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Jammu Kashmir: क्रिकेट का आसमां छूने चले जम्मू-कश्मीर के सितारे

कुलगाम के रसिख सलाम इसी दौर में सामने आए। बाद में वह जन्मतिथि के विवाद में फंस गए। उन्हें मुंबई इंडियन से आइपीएल से खेलने का अवसर मिला था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 11:20 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 11:20 AM (IST)
Jammu Kashmir: क्रिकेट का आसमां छूने चले जम्मू-कश्मीर के सितारे
Jammu Kashmir: क्रिकेट का आसमां छूने चले जम्मू-कश्मीर के सितारे

जम्मू, विकास अबरोल। जम्मू गत वर्ष पांच अगस्त में जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370-35ए समाप्त किया तो न केवल वहां के लोगों, खिलाड़ियों को अनिश्चितता के दौर से गुजरना पड़ा। फोन से संपर्क नहीं। अभ्यास कैसे व कहां जुटना है, कैसे रणनीति तैयार करनी है.. जैसी तमाम चीजें थीं। बावजूद जम्मू-कश्मीर की क्रिकेट टीम रणजी में ग्रुप सी में टॉप पर जगह बना क्वार्टर फाइनल में पहुंची है। मौजूदा समय में जारी कर्नाटक से मुकाबला कांटे का है, लेकिन राज्य टीम का लक्ष्य सेमीफाइनल का है। यहां तक का सफर शानदार रहा। परवेज रसूल के नेतृत्व में टीम ने सीजन में नौ में से छह मैच जीते और दो ड्रॉ रहे। ये यहां के युवाओं का जोश और कोच इरफान पठान की कड़ी मेहनत है जिन्होंने राज्य टीम को मुकाम तक पहुंचाया।

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खिलाड़ी तराशने में काफी समय गुजरा: टीम से जुड़े अधिकारी और प्रशिक्षक बताते हैं कि ग्रुप सी के लीग मुकाबलों से निकलकर नॉकआउट तक पहुंचने के सफर में लंबी तैयारी और मेहनत लगी। कश्मीर के आतंक पीड़ित क्षेत्रों से जम्मू तक युवा प्रतिभाओं की तलाश की मुहिम छेड़ी। बीसीसीआइ से विशेष जिम्मेदारी के साथ आए टीम के कोच और मेंटर इरफान पठान और कप्तान परवेज रसूल ने स्वयं कश्मीर में डेरा डाल 100 से अधिक क्रिकेटरों को चुना। जम्मू के अलावा अनंतगाम, पुलवामा, राजौरी और बडगाम जैसे क्षेत्रों के युवाओं को भी अवसर मिला।

सुरक्षा गार्ड अब बन गया सितारा: जम्मू-कश्मीर के मंजूर डार ने हर संघर्ष में क्रिकेट को नियति बनाए रखा। घर की आर्थिक तंगी के कारण बीच में मंजूर को स्कूली शिक्षा छोड़नी पड़ी। निजी कंपनी में सुरक्षा गार्ड रहे। टैलेंट सर्च में उनके लंबे छक्के लगाने की क्षमता देखकर चयनकर्ता प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। फिर उनकी किस्मत पलट गई। पिछले साल पंजाब किंग्स इलेवन ने 20 लाख के बेस प्राइस में खरीदा था। एक नवंबर, 1993 को जन्मे मंजूर ने वर्ष 2017 में घरेलू टी-20 में पर्दापण किया।

गेंदबाजी से धार दे रहे मुजतुबा: अनंतनाग के बिजबिहाड़ा के मुजतबा युसूफ अपनी गेंदबाजी की धार से टीम को नई ऊंचाई देने में जुटे हैं। पिछले साल कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने मेहमान गेंदबाज के रूप में कैंप के लिए आमंत्रित किया था। पुलवामा के उमर नाजिर मीर की गेंदबाजी टीम के लिए खास रही है। कुलगाम के रसिख सलाम इसी दौर में सामने आए। बाद में वह जन्मतिथि के विवाद में फंस गए। उन्हें मुंबई इंडियन से आइपीएल से खेलने का अवसर मिला था।

50 मुकाबले खेलने वाले सबसे युवा शुभम: राष्ट्रीय अंडर-19 टीम में जगह बनाने वाले जम्मू-कश्मीर के शुभम खजूरिया 50 मुकाबले खेलने वाले राज्य के सबसे युवा खिलाड़ी बन चुके हैं। 13 सितंबर, 1995 को जन्में शुभम ने 16 वर्ष की आयु में नवंबर 2011 को चार दिवसीय रणजी क्रिकेट मुकाबले में महाराष्ट्र के खिलाफ पदार्पण किया था। शुभम ने वर्ष 2014-15 को चार दिवसीय रणजी ट्रॉफी में मुंबई के खिलाफ पहली पारी में यादगार 107 रन बनाकर करियर का पहला शतक बनाया था। दूसरी पारी में 78 रन बनाए थे। मुंबई को उसके मैदान में जम्मू-कश्मीर ने चार विकेट से हराकर इतिहास रचा था। शुभम को मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया था। शुभम ने 2018-19 में विजय हजारे ट्रॉफी के नौ मुकाबलों में 236 रन बनाए थे। दाएं हाथ के बल्लेबाज शुभम प्रथम श्रेणी के मुकाबलों में पांच शतक, 18 अर्धशतकीय पारियों सहित 2930 रन बना चुके हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी के 50 मुकाबलों में 92 पारियां खेलकर तीन बार नाबाद रह चुके हैं। उन्होंने सर्वाधिक 138 रन बनाए हैं। इनमें पांच शतकीय व 18 अर्धशतकीय पारियां भी शामिल हैं।

अब्दुल समद: जम्मू-कश्मीर के आलराउंडर क्रिकेटर अब्दुल समद चेन्नई में 13 मार्च, 2020 से शुरू होने वाले 13वें आइपीएल संस्करण के लिए चुने गए हैं। 23 मार्च को चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच चेन्नई में पहला आइपीएल खेला जाएगा। 24 मार्च को कोलकाता नाइट राइडर्स व सनराइजर्स हैदराबाद के बीच कोलकाता में मुकाबला होगा। दाहिने हाथ के बल्लेबाज एवं बाएं हाथ के लेग स्पिनर अब्दुल समद का जन्म 28 अक्टूबर, 2001 को हुआ। समद ने वर्ष 2018-19 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पर्दापण किया। 27 सितंबर, 2019 को विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने का मौका मिला। नौ दिसंबर, 2019 को रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका हासिल हुआ। उन्होंने 12वीं की परीक्षा सिदड़ा स्थित लारेंस हायर सेकेंडरी स्कूल से की। उन्होंने प्रथम श्रेणी के नौ मुकाबलों में 15 पारियों में दो बार नाबाद रहकर कुल 547 रन 42.1 के औसत के बनाए। उन्होंने दो शतकीय पारियां व तीन अर्धशतकीय पारियां खेली हैं। लिस्ट ए के आठ मुकाबलों में खेलकर 237 रन बनाए। टी-20 के 11 मुकाबलों में 10 पारियां खेलकर कुल 240 रन बनाए।

टीम के कप्तान परवेज रसूल: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर परवेज रसूल जम्मू-कश्मीर रणजी टीम के कप्तान हैं। परवेज ने 15 जून, 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ भारत से खेलकर पहले एक दिवसीय मुकाबले में पर्दापण किया था। उन्होंने 81 प्रथम श्रेणी के मुकाबले खेलकर 4804 रन बनाए हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर 182 रन रहा है। इसमें 12 शतकीय और 20 अर्धशतकीय पारियां शामिल हैं। लिस्ट ए के 118 मुकाबलों में 2919 रन बनाए हैं। इसमें एक शतकीय पारी व 22 अर्धशतकीय पारियां शामिल हैं।

मिथुन का भी अहम योगदान: राज्य के पूर्व रणजी कप्तान एवं पूर्व कोच मिथुन मन्हास का जम्मू-कश्मीर की रणजी टीम में निखार लाने के लिए अहम योगदान रहा है। यह बात अलग है कि इरफान द्वारा टीम चयन में हस्तक्षेप करने के कारण मिथुन सहित चार अन्य चयनकर्ताओं ने त्यागपत्र दे दिया था। जिस समय मिथुन ने बतौर कोच जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन की कमान संभाली उस समय रणजी ट्रॉफी में जम्मू-कश्मीर का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था। मिथुन रणजी क्रिकेट इतिहास में सर्वाधिक 8000 रन बनाने वाले देश के चौथे पायदान पर आने वाले खिलाड़ी हैं।

राज्य के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं : इरफान पठान

इरफान पठान ने जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे प्रतिभा के धनी हैं। यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर की टीम का इस बार रणजी मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन रहा है। ऐसा सब एक वर्ष में संभव नहीं हुआ, बल्कि इसके पीछे दो वर्ष से भी अधिक का समय लग गया। उनके काम करने के तरीकों से नाराज होकर गत वर्ष चार चयनकर्ताओं ने इस्तीफे भी दिए थे। जम्मू-कश्मीर टीम का क्वार्टर फाइनल तक का सफर काफी शानदार रहा है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष जम्मू-कश्मीर में जेकेसीए द्वारा टैलेंट सर्च कैंप का आयोजन किया। इसमें 300 खिलाड़ियों ने भाग लिया। गुजरात के पूर्व बल्लेबाज एवं कोच मिलाप प्रदीप कुमार मीवाड़े का काफी सहयोग रहा है। उन्होंने कहा कि टीम के खिलाड़ी इस समय शानदार फार्म में हैं। उनके बेहतरीन प्रदर्शन की प्रमुख वजह उनकी फिटनेस है। जब तक खिलाड़ी का फिटनेस दुरुस्त नहीं होगा तब तक वे आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। रणजी से पहले पूरी टीम को सख्त हिदायत दी थी कि वे संयम के साथ क्रीज पर डटे रहें। आत्मविश्वास को बनाए रखते हुए कभी भी तनाव को स्वयं पर हावी नहीं होने दें।

जम्मू-कश्मीर का रणजी में अब तक का सफर

  • 253 रन से उत्तराखंड को हराया।
  • 54 रन से महाराष्ट्र को दी मात।
  • असम के साथ मुकाबला ड्रॉ रहा।
  • पारी और 27 रन से झारखंड को हराया।
  • 173 रन से सर्विसेस को दी मात।
  • 4 विकेट से ओडिशा को हराया।
  • छत्तीसगढ़ के साथ मुकाबला ड्रॉ रहा।
  • 329 रन से त्रिपुरा को हराया।
  • 2 विकेट से शिकस्त मिली जम्मू-कश्मीर को हरियाणा से।

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