धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को लगी पाकिस्तान की नजर, जमीं से आसमां तक मुंह बाए है मौत
सीमा पार से दागे गए मोर्टार शेल से लगी आग ने पूरी तरह से तबाह कर दिया। फार्म में रहने वाले परिवार बड़ी मुश्किल से जान बचाकर वहां से निकल पाए।
जम्मू, सुरेंद्र सिंह। सीमांत क्षेत्र के लोगों की पांच दिनों से आगे कुंआ पीछे खाई जैसी स्थिति बनी हुई है। लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वे जाएं तो जाएं कहां। अगर वे अपने घर को छोड़ कर जाते हैं तो पीछे उनके मवेशी या तो भूख से या फिर पाकिस्तान की गोलाबारी का शिकार हो सकते हैं। अगर घर में रहते हैं तो पता नहीं कब कोई मोर्टार शेल उनके घर पर गिर जाए और उन्हें जान गंवानी पड़े। शुक्रवार से शुरू हुई गोलाबारी अब तक रुकने का नाम नहीं ले रही है।
इस समय हालात ऐसे हो चुके हैं कि पाकिस्तानी रेंजर सीमांत इलाकों में मोर्टार दाग कर लोगों में दहशत का माहौल बना रहे हैं। अगर लोग मोर्टार से बचने के लिए घरों से निकलते हैं तो उनकी एमएमजी लोगों पर गोलियां बरसा रही हैं। हालांकि पाकिस्तान की गोलियां ज्यादा दूर तक तो नहीं पहुंच रही हैं, लेकिन जो गांव बिलकुल सीमा से सटे हैं वहां जरूर लोगों के घरों की दीवारें गोलियों से छलनी हो रही हैं।
अरनिया चंगिया गांववासी तरसेम लाल का कहना है कि पाकिस्तानी रेंजर एमएमजी की गोलियों से शुरुआत करते हैं। उसके बाद मोर्टार दागने शुरू कर देते हैं। गोलाबारी से बचने के लिए लोग घरों में घुसकर अपनी जान बचा सकते हैं, लेकिन जब मोर्टार घर के ऊपर गिरता है तो जान बचाने के लिए बाहर निकलना पड़ता है। ऐसे में उन्हें बाहर गोली लगने का भी डर बना रहता है।
पाकिस्तानी गोलाबारी से अरनिया क्षेत्र की आठ पंचायतों के करीब 30 हजार लोग बेघर होकर रह गए हैं। वे लोग दिन में अपने घर में मवेशियों को चारा डालने के लिए तो आते हैं, लेकिन सूरज ढलते ही शरणार्थी शिविर या फिर अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले रहे हैं।
काकू दे कोठे में रहने वाली महिला रानो देवी का कहना है कि उनके लिए तो गोलाबारी अब रोज की बात हो गई है। वे हर पल जरूरी सामान बांधकर रखते हैं क्योंकि पता नहीं कब उन्हें भागना पड़े।
रमजान में पाकिस्तान ने छीन लिए आशियाने
रमजान के पवित्र महीने में नापाक मंसूबे रखने वाले पाकिस्तान ने रोजे रख रहे गुज्जरों के घर तबाह कर दिए। आरएसपुरा के जिस जोड़ा फार्म में गुज्जर परिवार रमजान को लेकर बड़े उत्साहित थे। सोमवार तक वहां पर बड़ी रौनक थी, मंगलवार को वहां पर गुज्जरों के कुल्ले राख में बदल गए। सीमा पार से दागे गए मोर्टार शेल से लगी आग ने कुल्लों को पूरी तरह से तबाह कर दिया। फार्म में रहने वाले परिवार बड़ी मुश्किल से जान बचाकर वहां से निकल पाए।
रमजान को कोई महत्व न देने वाले पाकिस्तान ने जम्मू शहर में दूध सप्लाई कर परिवार पालने वालों को सड़क पर ला दिया। राख में से गुज्जर परिवार मंगलवार को बचा खुचा सामान निकालने के लिए जद्दोजहद दूर करते दिखे। ऐसे हालात में उन्होंने जोड़ा फार्म से सुरक्षित दूरी पर सड़क किनारे ही अपना डेरा जमा लिया। सुबह उन्होंने सहरी खाकर रोजा शुरू किया व शाम को रोजा तोड़ने के लिए इन परिवारों के पास खाने, पीने का कोई बंदोबस्त नहीं था।
यह पहली बार नहीं है जब जोड़ा फार्म में रहने वाले गुज्जरों के घरों पर पाकिस्तान ने गोले दाग कर उनकी जान लेने की कोशिश की है। रमजान में गोले फेंकने वाले पाकिस्तान ने कुछ समय पूर्व ईद के दिन भी पाकिस्तान ने जोड़ा फार्म पर गोले दागकर सुबूत दिया कि उसके लिए त्योहार, धर्म, ईमान कोई मायने नहीं रखता है। कई बार जोड़ा फार्म के लोग गोलीबारी की चपेट में आने के बाद घायल भी हो चुके हैं।जोड़ा फार्म के निवासी कमर दीन ने बताया कि पाकिस्तान उन्हें जीने नहीं दे रहा है।
परिवारों ने रोजे रखे थे व पाकिस्तान ने गोले दागने के लिए रमजान का दिन चुना। उन्होंने बताया कि देर रात को गोलाबारी शुरू होते ही दहशत का माहौल बन गया था। ऐसे में फार्म के निवासी बड़ी मुश्किल से जान बचाकर वहां से निकल पाए। कुल्लों के अंदर का सारा सामान गोले गिरने से लगी आग में तबाह हो गए। अब रमजान में प्रभावित परिवारों को अपनी गृहस्थी बसाने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी। पाकिस्तान की गोलाबारी की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश अकारण गोले दागकर न सिर्फ हमारे लिए अपितु अपने इलाके में बसे लोगों के लिए भी मुश्किलें पैदा करता है। उसके लिए आम लोगों की जानें कोई मायने नहीं रखती हैं।