जम्मू कश्मीर: अपने सैनिकों के शव का तिरस्कार करना पाकिस्तान की पुरानी आदत
जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को शह देने के लिए लगातार कोशिशें करने वाला पाकिस्तान अपने सैनिकों का भी सगा नहीं है। अपने सैनिकों आतंकवादियों के शव नकार कर फिर यह साबित किया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को शह देने के लिए लगातार कोशिशें करने वाला पाकिस्तान अपने सैनिकों का भी सगा नहीं है। पाकिस्तान ने कुपवाड़ा के केरन में बैट हमले में मारे गए अपने सैनिकों, आतंकवादियों के शव नकार कर फिर यह साबित किया है।
सैन्य सूत्रों के अनुसार केरन के बाद पाकिस्तान की गुरेज, मच्छल व तंगडार में भी ऐसी कोशिशों को नाकाम बनाया गया है। कुल मिलाकर एक हफ्ते में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ करवाने की चार कोशिशें हुई हैं। पाकिस्तान की पूरी कोशिश है कि राज्य में खूनखराबा करने के लिए आतंकवादियों की घुसपैठ करवाई जाए। ऐसे में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल इस समय दुश्मन के मंसूबे को नाकाम बनाने के लिए हाई अलर्ट पर हैं।
केरन में बॉर्डर एक्शन टीम की साजिश नाकाम बनाने के बाद भारतीय सेना ने शनिवार को पेशकश की थी कि पाकिस्तान सैनिक सफेद झंडे दिखाकर अपने सैनिकों व आतंकवादियों के शवों को ले जाएं। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस पेशकश पर पाकिस्तान की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के शवों को लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
गत वर्ष अक्टूबर में भी पाकिस्तान ने राजौरी के सुंदरबनी सेक्टर में मारे गए दो पाकिस्तानी आतंकवादियों के शवों को लेने से इंकार कर दिया था। पाकिस्तान नहीं चाहता है कि विश्व समुदाय को संदेश जाए कि उसके सैनिक व नागरिक जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को शह देने की वारदातें करते हैं।
यही कारण है कि उसकी सेना आतंकवाद को शह दे रहे अपने जवानों व नागरिकों के शवों को स्वीकार करने के लिए सामने नहीं आती है। कारगिल युद्ध के दौरान भी पाकिस्तान ने अपने नापाक इरादों को छिपाने की मंशा के साथ अपने सैनिकों के शव नकार दिए थे। भारतीय सेना ने 20 साल पहले इन शवों को कारगिल की चोटियों पर दफना कर मानवीयता का सबूत दिया था।
जानकारी हो कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से कभी बाज नहीं आता है। पाकिस्तानी सेना ने भारत के द्वारा किसी भी पाकिस्तानी आर्मी के सैनिकों को मारे जाने का खंडन किया है। ऐसा पाकिस्तान हर बार करता है। पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने ही सैनिकों को अपना मानने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तानी सेना पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता और डीजी आसिफ गफ्फूर ने कहा कि भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान आर्मी के जिन सैनिकों को मारने की बात कही जा रही है वह गलत है। आसिफ गफूर ने कहा कि इस तरह की खबर फैलाकर भारत कश्मीरियों के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचार से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है।
बता दें, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी बैट(बॉर्डर एक्शन टीम) और आतंकियों के एक दस्ते के 7 लोगों को ढेर कर दिया। ये सभी शनिवार को उत्तरी कश्मीर के केरन (कुपवाड़ा) सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैन्य चौकी पर हमले का प्रयास कर रहे थे। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी फौज को एलओसी पर मारे गए बैट जवानों/आतंकियों के शवों को ले जाने का प्रस्ताव भेजा है लेकिन अबतक पाकिस्तान ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है।
भारतीय सेना के इस कदम से पाकिस्तान घबरा गया है। पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास पीओके (PoK) में सेना के लिए एडवाइजरी जारी की है।एलओसी पर फायरिंग की वजह से सेना को अलर्ट रहने के लिए कहा है। दरअसल, बता दें कि जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान BAT (बॉर्डर एक्शन टीम) की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है, जिसके बाद से पाकिस्तान डर के साए में है।
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