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Jammu Kashmir darbar move: 147 साल पुरानी दरबार मूव की परंपरा बदलाव के तीसरे चरण में प्रवेश करेगी

अब भी जम्मू में सचिवालय कर्मियों के काम करने रहने खाने व ठहरने का बंदोबस्त हो रहा है। अगले तीन दिनाें में बंद पड़े टेलीफोन व बिजली कनेक्शन भी बहाल कर दिए जाएंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 06:09 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 06:21 PM (IST)
Jammu Kashmir darbar move: 147 साल पुरानी दरबार मूव की परंपरा बदलाव के तीसरे चरण में प्रवेश करेगी
Jammu Kashmir darbar move: 147 साल पुरानी दरबार मूव की परंपरा बदलाव के तीसरे चरण में प्रवेश करेगी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में महाराजा के समय से जारी 147 साल पुरानी दरबार मूव की प्रक्रिया अब बदलाव के तीसरे चरण में प्रवेश करेगी। पहले महाराजा फिर कश्मीर केंद्रित सरकारों और अब जम्मू सचिवालय में केंद्र शासित प्रदेश के कामकाज को सुचारू बनाने का बंदोबस्त हाे रहा है।

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केंद्र शासित जम्मू कश्मीर का कामकाज जम्मू सचिवालय से 4 नवंबर को शुरू होगा। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में जम्मू कश्मीर सरकार का दरबार 25 अक्टूबर को बंद हुआ था। ऐसे में पिछले छह महीनों से बंद जम्मू सचिवालय के 35 विभागों के तालों को मंगलवार खोल दिया गया। जम्मू में डेरा डाले बैठे विभागों की एडवांस पार्टियों के साढ़े तीन सौ के करीब अधिकारियों, कर्मचारियों ने नई प्रशासनिक व्यवस्था के तहत कामकाज की तैयारी शुरू कर दी।

वर्ष 1872 में महाराजा के जमाने में शुरू हुई थी दरबार मूव की परंपरा

दरबार मूव की प्रक्रिया वर्ष 1872 में महाराजा के जमाने में हुई थी। महाराजा रणबीर सिंह ने बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था के लिए दरबार को छह महीने श्रीनगर व छह महीने जम्मू में रखने की प्रथा शुरू की थी। महाराजा का काफिला अप्रैल माह में श्रीनगर के लिए रवाना हो जाता था व वापसी अक्टूबर महीने में होती थी। कश्मीर की दूरी को देखते हुए बेहतर शासन की इस व्यवस्था को डोगरा शासकों ने वर्ष 1947 तक बदस्तूर जारी रखा। कश्मीर केंद्रित सरकारों को इस व्यवस्था से एतराज नही था, ऐसे में उन्होंने पिछले करीब सत्तर सालों से इस व्यवस्था को जारी रखा। अब यह व्यवस्था फिलहाल केंद्र शासित प्रदेश में भी जारी रहेगी।

रिकार्ड को कब्जे में लेकर उसे सैट करने का अभियान छेड़ा

जम्मू सचिवालय में केंद्र शासित प्रदेश का कामकाज को सुचारू बनाने की मुहिम मंगलवार को शुरू हो गई। जम्मू में डेरा डाले बैठी विभिन्न विभागों की एडवांस पार्टियाें ने रिकार्ड को कब्जे में लेकर उसे सैट करने का अभियान छेड़ दिया। इन पार्टियों की जिम्मेवारी होगी कि 4 नवंबर को दरबार खुलने पर सरकार के कामकाज में कोई बाधा न आए। एडवांस पार्टियों ने कर्मचारियों ने सरकारी रिकार्ड को कब्जे में लेकर इस अपने अपने कार्यालय में पहुंचा दिया। बुधवार को इस रिकार्ड को खोल कर इसे सैट कर दिया जाएगा।

बंद पड़े टेलीफोन-बिजली कनेक्शन बहाल कर दिए जाएंगे

अब भी जम्मू में सचिवालय कर्मियों के काम करने, रहने, खाने व ठहरने का बंदोबस्त हो रहा है। अगले तीन दिनाें में बंद पड़े टेलीफोन व बिजली कनेक्शन भी बहाल कर दिए जाएंगे। मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रामाण्यम जम्मू सचिवालयों में हो रही तैयारियाें का निरीक्षण कर सुनिश्चित करेंगे कि दरबार खुलते ही सरकारी कामकाज जोर पकड़ जाए। मुख्य सचिव ने गत दिनों जम्मू सचिवालय का दौरा भी किया था।

सचिवालय खुलने से पहले चलेगा सफाई अभियान

आवास एवं शहरी विकास विभाग की एडवांस पार्टी के सदस्य एके गुप्ता ने जागरण को बताया कि एडवांस पार्टियाें का काम शुरू हो गया व चार दिन में कार्यालय में कामकाज शुरू करने की व्यवस्था बन जाएगी। ऐसे में प्रशासनिक सचिवों के दौरे भी शुरू हो जाएंगे। शनिवार व रविवार को सचिवालय में बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया जाएगा।

सरकारी खजाने पर भारी पड़ता है दरबार मूव

तंगहाली के दौर से गुजर रहे राज्य में दरबार मूव बहुत महंगा पड़ा लेकिन इससे न तो सरकार और न ही कर्मचारियों को कुछ खास फर्क पड़ा। एक और सरकार के अहलेकारों की खातिर पर दोनों राजधानियों में अरबों रूपये खर्च होते हैं तो दूसरी ओर करीब पंद्रह हजार कर्मियों को भी साल में दो बार पच्चीस-पच्चीस हजार का मूव टीए मिलता है। इसके साथ कर्मियों, अधिकारियों के होटलों, क्वार्टरों, निजी आवासों में रहने का बंदोबस्त भी होता है।


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