जम्मू-कश्मीर में शिक्षा को पटरी पर लाने की मुहिम तेज, विद्यार्थियों को नए कोर्स पढ़ने को मिलेंगे
स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से बनाई गई इस उप समिति का मकसद हायर सेकेंडरी स्कूलों में नए विषय शुरु करना था लेकिन उदासीन रवैये से इस दिशा में कुछ हो नहीं पाया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में शिक्षा को पटरी पर लाने की मुहिम तेजी के साथ शुरु हो गई है। जो काम पिछले पांच छह सालों से अधर में लटके हुए थे, उन्हें अब प्रथामिकता पर किया जा रहा है। विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून की सक्रियता ने विभाग में नई जान डाल दी है। अब विद्यार्थियों को नए कोर्स पढ़ने को मिलेंगे।
जम्मू कश्मीर के हायर सेकेंडरी स्कूलों में पिछले पांच साल से कोई नया विषय शुरु नहीं किया गया है। हालांकि पूर्व जम्मू कश्मीर में साल 2018 में एक उप समिति का गठन किया गया था जिसने नए विषय शुरु करने को लेकर अपने सुझाव देने थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे विभाग की गंभीरता का पता चलता है कि हायर सेकेंडरी स्कूलों में सालों पहले शुरु किए गए विषय ही पढ़ाए जा रहे है। कई ऐसे विषय है जो कालेज और विश्वविद्यालय स्तर पर तो है लेकिन हायर सेकेंडरी स्कूलों में नहीं है। स्टेटेटिक्स, बायो- टेक्नोलाजी, पर्यावरण विज्ञान समेत कई अहम विषय है जो हायर सेकेंडरी स्कूलों में नहीं है। दूर दराज और ग्रामीण इलाकों में तो कई हायर सेकेंडरी स्कूल में साइंस के अहम विषय भी नहीं है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सरकार ने अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए विभाग को पटरी पर लाने के प्रयास किए है। अब उप समिति की बैठक 13 जुलाई को होने जा रही है।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रशासनिक सचिव उप समिति के कनवीनर है। कनवीनर समेत दस सदस्यीय उप समिति में कालेजों के निदेशक, जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग कश्मीर के निदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग जम्मू के निदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से नामांकित किए जाने वाले कालेजों के दो विशेषज्ञ, एसपी हायर सेकेंडरी स्कूल श्रीनगर के प्रिंसिपल, हायर सेकेंडरी स्कूल राजपोरा सांबा के प्रिंसिपल शामिल किया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से बनाई गई इस उप समिति का मकसद हायर सेकेंडरी स्कूलों में नए विषय शुरु करना था लेकिन उदासीन रवैये से इस दिशा में कुछ हो नहीं पाया। अब स्कूल शिक्षा विभाग मौजूदा समय को ध्यान में रखकर नए कोर्स शुुरु करेगा। ऐसे विषय शुरु होंगे जो रोजगार दिलाने में मददगार होंगे। जो विषय कालेजों में है, उनको भी हायर सेकेंडरी स्कूलों में शुरु किया जाएगा।