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Militancy in Kashmir: पंचायत-नगर निकाय प्रतिनिधियों समेत राजनीतिक कार्यकर्ताओं के सुरक्षा क्वच का ब्लू प्रिंट तैयार

तीन सितंबर को वादी में जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस बल के नियंत्रण कक्ष के एसएसपी ने भी सभी वाहिनियों के कमांडेट को इस बाबत निर्देश जारी किया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 04:48 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 04:52 PM (IST)
Militancy in Kashmir: पंचायत-नगर निकाय प्रतिनिधियों समेत राजनीतिक कार्यकर्ताओं के सुरक्षा क्वच का ब्लू प्रिंट तैयार
Militancy in Kashmir: पंचायत-नगर निकाय प्रतिनिधियों समेत राजनीतिक कार्यकर्ताओं के सुरक्षा क्वच का ब्लू प्रिंट तैयार

श्रीनगर, नवीन नवाज। पंचायत और नगर निकाय प्रतिनिधियों समेत वादी के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले मुख्याधरा से जुड़े राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षा क्वच का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस संगठन के सशस्त्र बल के युवा पुलिसकर्मियों को ये जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इन जवानाें को सुरक्षा क्वच में शामिल करने से पूर्व विभिन्न परिस्थितियों से निपटने का एक क्रैश कोर्स भी कराया जाएगा। इसके अलावा विपरीत और उत्तेजक परिस्थितियों में यह जवान कैसे व्यवहार करते हैं, इसका भी आंकलन किया जाएगा। इनमें से कई जवानों को जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंकरोधी संगठन विशेष अभियान दल एसआेजी में भी प्रतिनियुक्ति के आधार पर शामिल किया जाएगा।

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संबधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक निर्देशानुसार ही प्रदेश प्रशासन ने इस दिशा में कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस बल की सभी वाहिनियों से 35 वर्ष तक की आयु वाले सभी पुलिसकर्मियों जिनके पास कम से कम पांच साल तक पुलिस सेवा का अनुभव हो ब्यौरा मांगा है। इन सभी युवा पुलिसकर्मियों को आतंकियों से निपटने और संरक्षित व्यक्तियाें की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने के लिए एक क्रैश कोर्स भी कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि युवा पुलिसकर्मी ज्यादा सजग रहते हैं। वे हर प्रकार के हथियार चलाने में माहिर हैं। प्रदेश में विभिन्न लाेगों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की गतिविधियों का आंकलन करने के बाद ही तय किया गया है कि 35 वर्ष से कम आयु के पुलिस कांस्टेबल, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल ही सुरक्षा क्वच की जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त हैं। तीन सितंबर को वादी में जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस बल के नियंत्रण कक्ष के एसएसपी ने भी सभी वाहिनियों के कमांडेट को इस बाबत निर्देश जारी किया है।

उक्त अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा क्वच किसी भी पंचायत प्रतिनिधि, निकाय प्रतिनिधि या फिर राजनीतिक नेता पर आतंकी खतरे के आंकलन, उसकी गतिविधियों की समीक्षा और जिस क्षेत्र विशेष से वह संबधित है, वहां के सुरक्षा परिदृश्य के अधार पर ही उपलब्ध कराया जाएगा। सुरक्षा क्वच में तैनात पुलिसकर्मियों को सुबह-शाम अपने वरिष्ठ अधिकारी को फोन पर दिनभर की गतिविधियों की जानकारी भी देनी होगी।

उन्हाेंने बताया कि सभी वाहिनियों से 35 वर्ष या उससे कम आयु वर्ग के पुलिसकर्मियों का ब्यौरा जमा करने के बाद उनके स्वास्थ्य की जांच होगी। विभिन्न परिस्थितियों में वह कैसा व्यवहार करते हैं, इसे लेकर भी उन्हें परखा जाएगा। उन्होंने बताया कि चुने गए पुलिसकमि्रयों को संरक्षित व्यक्तियों के सुरक्षा क्वच में तैनात करने के अलावा राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल में भी शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही बरसों से संरक्षित व्यक्तियों के सुरक्षा क्वच में और आतंकरोधी दस्ते में तैनात पुलिसकर्मियों को भी उनके मूल ड्यूटी स्थल पर वापस भेजने की प्रक्रिया भी चलायी जाएगी।

आपको जानकारी हो कि आतंकियों ने बीते चार माह के दौरान चार पंचायत प्रतिनिधियों की हत्या की है। इसके अलावा छह अन्य जख्मी हुए हैं। यही नहीं आतंकियों ने भाजपा के चार नेताओं की भी हत्या की है। आतंकियों की धमकियों के कारण वादी में करीब 100 पंचायत प्रतिनिधियों समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपने पद व संगठन से इस्तीफा देने का एलान किया है। कांग्रेस, नेकां, पीडीपी के अलावा भाजपा ने भी वादी में अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं की सुरक्षा का मुद्दा प्रदेश प्रशासन व केंद्र सरकार के साथ उठाया है। केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में उचित कार्रवाई का यकीन दिलाया था। 


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