Jammu Kashmir BJP: 15 जनवरी को मिल जाएगा प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष, कल नामांकन भरने का अंतिम दिन
प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना का सर्वसम्मति से फिर से प्रधान चुना जाना तय है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा के भाजपा-पीडीपी सरकार का मंत्री बनने के बाद रविन्द्र रैना प्रधान बने थे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भाजपा को 15 जनवरी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। पार्टी ने अधिसूचना जारी कर दी है व मंगलवार को नामांकन भरने के अंतिम दिन तय हो जाएगा कि चुनाव सर्वसम्मित से होगा या मतदान से। चुनाव के पर्यवेक्षक डॉ हर्षवर्धन 15 जनवरी को जम्मू में नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा करेंगे। उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता तरूण चुग को भी जम्मू-कश्मीर भाजपा के चुनाव का पर्यवेक्षक बनाया गया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना का सर्वसम्मति से फिर से प्रधान चुना जाना तय है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा के भाजपा-पीडीपी सरकार का मंत्री बनने के बाद रविन्द्र रैना को प्रदेश भाजपा का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। अब तीन साल के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि गत दिनों नई दिल्ली में प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष की बैठक हुई जिसमें जम्मू कश्मीर में पार्टी के नए प्रदेश प्रधान को लेकर चर्चा हुई है। रविंद्र रैना का तीन साल के लिए चुना जाना तय माना जा रहा है।
गत दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली धर राव और देवधर ने जम्मू में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर विचार विमर्श किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान दे दी है। अब चुनाव की तिथि तय हो चुकी है। पार्टी सूत्र बताते है कि जिस उम्मीदवार को नामांकन पत्र भरने की हरी झंडी मिलेगी, वह नामांकन पत्र दाखिल करेगा। इसके लिए सारी तैयारियां हो चुकी है। सूत्र बताते है कि संघ और भाजपा रविंद्र रैना को अगले तीन साल के लिए प्रधान बनाने पर सहमत हो गई है।
इसी बीच जम्मू-कश्मीर भाजपा के नए अध्यक्ष के समक्ष मुख्य चुनौती पार्टी को विधानसभा चुनाव के लिए तैयार करना होगी। भाजपा ने वर्ष 2014 में मिशन 44 का लक्ष्य तय कर अपना मुख्यमंत्री बनाने का दावा किया था। अब लद्दाख के जम्मू-कश्मीर से अलग होने के बाद पार्टी की पूरी कोशिश रहेगी कि वह जम्मू का मुख्यमंत्री बनाने के अपने वायदे को पूरा करे। हाईकमान के भी निर्देश हैं कि प्रदेश भाजपा अपने बलबूते पर सरकार बनाने की कोशिश करे। पीडीपी के साथ सरकार में भाजपा अपनी मर्जी से काम नहीं कर पाई थी। यही कारण था कि पीडीपी के काम करने के तरीके से नाराज होकर भाजपा ने समय से पहले ही सरकार गिरा दी।