Article 370: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कैंसर पीड़ित को किया रिहा, पीएसए के तहत बरेली में था कैद
पाला पैपिलरी कार्सिनोमा आफ थायराइड से पीड़ित है। गिरफ्तार होने के बाद से उसका इलाज प्रभावित हुआ है।
श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कुलगाम निवासी परवेज अहमद पाला की हिरासत को रद्द करते हुए उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। दरअसल परवेज कैंसर से पीड़ित हैं। 7 अगस्त को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) लगाते हुए पाला को हिरासत में ले लिया था। परवेज उत्तर प्रदेश में डिस्ट्रीक जेल बरेली में कैद था।
दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम के मत्रीबुग गांव में रहने वाले पाला को अनुच्छेद 370 हटने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद सात अगस्त को पीएसए लगाकर हिरासत में ले लिया गया था। पाला के परिवार ने एडवोकेट मीर शफकत हुसैन और वाजिद हसीब के जरिए जिला मजिस्ट्रेट कुलगाम के समक्ष उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी। न्यायमूर्ति अली मोहम्मद मागरे ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पाला की हिरासत को रद्द करने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि इसकी हिरासत को गैर कानूनी करार देते हुए कहा कि आरोपित को पीएसए के निर्धारित नियमाें का उल्लंघन कर हिरासत में लिया गया। पीएसए कानून के तहत आरोपित को अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार है परंतु इस मामले में प्रशासन ने आरोपित को मौका नहीं दिया।
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कैंसर पीड़ित को किया रिहा, पीएसए के तहत बरेली में था कैदलिहाजा अदालत के समक्ष आरोपित के वकीलों द्वारा रखे गए साक्ष्यों व उनकी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने पाला को रिहा करने के आदेश दिए। पाला के परिजनों ने कोर्ट के समक्ष डिपार्टमेंट आफ न्यूकलर मेडिसीन आफ स्किम्स द्वारा जारी किया गया वह सर्टीफिकेट भी पेश किया जिसमें यह बताया गया था कि हिरासत में लेने से पहले पाला का इलाज उनके पास चल रहा था। पाला पैपिलरी कार्सिनोमा आफ थायराइड से पीड़ित है। गिरफ्तार होने के बाद से उसका इलाज प्रभावित हुआ है।