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Positive India: घर पहुंचा रहे पाठ्य सामग्री ताकि न टूटे पढ़ाई का सिलसिला, सीमांत क्षेत्रों में नहीं हो रही ऑनलाइन पढ़ाई

जम्मू संभाग में 28 मार्च से दो मई तक 2.5 लाख विद्यार्थियों को जोड़ा है। पिछले 26 दिन में जम्मू संभाग में 12.9 लाख कक्षाएं लगाई गई हैं। कश्मीर में 14 लाख से अधिक कक्षाएं लगाई हैं

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 01:54 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 01:54 PM (IST)
Positive India: घर पहुंचा रहे पाठ्य सामग्री ताकि न टूटे पढ़ाई का सिलसिला, सीमांत क्षेत्रों में नहीं हो रही ऑनलाइन पढ़ाई
Positive India: घर पहुंचा रहे पाठ्य सामग्री ताकि न टूटे पढ़ाई का सिलसिला, सीमांत क्षेत्रों में नहीं हो रही ऑनलाइन पढ़ाई

जम्मू, राज्य ब्यूरो : कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन के बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में विद्यार्थियों को घर-घर स्टडी मैटेरियल पहुंचाने की मुहिम छेड़ दी है। जम्मू-कश्मीर में पुंछ और राजौरी में नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है। यहां हर समय पाकिस्तानी गोलीबारी का डर लगा रहता है। ऐसे हालात में विद्यार्थियों के घरों तक स्टडी मैटेरियल और असाइनमेंट पहुंचाया जा रहा है। अध्यापक सक्रिय होकर बच्चों के घरों तक पहुंच रहे हैं। नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में अधिकतर बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं। कई इलाकों में मोबाइल टावर भी नहीं है। कुछ जगह लैंडलाइन की भी सुविधा नहीं है। ऐसे में वहां बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध करवाना काफी मुश्किल है।

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ऐसे में कुछ अध्यापक शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए बच्चों को स्टडी मैटेरियल से पढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही असाइनमेंट हल करने में मदद दे रहे हैं। विभाग ने जम्मू संभाग में 28 मार्च से दो मई तक 2.5 लाख विद्यार्थियों को जोड़ा। पिछले 26 दिन में जम्मू संभाग में 12.9 लाख कक्षाएं लगाई गई हैं। कश्मीर में 14 लाख से अधिक कक्षाएं लगाई जा चुकी हैं। प्रतिदिन टेली कक्षाओं और रेडियो के जरिए शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है। जम्मू-कश्मीर में अब तक 42 लाख पाठ्य पुस्तकें वितरित की जा चुकी हैं। विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून नियमित तौर पर ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं। वह स्वयं विभाग की खामियों को उजागर कर रहे हैं। उनके प्रयासों से रिक्त पदों को भरा जा रहा है। हालांकि किश्तवाड़ जिला के दूरदराज इलाकों के चार हायर सेकेंडरी स्कूलों को टेलीफोन से नहीं जोड़ा जा सका है। प्रयास हो रहा।

समग्र शिक्षा अभियान के तहत 2019-20 में शिक्षा का बुनियादी ढांचा हुआ मजबूत

  • एलीमेंटरी स्कूलों के 557933 विद्यार्थियों को निशुल्क पुस्तकें वितरित की गई
  • 52236 लर्निग आउटलेट बुकलेट सभी एलीमेंटरी स्कूलों के अध्यापकों को दी गई ताकि अध्यापक पढ़ाई के समय इनका प्रयोग कर सकें।
  • 704913 विषय और कक्षा आधार पर पोस्टर सभी एलीमेंटरी स्कूलों में दिए गए और क्लास रूम में लगाया गया।
  • विशेष जरूरतों वाले बच्चों के खाते में सीधे 42.96 लाख रुपये डाले गए।
  • डिजिटल प्रयासों के तहत एलीमेंटरी स्कूलों को 2876 टेबलेट उपलब्ध करवाए गए।
  • एलीमेंटरी, सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों में आइटी विभाग के जरिए 382 कॉल सेंटर और 630 लैब बनाई गई।

अब तक यह हुए प्रयास

  • जम्मू संभाग के 10 जिले में करीब 2.5 लाख विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ा गया। इसके लिए 1294081 कक्षाएं लगाई गई हैं।
  • वाट्सएप से जोड़े गए विद्यार्थी - 138636
  • फोन कॉल या कांफ्रेंस ई-कॉल से जोड़े गए विद्यार्थी-102217
  • अन्य माध्यम से जोड़े गए विद्यार्थी - 8899
  • ऑनलाइन शिक्षा से जोड़े गए विद्यार्थी- 249752
  • विभाग की कोशिश है कि किसी भी बच्चे की शिक्षा प्रभावित नहीं हो। जहां पर इंटरनेट नहीं है, वहां पर बच्चों के घरों तक स्टडी मैटेरियल पहुंचाया जा रहा है। पहले स्कूलों में पुस्तकें दी जाती थीं, अब विद्यार्थियों को घरों में दी जा रही है। - अनुराधा गुप्ता, डायरेक्टर, स्कूल एजुकेशन, जम्मू

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