Jammu Kashmir: 2021 में जनगणना को कामयाब बनाने के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी का विस्तार
जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद जनगणना बहुत जरूरी है। इसके आधार पर जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों का परिसीमन भी होना है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में वर्ष 2021 में जनगणना की प्रक्रिया समय पर निपटाने के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय जनगणना समन्वय समिति का विस्तार करते हुए वित्त विभाग के वित्त आयुक्त को भी इसमें सदस्य के रूप में शामिल किया है।
योजना एवं निगरानी विभाग के सुझाव पर अमल करते हुए जम्मू कश्मीर सरकार ने यह कार्रवाई वीरवार को की। जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रामाण्यम इस उच्च स्तरीय कमेटी के चेयरमैन व जनगणना अभियान के निदेशक हैं। कमेटी सुनिश्चित करेगी कि अगले साल प्रदेश में जनगणना के अभियान में कोई बाधा न आए। जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद जनगणना बहुत जरूरी है। इसके आधार पर जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों का परिसीमन भी होना है। इससे पहले जम्मू कश्मीर में जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी।
आठ सदस्यीय इस कमेटी के सदस्यों में वित्त विभाग के वित्त आयुक्त के साथ योजना, आवास एवं शहरी विकास के प्रमुख सचिवों के साथ शिक्षा विभाग के आयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास, राजस्व विभाग के सचिव व सेंसस आपरेशन के डायरेक्टर भी शामिल हैं। कमेटी अगले साल होने वाली जनगणना को कामयाब बनाने की ग्राउंड तैयार कर रही है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पुनर्गठन के पहले के जम्मू कश्मीर की जनसंख्या 1,25,41,302 थी। इनमें 66,40,662 पुरूष व 59,00,640 महिलाएं हैं। प्रदेश में लिंगनुपात प्रति एक हजार पुरूषों के लिए 889 थी। देश में लिंगनुपात की राष्ट्रीय औसत 940 है। राज्य में साक्षरता दर 67.16 थी। पुरूष साक्षरता दर 76.75 जबकि महिला साक्षरता दर थी । अब लद्दाख के अलग केंद्र शासित प्रदेश बन जाने से जम्मू कश्मीर के सेंसस में लद्दाख की आबादी घट जाएगी।