अब हरेक विद्यार्थी को मिलेगा उच्च शिक्षा का मौका, जम्मू शहर में खुलेंगे चार नए कालेज
राज्यपाल प्रशासन ने पचास नए कालेज मंजूर किए है जिसमें दूरदराज व ग्रामीण इलाकों में अधिकतर कालेज खाेले गए है। कालेजों के नींव पत्थर रखने की प्रक्रिया तेजी के साथ शुरु की है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। लम्बे अर्से के बाद जम्मू शहर में चार नए कालेज बन रहे है। इन कालेजों के बन जोन से जम्मू शहर में पहले से स्थापित कालेजों पर बोझ कम हो जाएगा। राज्य सकार ने सैनिक कालोनी, सिद्धड़ा, नगरोटा और भगवती नगर के लिए कालेज मंजूर किए है। इसमें भगवती नगर में महिला कालेज बनेगा। जम्मू में पहले सिर्फ दो ही महिला कालेज है जिसमें एक गांधी नगर और एक परेड में है। जम्मू में पहले से स्थापित साइंस कालेज सबसे प्राचीन है। यह साल 1905 में स्थापित किया गया था। महिला कालेज परेड, महिला कालेज गांधी नगर, मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज और कामर्स कालेज भी तीस से पांच वर्ष तक पुराने है। चालीस से अधिक वर्ष के बाद यह पहला मौका होगा जब जम्मू शहर में महिला कालेज खुलेगा। जम्मू शहर में पलौड़ा कालेज साल 2008 में खोला गया था। यह कालेज कुछ समय पहले ही अपनी इमारत में शिफ्ट हुआ है। शहर के चार कालेज स्टेट लैंड पर बनाए जा रहे है। इनके लिए जमीन का प्रबंध हो चुका है।
पचास नए कालेज को मंजूरी
राज्यपाल प्रशासन ने पचास नए कालेज मंजूर किए है जिसमें दूरदराज व ग्रामीण इलाकों में अधिकतर कालेज खाेले गए है। राज्यपाल प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए कालेजों के नींव पत्थर रखने की प्रक्रिया तेजी के साथ शुरु की है। यह कहना गलत नहीं होगा कि साल 2002 से लेकर 2018 तक तीन सरकारें बनी। इन तीन सरकारों के समय में करीब साठ कालेज खोले गए है लेकिन करीब आठ महीने के समय राज्यपाल और राष्ट्रपति शासत में इतिहास रचा गया। इस अविध में पचास नए कालेज मंजूर किए गए। नींव पत्थर रखने का काम कभी इतनी तेजी के साथ नहीं हुआ।
इसी अकादमिक सत्र से शुरू हो जाएंगे दाखिले
इसी अकादिमक सत्र से सभी पचास कालेजों में दाखिला भी शुरु हो जाएंगे। इसके साथ ही राज्य में कालेजों की संख्या 160 तक पहुंच गई है। दूरदराज व ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को अब उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। साइंस कालेज के नोडल प्रिंसिपल प्रो. सारस्वत ने बताया कि सरकार किराए की इमारतें शहर के चारों नए कालेजों में अकादमिक सत्र शुरु कर देगी। इसके लिए तैयारी चल रही है। दाखिला प्रक्रिया निर्धारित समय पर होगी। यह निश्चित बात है कि नए कालेजों के खुल जाने से पहले वाले कालेजाें पर बोझ कम होगा।
नए कालेज तो खोल रहे परंतु कोर्सों का है अभाव
उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की कोशिश में राज्य सरकार रोजगार उपलब्ध करवाने वाले नए कंबिनेशन उपलब्ध करवाने में नाकाम रही है। कालेज तो खुलते जा रहे है लेकिन नए कोर्सों का अभाव है। पिछले वर्ष काफी कोशिश की गई कि नए विषय शुरु किए जाए। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने बिना तैयारी के लिए नए काेर्सों की लम्बी लिस्टें बनाकर कालेजों को भेज दी लेकिन यह महज औपचारिकता ही थी। जमीनी सतह पर कुछ काम नहीं किया। इसका नतीजा यह हुआ कि कोई नया कोर्स इसलिए शुरु नहीं हो पाया क्योंकि इसके लिए न तो कोई बुनियादी ढांचा था और न ही फैकेलिटी। जम्मू विश्वविद्यालय और कश्मीर विश्वविद्यालय इसके लिए तैयार ही नहीं थी। पाठ्यक्रम तैयार नहीं था। इसलिए प्रयास धरे के धरे रह गए।