निकाय-पंचायतें मालामाल, विकास और युवाओं का भी ख्याल
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्यपाल प्रशासन राज्य के विकास और लोकतंत्र को जमीनी सतह पर मजबूत करने
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्यपाल प्रशासन राज्य के विकास और लोकतंत्र को जमीनी सतह पर मजबूत करने को लेकर बेहद गंभीर है। इसकी झलक शनिवार को राज्यपाल प्रशासन की ओर से मंजूर किए गए 88911 करोड़ रुपये के वार्षिक 2019-20 के बजट में दिखी। उम्मीद के अनुरूप बजट में पंचायतों और स्थानीय शहरी निकायों के लिए पहली बार 3583 करोड़ रुपये की एक बड़ी वित्तीय सौगात दी गई है। इसके अलावा बजट में सुशासन, विकास और युवाओ का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
बजट में निकायों, पंचायतों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है, ताकि जमीनी सतह पर विकास में रुकावट न आए। राज्य में अधर में लटकी पेयजल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 1500 करेाड़ रखे गए हैं तो जम्मू व श्रीनगर को महानगर की तर्ज पर आगे ले जाने के लिए मेट्रोपोलिटियन अथॉरिटीज के गठन के लिए 100 करोड़ भी दिए हैं। युवाओं का विशेष ध्यान रखते हुए खेल और अन्य गतिविधियों के लिए अगले वित्त वर्ष में 350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। करियर काउंसिलिंग के लिए हायर सेकेंडरी स्कूलों व कॉलेजों में प्रतिष्ठित करियर काउंलरों की सेवा यकीनी बनाने के लिए दो करोड़ प्रदान किए हैं। विरासती धरोहरों के संरक्षण के लिए एक हेरीटेज सोसायटी के गठन का भी प्रस्ताव बजट में है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन के लिए नौ हजार करोड़ का प्रावधान किया है। चार करोड़ रियासत में प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एंटी क्रप्शन ब्यूरो को श्रीनगर में अपना मुख्यालय बनाने के लिए दिए जाएंगे।
राजभवन में देर शाम तक राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में चली राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में राज्यपाल के तीनों सलाहकार के विजय कुमार, खुर्शीद अहमद गनई और केवल कृष्ण शर्मा के अलावा मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम और राज्यपाल के प्रधान सचिव उमंग नरुला ने भाग लिया। प्रमुख सचिव वित्त विभाग नवीन कुमार चौधरी ने बैठक में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए संशोधित अनुमानों, 2019 -20 के बजट अनुमान और बजट की अन्य प्रमुख विशेषताओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया बजट में विकासात्मक योजनाओं व कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देते हुए 469 करोड़ का प्रावधान सार्वजनिक व सामाजिक आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए किया गया है। 3631 करोड़ रुपये पहले ही लंबित परियोजना कार्यक्त्रम के तहत अतिरिक्त रूप से प्रदान किए गए हैं। मुख्य सचिव मुख्य सचिव, बीवीआर सुब्रह्मण्यम के अनुसार, बजट 2019 -20 को ढाचा निर्माण, संस्था निर्माण और व्यवस्था निर्माण के तीन मौलिक उद्देश्यों के तहत सरकार के अत्यधिक मिशन में अच्छे प्रशासन पर मिशन प्रदान करने के लिए संरचित किया गया है। बजट का लक्ष्य विकासशील और कल्याणकारी उपायों पर जोर देने के साथ-साथ कई तरह की पहलों के माध्यम से राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। महत्वपूर्ण विकास और सामाजिक क्षेत्रों में निवेश को जमीन पर एक प्रभावशाली प्रभाव डालने के लिए काफी हद तक बढ़ाया है। मुख्य सचिव ने विशाल विकास निधि खर्च करने के लिए लाइन विभागों में पर्याप्त क्षमताओं का निर्माण करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि लाइन विभागों को कंसलटेंसी अथवा सलाहकार प्रदान करने, डीपीआर तैयार करने के लिए एक समर्पितप्रकोष्ठ और परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों और आइटी कंसलटेंटस आदि की स्थापना के माध्यम से पर्याप्त रूप से मजबूत किया जाएगा। 22 वर्षों में हुआ ऐसा पहली बार :
पिछले 22 वर्षो में यह पहला मौका है जब जम्मू कश्मीर में राज्यपाल ने वार्षिक बजट को मंजूरी दी हो। इससे पूर्व वर्ष 1996 में विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन राज्यपाल केवी राव ने बजट को मंजूरी दी थी। राष्ट्रपति शासन से तीन दिन पहले मिली मंजूरी :
राज्य का बजट अगर 18 दिसंबर की शाम तक पारित नहीं होता तो फिर जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के साथ इसे मंजूरी के लिए केंद्र को भेजना पड़ता और फिर संसदीय मंजूरी व राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद ही यह लागू होता।