Move to Jagran APP

हालात देख पल-पल बदल रही स्वास्थ्य विभाग की रणनीति, कोरोना संदिग्धों के अलावा अन्य मरीजों की भी चिंता

उनका प्रयास है कि अब यहां गंभीर रूप से बीमार मरीज इलाज करवाने को आए। आने वाले दिनों में कोरोना से निपटने के लिए और भी रणनीति बदल सकती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 01:19 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 01:19 PM (IST)
हालात देख पल-पल बदल रही स्वास्थ्य विभाग की रणनीति, कोरोना संदिग्धों के अलावा अन्य मरीजों की भी चिंता
हालात देख पल-पल बदल रही स्वास्थ्य विभाग की रणनीति, कोरोना संदिग्धों के अलावा अन्य मरीजों की भी चिंता

जम्मू, रोहित जंडियाल। कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की रणनीति पल-पल बदल रही है। विभाग के समक्ष कोरोना के संदिग्धों का इलाज करने की चुनौती है तो अन्य बीमारियों के मरीज दरबदर न हो, यह भी सुनिश्चित बनाने की जिम्मेदारी है। यही कारण है कि अब जीएमसी को पूरी तरह से डेडिकेटेड अस्पताल बनाने का फैसले फिलहाल टाल दिया है। इसके स्थान पर चेस्ट डिजिजेस अस्पताल को डेडिकेटेड अस्पताल बनाने पर सहमति बनी है।

loksabha election banner

सरकार ने पहले फैसला किया था कि मनोरोग अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अस्पताल जम्मू को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया जाएगा। दोनों को बुधवार तक तैयारी करने का समय दिया था। मनोरोग अस्पताल के मरीजों को चेस्ट डिजिजेस अस्पताल में शिफ्ट किया। मेडिकल कॉलेज व सहायक अस्पतालों के विभिन्न विभागों के एचओडी की हुई अहम बैठक में चर्चा हुई कि अगर जीएमसी को कोविड अस्पताल बना दिया तो अन्य बीमारियों के मरीजों को दरबदर होना पड़ेगा। डॉक्टरों के लिए सभी बीमारियों के मरीजों का इलाज सुपर स्पेशलिटी और चेस्ट डिजिजेस अस्पताल में करना संभव नहीं था।

उन्होंने जीएमसी को कोविड अस्पताल में बदलने के फैसले पर सरकार को फिर विचार करने को कहा। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि जीएमसी को कोविड अस्पताल में बदलने का फैसला बदल गया है। जीएमसी के स्थान पर चेस्ट डिजिजेस अस्पताल को कोविड अस्प्ताल में बदला जा रहा है। चेस्ट डिजिजेस अस्पताल के मरीजों को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और मनोरोग अस्पताल के मरीजों को मेडिकल कालजे अस्पताल में शिफ्ट किया है।

खाली करवाया सीडी अस्पतालः रणनीति के तहत चेस्ट डिजिजेस अस्पताल को पूरी तरह से खाली करवा दिया। यहां 80 मरीजों को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इसी तरह मनेारोग अस्पताल के मरीजों को जीएमसी जम्मू के आर्थोपेडिक्स विभाग के वार्ड एक में भर्ती करवाया है। मनोरोग अस्पताल के मरीजों को पहले सीडी अस्पताल में ही भर्ती करवाया था। बदली रणनीति के तहत आर्थाेपैडिक्स विभाग के वार्ड में भर्ती करवाया जा रहा है। मनोरोग अस्पताल और सीडी अस्पताल पूरी तरह से खाली हैं।

जीएमसी के वार्ड भी होने लगे खाली जीएमसी के 15 वार्ड हैं। इनमें से कुछ वार्ड तो लगभग खाली हो गए हैं लेकिन आर्थो का वार्ड नंबर दो तथा सर्जरी और मेडिसीन के वार्डो में भी अभी कुछ मरीज हैं। जीएमसी की इमरजेंसी पूरी तरह से मरीजों से भरी हुई है। आइसीयू और सीसीयू में यही हाल है।

जीएमसी में फिलहाल आइसोलेशन वार्ड हीः जीएमसी जम्मू में फिलहाल कोरोना के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड ही बनाया है। 32 बिस्तरों की क्षमता वाले वार्ड में 20 वेंटीलेटर हैं और 12 बिस्तर सामान्य हैं। इसी तरह 16 बिस्तरों का नया आइसीयू और 34 बिस्तरों का नया हाई डिपेंडेंसी वार्ड भी विकल्प के तौर पर रखा गया है।

गांधीनगर अस्पताल भी खाली हुआ: गांधीनगर अस्पताल मरीजों से खाली करवा दिया है। इस अस्पताल की पुरानी और नई दोनों इमारतों को कोविड अस्पताल के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। ओपीडी कांप्लेक्स में ही मरीज इलाज के लिए जा सकते हैं। शेष अस्पताल में कोविड की इमरजेंसी बनाई है। जीबी पंत अस्पताल को खाली करवा दिया गया है।

..इसलिए नहीं बना कोविड अस्प्तालः मेडिकल कॉलेज जम्मू पर पूरे संभाग के मरीज निर्भर हैं। यही एकमात्र अस्पताल हैं जहां 24 घंटे सिटी स्कैन की सुविधा है। बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी व पैथालोजी के टेस्ट होते हैं। यही एक ऐसा अस्पताल है जहां एमआरआइ की सुविधा है। अगर इसे बंद कर दिया होता तो मरीजों को परेशानी होनी थी।

जीएमसी होगा अंतिम विकल्पः मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 1100 बिस्तरों की क्षमता है। यहां विभिन्न बीमारियों के मरीज भर्ती हैं। इसे खाली करना संभव नहीं था। अगर जम्मू में कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो ही इस अस्पताल को कोविड अस्पताल में बदला जाएगा। सूत्रों का कहना है कि जीएमसी प्रशासन तैयारी कर रहा है। उनका प्रयास है कि अब यहां गंभीर रूप से बीमार मरीज इलाज करवाने को आए। आने वाले दिनों में कोरोना से निपटने के लिए और भी रणनीति बदल सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.