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Jammu Kashmir : कोरोना टैक्स लगाकर भी राजस्व पूरा नहीं कर पाया आबकारी विभाग

आबकारी विभाग ने दावा किया है कि उसने 358 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित किया है। यह वो राजस्व है जो केवल शराब व बीयर बिक्री से विभाग को आता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 12:47 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 12:47 PM (IST)
Jammu Kashmir : कोरोना टैक्स लगाकर भी राजस्व पूरा नहीं कर पाया आबकारी विभाग
Jammu Kashmir : कोरोना टैक्स लगाकर भी राजस्व पूरा नहीं कर पाया आबकारी विभाग

जम्मू, जागरण संवाददाता । आबकारी विभाग ने गत दिनों अपने राजस्व लक्ष्य को पूरा करने का बड़ा दावा किया लेकिन वास्तविकता यह है कि विभाग इस साल शराब व बीयर के बिक्री मूल्य पर 50 फीसद अतिरिक्त एक्साइज डयूटी (कोरोना टैक्स) लगातार भी अपना राजस्व पूरा नहीं कर पाया है। विभाग ने जिस राजस्व वसूली का दावा पेश किया, उसमें 50 फीसद कोरोना टैक्स भी शामिल था। अगर इसे निकाल दे तो विभाग मात्र 200 करोड़ रुपये का राजस्व ही जुटा पाया। इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि 50 फीसद कोरोना टैक्स लगने के बाद महंगी शराब की बिक्री काफी कम हो गई है और देसी शराब की बिक्री बढ़ी है जहां से विभाग से कम राजस्व मिलता है।

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आबकारी विभाग ने दावा किया है कि उसने 358 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित किया है। यह वो राजस्व है जो केवल शराब व बीयर बिक्री से विभाग को आता है। अगर पिछले कुछ सालों के राजस्व वसूली रिकार्ड पर नजर डाले तो यह आंकड़े संतोषजनक है लेकिन विभाग इस बात काे छुपा रहा है कि इस राजस्व में अप्रैल से लेकर अगस्त तक 50 फीसद कोरोना टैक्स भी शामिल है। आमतौर पर यह आंकड़े अप्रैल महीने में जारी होते है लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण अगस्त महीने में आंकड़े जारी हुए और इसमें अगस्त तक राजस्व जोड़ कर विभाग ने यह दिखाने का प्रयास किया कि विभाग के राजस्व में वृद्धि हुई है। सूत्रों की माने तो विभाग के राजस्व में कमी आई है क्योंकि लॉकडाउन अवधि के दौरान जम्मू-कश्मीर में शराब की दुकानें बंद रही लेकिन पंजाब व अन्य पड़ोसी राज्यों से यहां शराब की जमकर तस्करी हुई।

पिछले कुछ सालों के राजस्व आंकड़े

  • 2017-18 : 347.60 करोड़
  • 2016-17 : 304.18 करोड़
  • 2015-16 : 300.75 करोड़
  • 2014-15 : 278.21 करोड़
  • 2013-14 : 265.50 करोड़
  • 2012-13 : 236.80 करोड़
  • 2011-12 : 215.03 करोड़
  • 2010-11 : 184.43 करोड़
  • 2009-10 : 156.02 करोड़

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