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कश्मीर नगर निकायों में हुई अवैध नियुक्तियों की जांच के आदेश, 3 सदस्यीय कमेटी गठित

Corruption In Kashmir सरकार ने 2001 से कश्मीर घाटी की नगर परिषदों और समितियों में की गई सभी अवैध नियुक्तियों की जांच के लिए डायरेक्टर अरबन लोकल बाडिज मथूरा मासूम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति भी गठित की है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 09 Jul 2021 11:47 AM (IST)Updated: Fri, 09 Jul 2021 12:14 PM (IST)
कश्मीर नगर निकायों में हुई अवैध नियुक्तियों की जांच के आदेश, 3 सदस्यीय कमेटी गठित
अवैध नियुक्तियों / नियमितीकरण की उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दिया है।

श्रीनगर, जेएनएन: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पिछले दो दशकों के दौरान कश्मीर घाटी के नगर निकायों में की गई सभी अवैध नियुक्तियों / नियमितीकरण की उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दिया है।

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सरकार ने 2001 से कश्मीर घाटी की नगर परिषदों और समितियों में की गई सभी अवैध नियुक्तियों की जांच के लिए डायरेक्टर अरबन लोकल बाडिज मथूरा मासूम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति भी गठित की है। आपको जानकारी हो कि अरबन लोकल बाडिज कश्मीर निदेशालय तीन नगरपालिका परिषदों और 39 नगरपालिका समितियों का संचालन करता है।

एक आदेश के अनुसार अवैध नियुक्तियों / नियमितीकरण की जांच के लिए गठित समिति में आवास और शहरी विकास विभाग के विशेष सचिव (कानूनी) शौकत अहमद मीर और लेक्स एंड वॉटरवेस डेवलपमेंट एथारिटी (LAWDA) के सचिव अलयाज अहमद नाइसरो भी शामिल हैं।

पिछले 15 दिनों में यूएलबी कश्मीर में पिछले दरवाजे से नियुक्तियों की यह दूसरी ऐसी जांच है। 23 जून को सरकार ने आदेश दिया कि डॉ बशीर अहमद भट, उपाध्यक्ष LAWDA, कश्मीर शहरी स्थानीय निकायों में आयु / योग्यता आदि के मानदंडों में अवैध छूट के माध्यम से की गई नियुक्तियों की जांच करेंगे।

पिछले दो दशकों में मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों की सिफारिशों पर कश्मीर घाटी के शहरी स्थानीय निकायों में 1500 से अधिक व्यक्तियों को अवैध रूप से नियुक्त किया गया है। विभाग में संगठित नौकरी रैकेट विभिन्न सरकारों द्वारा राजनीतिक संरक्षण के कारण फला-फूला।

नेकां-कांग्रेस शासन के दौरान गठित एक समिति ने पाया कि 2003 से 2010 के बीच कश्मीर के शहरी स्थानीय निकायों में लगभग 1800-2000 अवैध नियुक्तियां की गईं। जांच दल ने निष्कर्ष निकाला कि घोटाले में 20 से अधिक अधिकारी शामिल हैं।

इन अवैध नियुक्तियों को हटाने के साथ-साथ जिम्मेदारियों को तय करने के लिए सतर्कता की एक विशेष टीम के गठन की भी सिफारिश की गई थी।


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