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जम्मू कश्मीर को खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत मात्र एक जिला में सेंटर मिलने से खिलाड़ी निराश

जम्मू सांबा और रियासी जिला से पिछले कई वर्षों से खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतते आ रहे हैं लेकिन इन जिलों को नजरअंदाज किया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 11:52 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 11:52 AM (IST)
जम्मू कश्मीर को खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत मात्र एक जिला में सेंटर मिलने से खिलाड़ी निराश
जम्मू कश्मीर को खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत मात्र एक जिला में सेंटर मिलने से खिलाड़ी निराश

जम्मू, जागरण संवाददाता: भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की ओर से खेलो इंडिया योजना के तहत केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए जिला स्तर पर मात्र एक जिले के खिलाड़ियों को फेंसिंग (तलवारबाजी) खेल के उपकरण खरीदने के लिए पांच लाख रुपए की राशि के लिए चुने जाने के फैसले पर अन्य जिलों के फेंसिंग खेल से जुड़े खिलाड़ियों, अभिभावकों और पूर्व खिलाड़ियों ने आपत्ति जताई है।

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साई की ओर से देश के विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के जिलों में फेंसिंग खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संबंधित जिलों व केंद्र शासित प्रदेशों के खेल संगठनों से आवेदन मांगे गए।इस योजना के तहत केवल उन्हीं जिलों का चयन किया जाएगा जहां पिछले तीन वर्ष से अधिक समय से फेंसिंग क्लब में 30 से अधिक बच्चे हर सप्ताह 20 घंटों से अधिक समय तक प्रशिक्षण हासिल करते हों।सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के खेल संगठनों ने जरूरत के हिसाब से जिलों की जानकारी दे दी।कुछ दिन पहले ही साई की ओर से देश के 50 जिलों को चयनित कर लिया गया जहां फेंसिंग खेल के उपकरण खरीदने के लिए पांच लाख रुपए की राशि की मदद जाएगी। इसके अलावा कोच को मेहनताना भी दिए जाने का प्रावधान है।चयनित जिलों की सूची में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से मात्र एक ही कठुआ जिले को चुना गया है।

भारतीय तलवारबाजी संघ ने जब सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से इसकी जानकारी सांझा की तो प्रदेश के कुछ पूर्व खिलाड़ियों और अन्य जिलों में क्लब चला रहे कोच ने इस पर आपत्ति जताई। साई के इस फैसले से नाराज होकर कुछ कोच ने तो जम्मू कश्मीर स्पोटर्स काउंसिल के सचिव, साई के निदेशक सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों को पत्र लिखकर इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।उनका कहना है कि एक ऐसे जिले को चुना गया जहां न तो कोई कोच है और न ही इतना संख्या में खिलाड़ी को प्रशिक्षण दिया जाता है। बेहतर होता कि जम्मू को छोड़कर अन्य जिलों को भी चुना जाता।

हैरानगी की बात यह है कि जम्मू, सांबा और रियासी जिला से पिछले कई वर्षों से खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतते आ रहे हैं लेकिन इन जिलों को नजरअंदाज कर कठुआ जिला को चुने जाने से खिलाड़ियों और अभिभावकों में काफी हताशा है।

इस संबंध में जब जम्मू-कश्मीर तलवारबाजी संगठन के महासचिव विजय शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि प्रदेश के कठुआ, सांबा और श्रीनगर जिलों के नाम भेजे गए थे। लेकिन केवल कठुआ जिला को ही इस योजना के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू में पहले से ही खिलाड़ियों के लिए हॉल है और रियासी में भी खिलाड़ियों व उनके कोच ने लाखों रुपए खर्च कर फेंसिंग के उपकरण खरीदे हैं। ऐसे में अन्य जिलों के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देना उनकी प्राथमिकता है। 


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