Jammu Kashmir: सरकारी कमेटी के सामने आज खुलेगा मांगों का पिटारा, व्यापारियों-उद्यमियों ने तैयार किए मांग पत्र
इस महत्वपूर्ण बैठक में जाने से पूर्व उद्योगपतियों व व्यापारियों ने अपनी मुख्य मांगों का मांग पत्र तैयार कर लिया है जो केके शर्मा व कमेटी के अन्य सदस्यों समक्ष पेश किया जाना है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: कोविड-19 के बीच जम्मू-कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उपराज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा की अध्यक्षता वाली कमेटी आज उद्योग व व्यापार जगत के विभिन्न पक्षों से बातचीत करेगी। पांच सदस्यीय इस कमेटी ने शुक्रवार को श्रीनगर में उद्योगपतियों व व्यापारियों से बैठक की थी और आज दोपहर बाद कमेटी जम्मू में व्यापारियों व उद्योगपतियों की नब्ज टटोलेगी। ऐसे में इस महत्वपूर्ण बैठक में जाने से पूर्व उद्योगपतियों व व्यापारियों ने अपनी मुख्य मांगों का मांग पत्र तैयार कर लिया है जो केके शर्मा व कमेटी के अन्य सदस्यों समक्ष पेश किया जाना है।
उद्योग जगत की यह है मुख्य मांगें
- उद्योग जगत की ओर से फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू ने कमेटी के समक्ष रखी जाने वाली मांगों काे अंतिम रूप दिया है।
- उद्योग जगत की सबसे बड़ी मांग है कि जीएसटी लागू होने से पूर्व जो रियायतें मिलती थी, उन्हें हूबहू लागू किया जाए। जीएसटी से पूर्व सेंट्रल एक्साइज के तहत आने वाली 400 औद्योगिक इकाईयों को सालाना 1150 करोड़ रुपये की रियायत मिलती थी जो अब कम होकर 600 करोड़ हो गई है। जीएसटी से पूर्व सेंट्रल एक्साइज के तहत न आने वाली 3500 इकाईयों को सालाना 500 करोड़ रुपये की रियायत मिलती थी लेकिन जीएसटी के तहत अब ऐसी केवल 600 इकाईयों को सालाना तीस करोड़ रुपये की रियायत मिल रही है।
- उद्योग नीति 2016 को निरस्त करके नए सिरे से उद्योगपतियों की राय सुनकर नीति तैयार की जाए जो कम से कम दस साल के लिए लागू हो।
- पांच करोड़ तक का सालाना टर्नओवर वाली इकाईयों को पांच फीसद टर्नओवर इनसेंटिव दिया जाए और पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली इकाईयों को दो फीसद टर्नओवर इनसेंटिव दिया जाए।
- सड़क मार्ग से जम्मू-कश्मीर के बाहर से रॉ-मैटेरियल मंगवाने वाली इकाईयों को किराये की भरपाई की जाए। मौजूदा समय में एक हजार किलोमीटर से आगे उत्पाद बेचे जाने पर किराये की भरपाई की जाती है। एक हजार किलोमीटर की यह सीमा समाप्त की जाए।
- केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से जारी होने वाली अधिसूचना के तहत जीएसटी रिफंड किया जाए।
- प्रदेश रियायतों के लिए किसी तरह की नेगेटिव लिस्ट न हो।
- कोविड-19 के चलते मार्च 2020 से हालात सामान्य होने तक कर्मचारियों-श्रमिकों का वेतन देने के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाए। इस अवधि के लिए बैंक कर्जों का ब्याज व बिजली बिल माफ किया जाए।
- केंद्र व प्रदेश सरकार जेम से खरीद बंद करें।
- सरकारी विभाग उद्योगपतियों का बकाया भुगतान जल्द करें।
व्यापार जगत से ये मांगें आई है सामने
- कोरोना महामारी को देखते हुए मार्च के बाद से बिजली-पानी बिल माफ करना
- कोरोना महामारी को देखते हुए मार्च के बाद हालात सामान्य होने तक बैंक कर्जों पर ब्याज माफ करना।
- कर्मचारियों का पीएफ जमा करवाने में छूट देने।
- महंगाई रोकने के लिए टोल प्लाजा समाप्त करना।
- कमर्शियल व प्राइवेट गाड़ियों को रोड टैक्स में छूट देना।
- व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर लगाए गए हर टैक्स को माफ करना।
पांच सदस्यीय है कमेटी
- सलाहकार केके शर्मा की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में प्रदेश के वित्तीय आयुक्त, उद्योग व वाणिज्य विभाग के आयुक्त, पर्यटन विभाग के आयुक्त व जम्मू-कश्मीर बैंक के चेयरमैन को शामिल किया गया है।
इन संगठनों से होनी है बैठक :
- चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू
- चैंबर आफ ट्रेडर्स फेडरेशन
- कांफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज
- ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन जम्मू
- पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री
- जम्मू होटल, रेस्टोरेंट एंड बार एसोसिएशन
- होटल एंड लॉजेस एसोसिएशन
- टूरिज्म फेडरेशन आफ जम्मू
- फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू
- प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन जम्मू
- एग्रीकल्चर, फ्रूट ग्रोवर्स पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन
- जेएंडके स्टार्ट अप एसोसिएशन