Jammu Kashmir News: भाजपा ने पूछा, कांग्रेस को कश्मीर में तिरंगा फहराने में सात दशक क्यों लग गए
Jammu Kashmir News भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व जम्मू कश्मीर भाजपा के प्रभारी तरुण चुग ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी बताए कि लाल चौक में तिरंगा फहराने में उसे सात दशक क्यों लग गए। राहुल गांधी को इसका जवाब देना चाहिए।
जम्मू, जागरण संवाददाता।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व जम्मू कश्मीर भाजपा के प्रभारी तरुण चुग ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी बताए कि लाल चौक में तिरंगा फहराने में उसे सात दशक क्यों लग गए। राहुल गांधी को इसका जवाब देना चाहिए।उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का आभारी होना चाहिए कि वह बिना परमिट के जम्मू कश्मीर में आकर लाल चौक में तिरंगा फहरा सके हैं। जम्मू की अखनूर तहसील के ज्यौड़ियां गांव में वर्ष 1953 के प्रजा परिषद के आंदोलन के सात बलिदानियों को उनके स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए चुग ने कहा कि अनुच्छेद 370 व 35ए हटाने का संघर्ष 70 साल चला।
बलिदानियों का सदैव आभारी
जब शेख अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने के लिए परमिट शुरू किया तो प्रजा परिषद देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान के खिलाफ मैदान में आ गई थी। प्रजा परिषद आंदोलन के बलिदानियों से प्रेरणा लेकर ही जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया जा सका। देश उन बलिदानियों का सदैव आभारी रहेगा, जिन्होंने देश की एकता, अखंडता के लिए हाथों में तिरंगे लेकर 1953 में बलिदान दिया था।
मौके पर पूर्व उपमुख्यमंत्री भी शामिल
इससे पहले सुबह स्मारक पर बलिदानियों के स्वजन और प्रजा परिषद मेमोरियल ट्रस्ट के सदस्यों ने हवन यज्ञ किया। इस दौरान सात बलिदानियों के स्वजन को शाल देकर अलंकृत किया गया। इस मौके पर पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शाम लाल शर्मा, देवेंद्र सिंह राणा, दलजीत सिंह चिब भी मौजूद रहे।
पुलिस की गोलीबारी में हुए थे बलिदान
11 जनवरी, 1953 को पुलिस ने जम्मू में प्रजा परिषद के आंदोलन में हिस्सा ले रहे पांच हजार से अधिक लोगों पर 200 से अधिक राउंड फायर किए थे। इस दौरान दो आंदोलनकारियों ने बलिदान दिया व 70 से अधिक लोग घायल हुए। पुलिस की बर्बरता से आंदोलन तेज हो गया। 31 जनवरी, 1953 को ज्योड़ियां गांव में किसानों की भीड़ हाथों में तिरंगा लेकर जम्मू शहर की ओर निकल पड़ी।
पुलिस ने आंदोलनकारियों पर गोलीबारी कर दी, जिसमें सात लोग बलिदान हो गए। बलिदान देने वाले ज्योडियां के निवासियों में वरयाम सिंह, बलदेव सिंह, साई सिंह, त्रिलोक सिंह, बसंत राम, नानक चंद, मेला राम शामिल थे। हर साल इन बलिदानियों के स्मारक पर 31 जनवरी को कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें सलामी दी जाती है।