J&K: अब धमकियों और गोलियों से नहीं रुकेगी विकास की मुहिम, पंच-सरपंचों की सुरक्षा होगी यकीनी
हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्ट ब्वॉय बुरहान वानी के गृह जिले पुलवामा के त्रल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने इस वर्ष संसदीय चुनाव में सबसे अधिक वोट लेकर इतिहास रचा था।
जम्मू, विवेक सिंह। कश्मीर में ग्रामीण लोकतंत्र को सशक्त बनाने की राह पर चले रहे पंच-सरपंच आतंकी धमकियों या हमलों से डरने वाले नहीं हैं। दक्षिण कश्मीर के हकूरा में गत मंगलवार को 'गांव की ओर-2' (बैक टू विलेज) अभियान के तहत हो रहे कार्यक्रम में आतंकियों द्वारा एक सरपंच व अधिकारी की हत्या करने के बाद भी पंच-सरपंचों के हौसले बुलंद हैं। पंच-सरपंच 'गांव की ओर' अभियान में भाग लेकर अधिकारियों के समक्ष लोगों के मसले उठा रहे हैं। लोग अधिकारियों का गांव में पहुंचने पर स्वागत कर रहे हैं।
पुलवामा जिले के त्रल में जाकिर मूसा, बुरहान वानी जैसे आतंकियों के ब्लॉक के डाडेसरा के सरपंच अल्ताफ ठाकुर को त्रल में गांव की ओर कार्यक्रम में पूरे जोश के साथ हिस्सा लेने की तैयारी में हैं। अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि इस समय कश्मीर में आम लोगों से इंसाफ करने के लिए आतंकियों से लड़ाई जारी है। इसमें पंच, सरपंच शहादतें देकर ग्रामीण लोकतंत्र को मजबूत बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह कश्मीर में ग्रामीण विकास के लिए हर गोली, हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि उन जैसे ग्रामीण प्रतिनिधियों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने आतंकवादियों को नकार कर ही पंचायत का चुनाव लड़ था। वोट देने वाले लोग भी आतंकवादियों की धमकियों को नजरअंदाज कर मतदान केंद्रों में आए थे। ऐसे में मोदी सरकार की तेज विकास की मुहिम में शामिल हो रहे कश्मीरी अब आतंकवादियों व उनके समर्थकों से डरने वाले नही हैं।
ठाकुर जैसे हजारों पंच, सरपंच इस समय कश्मीर में केंद्र सरकार की योजनाओं से ग्रामीणों को बेहतर भविष्य दिखाने के लिए मैदान में हैं। हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्ट ब्वॉय बुरहान वानी के गृह जिले पुलवामा के त्रल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने इस वर्ष संसदीय चुनाव में सबसे अधिक वोट लेकर इतिहास रचा था। अल्ताफ ठाकुर भी आतंकियों की धमकियों को नकार कर एक साल पहले डाडेसरा के सरपंच बने थे। उनका कहना है कि वह पूरे जोश के साथ कश्मीर में विकास व राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे हैं।
कश्मीर में आतंकियों के मंसूबों का कहीं कोई असर नहीं
श्रीनगर : कश्मीर में 'गांव की ओर-2' कार्यक्रम में खलल डालने के लिए आतंकियों के मूंसबों का कहीं कोई असर नहीं दिखा। अनंतनाग से लेकर उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे टंगडार सेक्टर तक ग्रामीण प्रशासनिक अधिकारियों संग बैठकों में हिस्सा लेते और कोताहियां बताते नजर आए। प्रशासन ने कार्यक्रम स्थलों और आसपास इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
गौरतलब है कि 25 नवंबर से शुरू हुए 'गांव की ओर-2' कार्यक्रम से आतंकी बौखला गए हैं। आतंकियों ने गत शाम को जिला अनंतनाग के हाकूरा में ग्रेनेड हमला कर एक सरपंच और कृषि विभाग के एक अधिकारी की हत्या कर दी थी। बुधवार को यहां भी कार्यक्रम था, स्थानीय लोग सुबह निर्धारित समय से पहले ही पहुंचने लगे। अनंतनाग के मुनिवारा और दयालगार में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग कार्यक्रम में पहुंचे। मुनीवारा में यह कार्यक्रम स्थानीय नागरिक के घर में हुआ।
लोगों से जुड़ी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया
जिला श्रीनगर में सात पंचायत हल्कों में ग्राम सभाओं में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन का उन्नयन और नवीनीकरण, मनरेगा के तहत देनदारियों को जारी करना तथा बर्फबारी में क्षतिग्रस्त हुई फसल के मुआवजे की मांग को लोगों ने उठाया। बलहामा पंचायत में कश्मीर पंडितों ने श्मशान भूमि की मांग पूरी होने पर संतोष जताया। गांदरबल में 41 पंचायतों में कार्यक्रम शुरू हुआ। जिला कुपवाड़ा की 128 पंचायतों में प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। डीसी अंशुल गर्ग ने संयुक्त निदेशक योजना अब्दुल मजीद और अन्य अधिकारियों के साथ ग्राम सभाओं के संचालन की देखरेख के लिए हंदवाड़ा और लंगेट का दौरा किया।
लंगेट में डीसी ने घरों के निर्माण के लिए बेघर मछुआरों के बीच पहली किस्त के रूप में प्रत्येक को 65000 रुपये के तीन चेक वितरित किए। उन्होंने उच्च प्राथमिक विद्यालय लंगेट का भी निरीक्षण किया। बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने के लिए, सफल यूनिट धारकों के माध्यम से स्व रोजगार अभियान का आयोजन उड़ी, तंगमार्ग, सोपोर, पट्टन, रफियाबाद और बारामूला में मेगा इवेंट्स के दौरान किया जाएगा। शोपियां में जिला उपायुक्त चौधरी मोहम्मद यासीन के साथ सचिव बीओपीईई (बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन), डॉ. हफीज़ मसूदी, जिला पंचायत अधिकारी शोपियां और अन्य जिला अधिकारियों ने हीरपोरा गांव का दौरा किया।
पंचों-सरपंचों की सुरक्षा को यकीनी बनाने की मांग
जम्मू। अखिल भारतीय पंचायत परिषद (एआइपीपी) ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के चयनित पंचों, सरपंचों की सुरक्षा को यकीनी बनाए जाने की मांग की है। एआइपीपी अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि सरकार द्वारा पंचों, सरपंचों की सुरक्षा के लिए पुख्ता बंदोबस्त किए जाएं। मनरेगा योजना के तहत किए गए कार्यों के बिलों का भुगतान किया जाए। पंचों और सरपंचों को प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि उन्हें जिम्मेदारियों व अधिकारों का पता चले। उन्होंने पंचों, सरपंचों का मानदेय बढ़ाने, समाज कल्याण विभाग और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों को आधुनिक एवं बेहतरीन सुविधाओं से लैस करने और बैक टू विलेज टू के कार्यक्रम को स्थायी रूप से भविष्य में भी लागू करने की मांग की है। कुलदीप शर्मा ने कहा कि जिला विकास आयोग को सशक्त करते हुए जिला पंचायत के चेयरमैन को आयोग का चेयरमैन बनाने का सुझाव दिया ताकि सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए आवंटित की जाने वाली राशि का सही रूप से इस्तेमाल किया जा सके।
कार्यक्रम स्थलों की सुरक्षा बढ़ाई, तलाशी अभियान भी चलाए
पूरी वादी में सभी आयोजन स्थलों के आस-पास बीती शाम से ही पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों को तैनात की है। साथ सटी बस्तियों में एहतियातन तलाशी अभियान भी चलाए गए। आयोजन स्थल पर पहुंचने वाले ग्रामीणों की भी स्थानीय लोगों की मदद से पहचाने करने की प्रक्रिया अपनाई गई ताकि कोई अवांछित तत्व मौके का फायदा न उठा सके। कई जगह कार्यक्रम के लिए पहले से चिन्हित स्थलों में बदलाव किया गया था। सभी संबधित इलाकों में कार्यक्रम के संपन्न् होने तक पुलिस व अर्धसैनिकबलों के जवानों लगातार गश्त कर,आम लोगों में सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा करते रहे।