायर किया है।

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हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने डोडा, रामबन और किश्तवाड़ में दोबारा अलगाववाद व आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश के तहत पहली नवंबर 2018 को किश्तवाड़ में परिहार बंधुओं को मौत के घाट उतारा था। साजिश का मुख्य सूत्रधार आतंकी जहांगीर सरूरी फिलहाल फरार है और उसकी तलाश जारी है।

जम्मू स्थित एनआइए की विशेष अदालत में पेश किए गए आरोपपत्र में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आरोपी बनाए गए छह आरोपितों में से हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकी ओसामा बिन जावेद, हारुन अब्बास वानी और जाहिद हुसैन बीते एक साल के दौरान सुरक्षाबलों के साथ हुई विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। अन्य तीन आरोपितों में निसार अहमद शेख, निशाद अहमद बट और आजाद हुसैन बागवान है। इन तीनों को 20 नवंबर 2019 को पकड़ा गया था। ये तीनों परिहार बंधुओं की हत्या को अंजाम देने वाले आतंकियों के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) काम करते थे।

क्या है आरोप पत्र में :

एनआइए ने अपने आरोपपत्र में अदालत को बताया है कि जांच के दौरान पता चला कि हिजबुल मुजाहिदीन से संबंधित यह आतंकी और ओवरग्राउंड वर्कर डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में एक बार फिर आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश से जुड़े हुए थे। आतंकी इस पूरे क्षेत्र को एक बार फिर आतंकवाद और अलगाववाद का गढ़ बनाना चाहते थे। इन आतंकियों ने न सिर्फ परिहार बंधुओं की हत्या की बल्कि यह वर्ष 2019 के दौरान भी किश्तवाड़ व उसके साथ सटे इलाकों में अन्य आतंकी वारदातों में भी शामिल रहे हैं।

इस पूरी साजिश को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर जहांगीर सरूरी ने रचा था। यह सभी आतंकी और उनके ओवरग्राउंड वर्कर डोडा-रामबन-किश्तवाड़ रेंज में आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा, हथियार व अन्य साजो सामान जुटाने के नए तौर तरीके भी तलाश रहे थे। इन्होंने पुलिस और संरक्षित व्यक्तियों के अंगरक्षकों से हथियार भी लूटे। एनआइए ने अदालत को बतया कि जहांगीर सरूरी व अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।


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