लाइव मुठभेड़ में युवाओं का आत्मसमर्पण करना बेहतर कदम, दूसरे भी करें पालन-पुलिस आपके साथ: डीजीपी दिलबाग सिंह
जो लोग अभी भी अपने हाथों में बंदूकें पकड़े हुए हैं और गलत रास्ते पर हैं उन्हें भी वापस लाैटने पर विचार करना चाहिए। पुलिस उनकी वापसी में पूरी मदद करेगी। डीजीपी ने कहा कि युवाओं को खेल अन्य मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेते देखकर उन्हें काफी खुशी होती है।
श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि जिन युवाओं ने गलत रास्ता चुना था, वे आत्मसमर्पण करना पसंद कर रहे हैं। यह स्वागत योग्य कदम है। जो अभी भी बंदूक पकड़े हुए हैं, उनके लिए एक संदेश है। वे अभी भी वापस आ सकते हैं और मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस व प्रशासन उनका पूरा सहयोग करेगा।
राष्ट्रीय एकता दिवस पर पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की वर्षगांठ के अवसर पर जेवन में श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद कहा कि युवा लाइव मुठभेड़ों के दौरान आत्मसमर्पण कर रहे हैं। पिछले महीने में कुछ युवाओं ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। यह विकास की राह में अच्छा कदम है। आतंकी संगठनों के बहकावे में आकर गलत मार्ग में निकल पड़े ये युवा मुख्यधारा में फिर से शामिल होकर देश व राज्य के विकास में योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जो लोग अभी भी अपने हाथों में बंदूकें पकड़े हुए हैं और गलत रास्ते पर हैं, उन्हें भी वापस लाैटने पर विचार करना चाहिए। जम्मू-कश्मीर पुलिस उनकी वापसी में पूरी मदद करेगी। डीजीपी सिंह ने कहा कि कश्मीरी युवाओं को खेल और अन्य मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेते देखकर उन्हें काफी खुशी होती है।
इसी बीच पत्रकारों द्वारा कुलगाम आतंकी हमले के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि आतंकी हमले में मारे गए तीन भाजपा कार्यकर्ताओं के मामले की जांच की जा रही है। हमलावरों की पहचान कर ली गई है। जांच सही दिशा में चल रही है।
एकता दिवस के बारे में डीजीपी ने कहा कि पिछले छह वर्षों से यह दिन सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में मनाया जा रहा है। इसी दिन को मनाने के लिए आज जेवन में एक भव्य परेड का आयोजन किया गया था जिसमें सभी सुरक्षा एजेंसियों और राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया था।