Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने देविंदर सिंह को किया पुलिस से बर्खास्त, पुलिस मेडल भी वापस लिया
आतंकियों के पकड़े जाने के बाद से ही देविंदर को निलंबित कर दिया गया था। परंतु छापेमारी के दौरान मिले सबूतों के आधार पर अब उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गइ हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। आतंकियों के साथ गठजोड़ के आरोप में पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह को पुलिस प्रशासन ने बर्खास्त कर दिया है। इस संदर्भ में आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है। यही नहीं उसे दिया गया शेरे-कश्मीर पुलिस मेडल भी वापस ले लिया। वीरता के लिए देविंदर को यह पुरस्कार पुलवामा पुलिस लाइन पर 25-26 अगस्त, 2017 को हुए आतंकी हमले के बाद आतंकरोधी अभियान चलाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाने पर वर्ष राज्य सरकार ने 2018 को गणतंत्र दिवस पर दिया था। आतंकियों की मदद करने के आरोप में देविंदर सिंह पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
वहीं रक्षा मंत्रालय ने मामले की जांच की जिम्मेदारी एनआइए को सौंप दी है। श्रीनगर पहुंचे एनआइए के अधिकारियों ने आरोपित डीएसपी देविंदर सिंह से पूछताछ शुरू कर दी है। यही नहीं जांच एजेंसी की टीमों ने दविंदर सिंह के जम्मू व कश्मीर में उनके निवासस्थानों पर छापामारी भी की है। यही नहीं डीएसपी के करीबी रिश्तेदारों व दोस्तों के घरों में भी छापे मारे गए। पुलिस सूत्रों का कहना है कि छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं। इन्हीं सबूतों के आधार पर डीएसपी को नौकरी से बर्खास्त किया गया है।
इस बीच, राज्य पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि गद्दार कोई हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले को लेकर जम्मू कश्मीर पुलिस की निष्ठा पर सवाल उठाने वालों को यह याद रखना चाहिए कि देविंदर को हमने ही पकड़ा है। उसके बारे में किसी दूसरी एजेंसी को नहीं पता था।
आतंकियों के पकड़े जाने के बाद से ही देविंदर को निलंबित कर दिया गया था। परंतु छापेमारी के दौरान मिले सबूतों के आधार पर अब उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गइ हैं। देविंदर से पूछताछ जारी है। जांच आगे बढ़ने पर जो भी नए तथ्य सामने आएंगे उनके बारे में संबंधित अधिकारी उचित समय पर जानकारी देंगे।
काली भेड़ें हर जगह होती हैं
देविंदर सिंह की गिरफ्तारी और उस जैसे कुछ और तत्वों के पुलिस विभाग में होने की आशंका संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि काली भेड़ें हर जगह होती हैं। पुलिस अधिकारियों और जवानों के बारे में समय समय पर छानबीन की आंतरिक व्यवस्था है। वह अपनी ड्यूटी सही तरीके से ही अंजाम दे रहा था इसलिए पहले नजर में नहीं आया। कुछ ही दिन पूर्व उसके बारे में सूचना मिली थी और उसके बाद वह पकड़ा गया है। उसके खिलाफ जो भी आरोप और शिकायतें हैं, उनकी जांच होगी।