सरोर टोल प्लाजा पर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को नोटिस
क्रॉसर हाईकोर्ट ने एनएचआइए के चेयरमैन और स्थानीय अधिकारियों को भी पक्ष रखने का दिया निर्देश नियमानुसार एक ही दिशा में 60 किमी के दायरे में दो टोल प्लाजा नहीं हो सकते याचिकाकर्ता पहले से ही बने बन टोल प्लाजा से सरोर की दूरी महज 37.04 किलोमीटर होने का दिया हवाला
जेएनएफ, जम्मू : जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर सरोर में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचआइए) की ओर से स्थापित टोल प्लाजा पर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के सचिव, एनएचआइए के चेयरमैन तथा स्थानीय अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। बेंच ने सभी को पक्ष रखने का निर्देश दिया है। साथ ही पूछा है कि स्पष्ट किया जाए कि मौजूदा जनहित याचिका पर सुनवाई क्यों शुरू न की जाए? बेंच ने कानून की पढ़ाई कर रहे सत्यम अरोड़ा और अविन कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका पर गौर करने के बाद यह निर्देश दिए हैं।
याचिका में कहा गया है कि उठाया गया मुद्दा जनहित से जुड़ा है। लिहाजा, इस मामले पर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की जाए। सरोर में टोल प्लाजा को असंवैधानिक करार देते हुए उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे फी रूल्स 2008 की धारा 8 में स्पष्ट कहा गया है कि नेशनल हाईवे के एक ही सेक्शन में और एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के दायरे में दो टोल प्लाजा नहीं हो सकते। यहां पर अथॉरिटी ने एक ही हाईवे पर एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के भीतर दो टोल प्लाजा बना दिए हैं, जो नियमों के खिलाफ हैं।
जनहित याचिका में कहा गया है कि अथॉरिटी ने जम्मू-ऊधमपुर के बीच बन टोल प्लाजा भी बनाया है। इसकी सरोर से दूरी 37.04 किलोमीटर ही है। ऐसे में एनएचएआइ अपने ही बनाए नियमों की अवहेलना कर रही है। जनहित याचिका में रखे गए तर्क को सही पाते हुए डिवीजन बेंच में शामिल चीफ जस्टिस गीता मित्तल व जस्टिस राजेश बिदल ने अधिकारियों को नोटिस जारी किए।