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Jammu Kashmir:जितेंद्र सिंह ने कहा- कश्मीरी नेताओं को 18 माह से अधिक कैद में नहीं रखा जाएगा, बख्शे नहीं जाएंगे देशद्रोही

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि श्रीनगर में नजरबंद कश्मीरी राजनेताओं को 18 माह से अधिक कैद में नहीं रखा जाएगा। मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में देशद्रोह की बातें करने वालों को बख्शेगी नहीं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 08:47 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 11:11 AM (IST)
Jammu Kashmir:जितेंद्र सिंह ने कहा- कश्मीरी नेताओं को 18 माह से अधिक कैद में नहीं रखा जाएगा, बख्शे नहीं जाएंगे देशद्रोही
Jammu Kashmir:जितेंद्र सिंह ने कहा- कश्मीरी नेताओं को 18 माह से अधिक कैद में नहीं रखा जाएगा, बख्शे नहीं जाएंगे देशद्रोही

जम्मू, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि श्रीनगर में नजरबंद कश्मीरी राजनेताओं को 18 माह से अधिक कैद में नहीं रखा जाएगा। इससे यह संकेत मिला कि कानून व्यवस्था बनाने के लिए नेताओं की नजरबंदी या हिरासत लंबी खिंच सकती है। इसके साथ उन्होंने कहा कि इन नेताओं को फाइव स्टार गेस्ट हाउस में रखा है। वे हाउस गेस्ट की तरह रह रहे हैं। सुबह ब्रेकफास्ट में खाने को ब्राउन ब्रेड, देखने हालीवुड की फिल्मों की सीडी, कसरत के लिए जिम का बंदोबस्त किया है।

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केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जाजू के साथ महाराजा हरि सिंह की जयंती से एक दिन पहले जम्मू में जन जागरण अभियान की रैली में डॉ. जितेंद्र ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में देशद्रोह की बातें करने वालों को बख्शेगी नहीं। जम्मू के महाराजा सिंह पार्क में दोपहर को रैली में डॉ. सिंह ने कश्मीर केंद्रित राजनीतिक पार्टियों पर केंद्र द्वारा दिए हजारों-करोड़ के फंड के दुरुपयोग के आरोप लगाए। अब उत्तर पूर्वी राज्यों की तरह जम्मू कश्मीर की कायाकल्प होगी।

डॉ. सिंह ने कहा कि दिवंगत श्यामा प्रयाद मुखर्जी को जब नजरबंद किया था कि तो उनका निधन हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला को नेहरू ने कोडेकेनाल जेल में डाला था, लेकिन कश्मीर में 370 हटने के बाद नजरबंदी में नेताओं को सभी सुख सुविधाएं मिल रही हैं। कश्मीर केंद्रित दलों ने जो गलती की थी उसके लिए आज वे पछताते होंगे कि काश श्यामा प्रसाद मुखर्जी को गिरफ्तार न किया होता।

गुलाम कश्मीर हमारा है :

जितेंद्र सिंह ने कहा है कि गुलाम कश्मीर हमारा है। हम जम्मू-कश्मीर की पुरानी बाउंड्री को बहाल करने प्रतिबद्ध हैं। संसद में गुलाम कश्मीर को वापस लेने के लिए वर्ष 1994 में पारित प्रस्ताव का हवाला देते हुए पाक में हड़कंप है कि 370 हटने के बाद एक और बड़ी कार्रवाई होगी। हम वह भी कर देंगे। अब हिसाब लिया जा रहा है। 10 फीसद वोट लेकर शासन करने वाले इन दलों ने अपने मुख्यमंत्री बनाएं। इसके लिए प्रस्ताव पेश किया था कि जनप्रतिनिधि बनने के लिए न्यूनतम वोट हासिल करने की सीमा होनी चाहिए।

उद्योग व पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा :

ठाकुर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अब बदले हालात में जम्मू कश्मीर विकास की नई बुलंदियों को छूएगा। क्षेत्र में उद्योग व पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्रवाई हो रही है। कश्मीर केंद्रित दलों ने उनके खिलाफ साजिश की। राज्य में तिरंगा फहराने, भारत माता की जय बोलेने पर कैद मिलती थी। दस वर्ष पहले मैं तिरंगा लेकर आया तो अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, अनंत कुमार पीछे थे। मुझे लखनपुर में गिरफ्तार कर लिया था। गुलामी के लिए कुछ लोग न्यायालय में फिर 370, 35 ए मांग रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को आड़े हाथ लेते हुए ठाकुर ने जवाब मांगा कि मुझे तिरंगा फहराने से क्यों रोका गया। जम्मू कश्मीर में रिफ्यूजी क्यों पंच नहीं बन पाए जब देश में रिफ्यूजी प्रधानमंत्री तक बन गए।

महाराजा की भूमिका की सराहना :

डॉ. जितेंद्र सिंह और अनुराग ठाकुर ने जम्मू कश्मीर को देश के साथ जोड़ने में महाराजा की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए हर संभव कोशिश की। दोनों नेताओं ने उनके परिवार की भूमिका पर सवाल उठाए। डॉ. सिंह ने कहा कि जब 10 जून 1949 को महाराजा को राज्य से बाहर भेजा जो उनके साथ प्रजा परिषद के कुछ कार्यकर्ता व कैप्टन दिवान सिंह ही थे। मुंबई में 26 अप्रैल 1961 को उनका निधन हुआ तो यहां लोग परेशान था कि अफसोस किससे करें। ऐसे में अफसोस करने के लिए वे पंडित प्रेमनाथ डोगरा के घर गए। अपने ही अफसेास करने के लिए तैयार नहीं थे। कुछ कांग्रेस के लाभार्थी थे तो कुछ सत्ता के गुलाम बन गए थे। ठाकुर ने कहा कि महाराजा के परिवार के लोग भी उनके साथ खड़े नहीं हो पाए। 


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