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आर्थिक मंदी को दूर करने के लिए 4 जुलाई को पर्यटन क्षेत्र की दिशा में अहम फैसला लेगा प्रशासन

कश्मीर में स्थानीय होटल वालों ने प्रशासन से कहा है कि गुलमर्ग पहलगाम को स्थानीय पर्यटकों के लिए खाेला जाए। हम पूरी तरह से एसओपी का ध्यान रखेंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 12:43 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 12:43 PM (IST)
आर्थिक मंदी को दूर करने के लिए 4 जुलाई को पर्यटन क्षेत्र की दिशा में अहम फैसला लेगा प्रशासन
आर्थिक मंदी को दूर करने के लिए 4 जुलाई को पर्यटन क्षेत्र की दिशा में अहम फैसला लेगा प्रशासन

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों को तेजी देने के लिए चार जुलाई से पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में अहम फैसला हो सकता है। जम्मू कश्मीर एक पर्यटन आश्रित प्रदेश है यहां पर लाखों लोग सीधे तौर पर पर्यटन से जुड़े हुए है। कोराेना से पर्यटन क्षेत्र पर मंदी की मार पड़ रही है। मौजूदा दिशा निर्देश तीन जुलाई तक चलेंगे। उपराज्यपाल प्रशासन स्थिति की समीक्षा करने के बाद फैसला लेगा।

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यह फैसला दो या तीन जुलाई को होगा। हालांकि होटल में पचास प्रतिशत के साथ यात्रियों को ठहराने की इजाजत है। कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर पीके पोले ने कहा है कि हमने होटल उद्योग से जुड़े लोगों से बातचीत की है। हम चाहते है कि नियमों का पालन करते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएं। उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर अहमद खान का कहना है कि स्टैंडर्ड आप्रेटिंग प्रोसिजर तैयार किया जा रहा है। इसे पटरी पर लाना हमारी प्राथमिकताओं में एक है। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस पर ही निर्भर करता है। इसके आधार पर हम जम्मू कश्मीर की सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही पर्यटन क्षेत्र के लिए एसओपी बनाएंगे।

एसओपी को अंतिम रुप देने से पहले सभी संबधित पक्षों से भी उसके प्रारुप को लेकर बातचीत होगी। पर्यटन विभाग जम्मू के निदेशक आरके कटौच का कहना कि अगर आने वाले दिनों में पर्यटक बिना रोकटोक के आ जा पाएंगे तो इससे पर्यटन धीरे धीरे पटरी पर लौटेगा। पर्यटन स्थलों पर एसओपी का भी पूरा ध्यान रखा जाए और इसको लेकर भी रणनीति बनाई जा रही है। कश्मीर में स्थानीय होटल वालों ने प्रशासन से कहा है कि गुलमर्ग पहलगाम को स्थानीय पर्यटकों के लिए खाेला जाए। हम पूरी तरह से एसओपी का ध्यान रखेंगे। वहीं दूसरी तरफ

इस समय जम्मू कश्मीर में सभी धार्मिक स्थल बंद है। लोग धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग कर रहे है। जिस तरह से कई इलाकों को गैर अधिसूचित किया जा रहा है उससे साफ है कि धार्मिक स्थलों में बड़े समारोह की इजाजत भले ही नहीं दी जाए लेकिन लोग मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्च में जाए पाए। इसके लिए धार्मिक स्थलों को कुछ आवश्यक विशेष दिशा निर्देश दिए जा सकते है।

वहीं आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास, पुनर्निर्माण विभाग की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य सचिव सिमरनदीप सिंह की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन को लेकर 29 जून को नए दिशा निर्देश जारी किए थे। कोरेाना वायरस की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर सरकार स्थिति की समीक्षा करेगी। पूरी स्थिति का जायजा लेने के बाद नए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।


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