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परिहार बंधुओं और चंद्रकांत शर्मा के हत्यारे हरुन वानी को जिंदा या मुर्दा पकड़वाने पर 15 लाख का इनाम

डोडा के गठ गांव का रहने वाला हरुन एमबीए करने के बाद आतंकी बन गया था और पिछले एक साल से वह किश्तवाड़ में सक्रिय था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 10:32 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 10:32 AM (IST)
परिहार बंधुओं और चंद्रकांत शर्मा के हत्यारे हरुन वानी को जिंदा या मुर्दा पकड़वाने पर 15 लाख का इनाम
परिहार बंधुओं और चंद्रकांत शर्मा के हत्यारे हरुन वानी को जिंदा या मुर्दा पकड़वाने पर 15 लाख का इनाम

किश्तवाड़, बलवीर सिंह जम्वाल। भाजपा नेता परिहार बंधुओं और संघ के नेता चंद्रकांत शर्मा की हत्या समेत कई वारदात में शामिल हिजबुल मुजाहिदीन के ए-कैटेगिरी के आतंकी हरुन अब्बास वानी को जिंदा या मुर्दा पकड़वाने पर डोडा पुलिस ने 15 लाख का इनाम घोषित किया है। पुलिस ने डोडा शहर में हरुन वानी के पोस्टर भी लगा दिए हैं। इसमें सूचना देने के लिए पुलिस ने अपने फोन नंबर भी दे रखे हैं। पुलिस को पक्की सूचना है कि आतंकी हरुन किश्तवाड़ से भागने के बाद डोडा में छिपा बैठा है।

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डोडा के गठ गांव का रहने वाला हरुन एमबीए करने के बाद आतंकी बन गया था और पिछले एक साल से वह किश्तवाड़ में सक्रिय था। हारुन और आतंकी ओसामा बिन जावेद भाजपा नेता अनिल परिहार और अजीत परिहार की हत्या में शामिल थे। इसके बाद हरुन ने ओसामा के साथ मिलकर डीसी किश्तवाड़ अंग्रेज सिंह राणा के अंगरक्षक की एके-47 राइफल भी छीनी। ओसामा ने यह एके-47 हरुन को दे दी थी। इसके बाद इन दोनों ने संघ के नेता चंद्रकांत शर्मा की दिनदहाड़े अस्पताल में घुसकर हत्या कर दी। इसके बाद आतंकी जाहिद और दक्षिण कश्मीर के शोपियां का रहने वाला आतंकी नावेद शाह भी उनके साथ शामिल हो गया। 13 सितंबर को ओसामा, जाहिद और एक अन्य आतंकी बिलाल अहमद उर्फ मोइन उल इस्लाम ने पीडीपी के जिला प्रधान एडवोकेट शेख नासिर हुसैन के अंगरक्षक की इंसास राइफल भी छीन ली।

इन वारदात के बाद किश्तवाड़ पुलिस तथा सुरक्षा बलों ने इन आतंकियों को दबोचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया और इनके कई मददगारों को दबोच लिया, लेकिन ये आतंकी किश्तवाड़ से फरार हो गए। उसके बाद पिछले माह 28 सितंबर को बटोत में हुई मुठभेड़ में ओसामा बिन जावेद, जाहिद, और बिलाल मारे गए। इसके बाद हरुन और नवेद शाह भूमिगत हो गए। इसके बाद इन दोनों का कहीं कोई पता ठिकाना नहीं मिला, लेकिन कहा जा रहा है कि ये डोडा में ही कहीं छिपे बैठे हैं। इनके साथ डोडा के देसा का रहने वाला आतंकी मसूद भी है। डोडा पुलिस मसूद की भी तलाश कर रही है। 


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