Coronavirus in Jammu Kashmir: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा-सामूहिक प्रयास से मरीजों के इलाज की क्षमता बढ़ी
अगर जम्मू कश्मीर में कोविड-19 संक्रमितों समेत अन्य सभी रोगियों की इलाज क्षमता बढ़ी है तो यह सभी के सामूहिक प्रयासों का ही नतीजा है। महामारी से उपजे हालात से निपटने के लिए समय पर अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने के फैसले से ही बेहतर प्रबंधन में समर्थ हो सके हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि कोरोना के खिलाफ जम्मू कश्मीर ने जो रणनीति अपनाई है, उसका असर संक्रमितों की घटती संख्या और मृतकों की तादाद में कमी में नजर आता है। हम सभी के समग्र और समन्वित प्रयास का नतीजा है कि आज जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमितों समेत सभी प्रकार के रोगियों के उपचार की क्षमता पहले से कहीं ज्यादा है।
उपराज्यपाल ने बुधवार को श्रीनगर के खुनमोह में 500 बेड की क्षमता वाले डीआरडीओ कोविड अस्पताल का उद्घाटन किया है। इस अस्पताल को डीआरडीओ ने 17 दिन में तैयार किया है। पूरी तरह वातानुकूलित इस अस्पताल में सभी आवश्यक और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल में 125 आइसीयू बिस्तर हैं और इनमें 25 सिर्फ बच्चों के लिए आरक्षित हैं। अस्पताल में 375 बिस्तर मेडिकल आक्सीजन की सुविधा से लैस हैं। इसके अलावा 100 वर्ग मीटर में 10 बिस्तरों की क्षमता वाला एक ट्राएज क्षेत्र भी बनाया गया है। फिलहाल, अस्पताल में सभी चिकित्सा उपकरणों का ट्रायल चल रहा है। इसके पूरा होते ही अस्पताल पूरी तरह से आम लोगों के उपचार के लिए क्रियाशील हो जाएगा।
उपराज्यपाल ने कहा कि आज अगर जम्मू कश्मीर में कोविड-19 संक्रमितों समेत अन्य सभी रोगियों की इलाज क्षमता बढ़ी है तो यह सभी के सामूहिक प्रयासों का ही नतीजा है। महामारी से उपजे हालात से निपटने के लिए समय पर अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने के फैसले से ही बेहतर प्रबंधन में समर्थ हो सके हैं। सभी पंच-सरपंचों, सरकारी अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और सुरक्षा बलों ने कोरोना को हराने में महती भूमिका निभाई है। डीआरडीओ की भूमिका को सराहते हुए उन्होंने कहा कि संगठन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कम से कम समय में जम्मू कश्मीर में दो अस्पताल तैयार किए। इससे कोविड मरीजों के लिए एक हजार अतिरिक्त बेड मिले हैं।
केंद्र ने तीन हफ्ते में 16 आक्सीजन प्लाट उपलब्ध कराए: उपराज्यपाल ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभारी हूं कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने में पूरी सहायता की। प्रधानमंत्री के निजी प्रयासों से ही जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे व क्षमता में इतने बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। केंद्र सरकार ने ही तीन सप्ताह के अल्पकाल में ही जम्मू कश्मीर को यूरोप से 16 मेडिकल आक्सीजन प्लांट उपलब्ध कराए हैं। इससे जम्मू कश्मीर में मेडिकल आक्सीजन का संकट पूरी तरह समाप्त हो गया है।
स्वास्थ्य ढांचे में कई बदलाव किए: कोविड महामारी से उपजे हालात के मद्देनजर जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य ढांचे में प्रदेश सरकार ने कई बदलाव किए हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि परिस्थितियों के आकलन के आधार पर कई ठोस कदम उठाए गए। इसके असर के आधार पर हमने उन्हें और आगे बढ़ाते हुए स्वास्थ्य सेवा ढांचे को समग्र रूप से मजबूत बनाया है। हमने आइसीयू और आक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों की संख्या में लगातार बेहतरी, पूर्व स्वास्थ्य कॢमयों की सेवाएं लेने, हाल ही में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में प्रशिक्षित हुए युवा और ऊर्जावान योग्य लोगों की त्वरित तैनाती, पंचायत कोविड केयर सेंटर क माध्यम से स्वास्थ्य व्यवस्था के विकेंद्रीयकरण और द्रुत टीकाकरण जैसे कदम उठाए।