सरकारी नौकरी में पांच साल प्रोबेशन पर सियासत गरमाई, विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर साधा निशाना
एसआरओ 202 को पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में 30 जून 2015 को पूर्व पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के समय में लागू किया गया था। इसका भारी विरोध होता रहा है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी के सात हजार से अधिक पदों को भरने के लिए जम्मू कश्मीर सर्विस सिलेक्शन बोर्ड को रेफर करते ही स्टेट रेगुलेटरी ऑर्डर (एसआरओ) 202 को लेकर राजनीति तेज हो गई है। यह एसआरओ उम्मीदवारों को सरकारी नौकरी पर नियुक्त होने के पांच साल तक प्रोबेशन पर रखने का प्रावधान करता है। इसके तहत पांच साल तक बेसिक वेतन ही मिलेगा। पांच साल पूरे होने के बाद ही उम्मीदवार को वार्षिक इंक्रीमेंट, महंगाई भत्ता, आवासीय भत्ता आदि मिलते हैं। उम्मीदवार को आधा वेतन ही मिल पाता है। विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
एसआरओ 202 को पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में 30 जून 2015 को पूर्व पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के समय में लागू किया गया था। इसका भारी विरोध होता रहा है। बावजूद इसके आज तक इसे वापस नहीं लिया गया। अब जबकि नौकरियां निकल चुकी हैं तो एसआरओ के वापस न होने पर उम्मीदवारों के नियुक्त होने पर आधा वेतन ही मिलेगा। यह पहली बार नहीं है, जब इस मुद्दे पर विपक्ष हावी हुआ है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी इसे वापस लेने की मांग उठी थी। तब कांग्रेस के वरिष्ठ और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर एसआरओ को वापस लेने की मांग की थी। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार दस हजार पदों के लिए अधिसूचना जारी होने वाली है।
भाजपा नाकाम : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा का कहना है कि एसआरओ 202 को वापस लेने में भाजपा नाकाम रही है। पढ़े लिखे युवाओं से बेइंसाफी की जा रही है।
आधे वेतन पर काम : नेकाां के संभागीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा का कहना है कि युवाओं को पांच साल तक आधे वेतन पर काम करना पड़ रहा है। नए पद निकाले जा रहे हैं, लेकिन एसआरओ को वापस नहीं किया गया है।
गुमराह किया : पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने कहा कि भाजपा युवाओं को गुमराह करती रही है। भाजपा एसआरओ पर चुप क्यों बैठी हुई है।
युवाओं से मजाक: एनएसयूआइ राष्ट्रीय प्रधान नीरज कुंदन ने कहा कि हमारी पहले से मांग रही कि एसआरओ को वापस कर युवाओं से मजाक बंद हो।