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आजाद के दौरे से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बढ़ा मनोबल, भाजपा ने खोला मोर्चा

अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रधान जीए मीर पूर्व मंत्री रमन भल्ला सहित कई नेता घरों में ही नजरबंद हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 11:14 AM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 11:14 AM (IST)
आजाद के दौरे से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बढ़ा मनोबल, भाजपा ने खोला मोर्चा
आजाद के दौरे से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बढ़ा मनोबल, भाजपा ने खोला मोर्चा

जम्मू, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद जम्मू कश्मीर का छह दिवसीय दौरा कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई उम्मीद जगा गए। हालांकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में उपजे हालात को मुद्दा बना रहे पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के खिलाफ भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। भाजपा के नेता कश्मीर पर उनके बयान को लेकर निंदा कर रहे हैं, लेकिन इससे राज्य में कांग्रेस फिर चर्चा में आ गई।

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अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रधान जीए मीर, पूर्व मंत्री रमन भल्ला सहित कई नेता घरों में ही नजरबंद हैं। कांग्रेस के किसी भी नेता को प्रशासन ने पत्रकार वार्ता करने की इजाजत नहीं दी। पत्रकार वार्ता का प्रयास करने वाले मुख्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा व युवा कांग्रेस नेता प्रणव शगोत्रा को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इसके बाद प्रदेश में ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) के चुनावों की आहट के बावजूद कांग्रेस के नेता चुप थे। पार्टी की कोई भी गतिविधि नजर नहीं आ रही थी। प्रशासन ने बाहर से भी किसी नेता को कश्मीर में आने की इजाजत नहीं दी थी।

तीन बार कश्मीर आने का असफल प्रयास कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को जब सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर कश्मीर में आने की इजाजत मिली तो नेताओं और कार्यकर्ताओं को नई उम्मीद बंध गई। आजाद से कुछ ही नेता मिले, लेकिन उन्होंने अपने दौरे के दौरान अधिक से अधिक लोगों से मिलकर यह संदेश देने का प्रयास किया कि कांग्रेस उनकी आवाज को दिल्ली तक पहुंचाएगी।

वर्ष 2008 के बाद पहली बार गुलाम नबी आजाद लोगों से मिलने के लिए जम्मू के बाजार में घूमे। रघुनाथ बाजार से लेकर सिटी चौक और पुरानी मंडी पैदल घूम कर उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरा। वे कांग्रेस नेताओं को लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनने के निर्देश भी दे गए। अपने छह दिन के दौरे में उन्होंने समाज के हर वर्ग के सदस्यों से मिलने का प्रयास किया। उनका अंदाज पूरी तरह बदला हुआ था।

इस दौरान उन्होंने विवादों से भी बचने का प्रयास किया। उनका मकसद था कि हर वर्ग के लोगों तक पहुंच कर उन्हें बताएं कि सब कुछ सही नहीं है, जैसा कि उन्हें दिखाया जा रहा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार आजाद जब भी आते हैं, कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ हर वर्ग से मिलने की कोशिश करते हैं।

भाजपा ने कहा लोगों को गुमराह कर रही कांग्रेस

पूर्व उपमुख्यमंत्री कविन्द्र गुप्ता ने कहा है कि आजाद लोगों को गुमराह करने के लिए गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। आजाद पाकिस्तान व अलगाववादियों के एजेंडे को बल दे रहे हैं। आजाद और उनके जैसे नेता जम्मू कश्मीर में शांति व खुशहाली नहीं चाहते हैं। आजाद का यह कहना गलत है कि जम्मू कश्मीर में व्यापार थम गया है। इस समय जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र न होने का बयान देकर आजाद ने साबित कर दिया है कि वह मानसिक रूप से दिवालिया हो चुके हैं।

पार्टी नेता व एमएलसी रमेश अरोड़ा ने जम्मू-कश्मीर के सभी मसलों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आजाद बताएं कि नेहरू आंतरिक मामले को संयुक्त राष्ट्र क्यों ले गए थे। भाजपा ने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए कार्रवाई की है। लोकतंत्र तब खत्म हुआ था जब कांग्रेस ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था। इसके साथ शेख अब्दुल्ला को 1975 में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाकर लोकतंत्र को खत्म किया गया।


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