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नीति आयोग के सूचकांक में जम्मू-कश्मीर छाया; कृषि उत्पादन, नव अक्षय ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार

देश के अन्य भागों की तरह जम्मू कश्मीर भी लैंगिक अनुपात में वृद्धि की समस्या का सामना कर रहा है। पहले एक हजार पु़रुषों के मुकाबले 917 महिलाएं थी लेकिन एक साल के दौरान अनुपान एक हजार पुरुषों के मुकाबले 927 महिलाओं तक पहुंच गया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 07:46 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 07:46 AM (IST)
नीति आयोग के सूचकांक में जम्मू-कश्मीर छाया; कृषि उत्पादन, नव अक्षय ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार
जम्मू कश्मीर में 42 किस्मों के जंगल हैं जो देश में सबसे ज्यादा हैं

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: कठिन भौगोलिक परिस्थितियां, औद्योगिककरण में पिछड़ापन, रोजगार में कमी, आतंकवाद और कोरोना जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर ने नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक पर देश के कई अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया।

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महाराष्ट्र, तेलंगाना जैसे राज्य भी जम्मू कश्मीर से पीछे हैं। एक साल में जम्मू कश्मीर ने प्रत्येक क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है। कृषि उत्पादन शिक्षा, नव अक्षय ऊर्जा, नागरिक सुविधाओं, वनीय क्षेत्र का विस्तार और लैंगिक समानता के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार और बेहतर प्रदर्शन किया है।

स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना तंत्र के रूटीन इम्युनाइजशन प्रोग्राम डैशबोर्ड के मुताबिक, अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक देश में नौ से 11 माह तक के 91 फीसद बच्चों को सभी टीके लगाए। राष्ट्रीय स्तर पर यह लक्ष्य 100 फीसद रखा गया था। जम्मू कश्मीर,महाराष्ट्र व लद्दाख ने यह लक्ष्य प्राप्त किया है।

एचआइवी संक्रमण दर जो एक हजार की गैर संक्रमित आबादी के अनुमान पर 2017 में 0.07 फीसद थी, वर्ष 2019 में घटकर 0.05 फीसद हो गई। जम्मू कश्मीर और लद्दाख देश के उन चुनिंदा केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं जहां यह संक्रमण दर एक हजार की गैर संक्रमित आबादी में 0.02 फीसद से नीचे है। 2 छोटे बच्चों की मृत्यु दर जो एक लाख की जन्म दर के आधार पर 38 थी 2019 में घटकर 23 हो गई।

एक साल में अस्पतालों में प्रसव की दर भी 94.60 फीसद हुई है। वर्ष 2019 में सेकेंडरी स्तर पर पढ़ाई छोडऩे वाले बच्चों की संख्या 2019 में 24.81 फीसद थी जो एक साल में घटकर 17.81 फीसद रह गई। इसके अलावा सेकेंडरी स्तर पर जम्मू कश्मीर में स्कूलों में छात्रों और अध्यापकों का अनुपात 12:1 हुआ है। जम्मू कश्मीर में 84 फीसद स्कूलों में बिजली व पेयजल की सुविधा है।

महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी : देश के अन्य भागों की तरह जम्मू कश्मीर भी लैंगिक अनुपात में वृद्धि की समस्या का सामना कर रहा है। पहले एक हजार पु़रुषों के मुकाबले 917 महिलाएं थी, लेकिन एक साल के दौरान अनुपान एक हजार पुरुषों के मुकाबले 927 महिलाओं तक पहुंच गया। महिलाओं के प्रति अपराधों में जम्मू कश्मीर में कमी आई है। भारत सरकार ने वर्ष 2030 तक देश में कुल ऊर्जा उत्पादन का 40 फीसद गैर पंरपरागत स्रोतों स जुटाने का लक्ष्य रखा है। 450 जीडब्लयू ऊर्जा नवीकरणीय स्रातों से जुटाई जाएगी। भारत में कुल बिजली उत्पादन का 36.37 फीसद नवीकरणीय स्रोतों से ही पैदा हो रहा है। जम्मू कश्मीर 2.5 जीडब्लयू ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से पैदा करते हुए देश के अन्य केंद्र शासित राज्यों से आगे है।

वनीय क्षेत्र में 20 फीसद बढ़ोत्तरी : नीति आयोग के सूचकांक के मुताबिक, एक साल के दौरान वनीय क्षेत्र में 20 फीसद बढ़ोत्तरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में 2019 के दौरान वनीय क्षेत्र 10.46 फीसद था जो वर्ष 2020 में बढ़कर 39.66 फीसद हो गई। जम्मू कश्मीर में 42 किस्मों के जंगल हैं जो देश में सबसे ज्यादा हैं और जम्मू कश्मीर के वनीय पारिस्थिति संतुलन की विविधता को इंगित करते हैं। 


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