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Encounter in Kashmir: बड़ी कामयाबी; नवाकदल मुठभेड़ में हिज्ब टॉप कमांडर जुनैद समेत 2 आतंकी ढेर, 3 सुरक्षाकर्मी भी घायल

Encounter in Kashmir मारे गए आतंकवादी के शव को कब्जे में लेने के लिए जवान अभियान चलाए हुए हैं। इस मुठभेड़ में 3 सुरक्षाकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 07:49 AM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 05:53 PM (IST)
Encounter in Kashmir: बड़ी कामयाबी; नवाकदल मुठभेड़ में हिज्ब टॉप कमांडर जुनैद समेत 2 आतंकी ढेर, 3 सुरक्षाकर्मी भी घायल
Encounter in Kashmir: बड़ी कामयाबी; नवाकदल मुठभेड़ में हिज्ब टॉप कमांडर जुनैद समेत 2 आतंकी ढेर, 3 सुरक्षाकर्मी भी घायल

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर के कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मोहम्मद अशरफ सहराई का आतंकी पुत्र जुनैद सहराई अपने एक साथी संग श्रीनगर के डाउन-टाउन में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी भी जख्मी हुए हैं। आतंकी ठिकाना बना मकान भी इस दौरान हुए एक बम धमाके में तबाह हो गया। शरारती तत्वों ने हिज्ब आतंकी जुनैद व उसके साथी को बचाने के लिए मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया, लेकिन सुरक्षाबलों ने बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया। हिंसक झड़पों में तीन लोग भी जख्मी हुए हैं। मुठभेड़ के दौरान आसपास के इलाके की निगरानी के लिए सुरक्षाबलाें ने ड्रोन का भी इस्तेमाल किया।

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रियाज नाइकू की मौत के बाद जुनैद सहराई का मारा जाना हिजबुल मुजाहिदीन के लिए एक बड़ा झटका बताया जा रहा है। जुनैद सहराई को नाइकू की मौत के बाद कश्मीर में हिज्ब का डिप्टी ऑपरेशनल चीफ कमांडर बनाए जाने की चर्चा थी। घाटी में सुरक्षाबलों द्वारा बीते सप्ताह बनायी गई 10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में वह पहले तीन आतंकियों में एक था। सुरक्षाबलों ने उस पर सात लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

मार्च 2018 में आतंकी बनने वाला जुनैद सहराई उर्फ अम्मार उर्फ हैदर उल इस्लाम बीते दो दशकों के दौरान कश्मीर में सक्रिय किसी प्रमुख अलगाववादी नेता का पहला पुत्र था। उसके पिता मोहम्मद अशरफ सहराई जमात-ए-इस्लामी के पुराने और सक्रिय कार्यकर्ताओं में एक है। वर्ष 2004 मे जब कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी ने तहरीके हुर्रियत कश्मीर नामक अलगाववादी संगठन बनाया तो जमात की अनुमति से अशरफ सहराई उसका हिस्सा बने थे। करीब दो साल पहले ही गिलानी ने सहराई को तहरीके हुर्रियत का चेयरमैन नियुक्त किया है।

जुनैद सहराई ने कश्मीर विश्वविद्याल से एमबीए की डिग्री प्राप्त की थी। मूलत: उत्तरी कश्मीर में कुपवाड़ा के रहने वाले अशरफ खान सहराई बीते कई सालों से श्रीनगर के पीरबाग इलाके में रह रहे हैं।जुनैद सहराई के पीछे सुरक्षा एजेंसियां उसके आतंकी बनने के दिन से ही लगी हुई थी, लेकिन वह हर बार बच जाता था। बीती रात पुलिस को पता चला कि वह श्रीनगर में नवाकदल के इलाके में एक मकान में छिपा हुआ है। पुलिस ने उसी समय सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर नवाकदल में घेराबंदी कर ली। आधी रात के बाद करीब तीन बजे जवानों ने नवाकदल में उस मकान की निशानदेही कर ली,जहां आतंकियों के छिपे होने का संदेह था। जवानों ने मकान की तरफ बढ़ते हुए एहतियात के तौर पर हवा में दो फायर किए। आतंकियों को लगा कि वह फंस गए हैं और उन्होंने भी जवाबी फायर किया,लेकिन जवानों ने खुद को बचा लिया। इसके साथ ही आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि होने के साथ उनका ठिकाना पता चल गया। पुलिस ने उसी समय आस-पास के मकानों में रहने वाले लाेगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। एक सूचना के मुताबिक, पुलिस ने करीब 20 परिवारों को वहां से सुरक्षित जगह पर पहुंचाया।

मौके पर मौजूद अधिकारियों ने आतंकियों को कई बार सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन आतंकियों ने गोली चलायी। करीब साढ़े तीन बजे आतंकियों की तरफ से फायरिंग बंद होने पर जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई बंद कर दी, लेकिन घेराबंदी जारी रखी। सुबह सात बजे के करीब आतंकियों ने दोबारा फायरिंग कर दी,जवानों ने भी जवाबी फायर किया और दो घंटे तक दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी होती रही। नौ बजे फायरिंग बंद हो गई। करीब एक घंटे बाद दोबारा आतंकियों ने फायरिंग शुरु कर दी। इस दौरान तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। इनमें से एक को अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद ही छुट्टी मिल गई,जबकि दो अन्य अस्पताल में उपचाराधीन हैं। पहला आतंकी करीब 11.30 बजे मारा गया और दूसरा आतंकी लगभग एक घंटे बाद। दोपहर एक बजे मुठभेड़ पूरी तरह समाप्त हो गई।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मुठभेड़ में दो अातंकियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि इनमें एक जुनैद सहराई है और दूसरा पुलवामा का तारिक अहमद शेख है। दोनों ही हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि आतंकी एक तंग मोहल्ले में छिपे हुए थे, हमारे लिए आम लोगों के जान माल की सुरक्षा सबसे अहम थी,इसलिए उन्हें मार गिराने में समय लगा है। उन्होंने कहा कि जुनैद सहराई का मारा जाना कश्मीर में लगभग समाप्त होने के कगार पर जा पहुंचे हिजबुल मुजाहिदीन की फिर से अपना नेटवर्क तैयार करने की कोशिशों के लिए एक बड़ा झटका है।


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