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Fake Gun Licence Case: फर्जी गन लाइसेंस मामले में राजीव रंजन नौकरी से निलंबित

सामान्य प्रशासनिक विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा नियम 1969 के नियम 3(2) के तहत 29 फरवरी से रंजन को निलंबित किया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 11:07 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 11:07 AM (IST)
Fake Gun Licence Case: फर्जी गन लाइसेंस मामले में राजीव रंजन नौकरी से निलंबित
Fake Gun Licence Case: फर्जी गन लाइसेंस मामले में राजीव रंजन नौकरी से निलंबित

राज्य ब्यूरो, जम्मू : फर्जी गन लाइसेंस बनाने के मामले में सीबीआइ की हिरासत में चल रहे आइएएस कुमार राजीव रंजन को मंगलवार नौकरी से निलंबित कर दिया गया है। दो दिन पहले रविवार को सीबीआइ की टीम ने रंजन को गिरफ्तार किया था। रंजन मेट्रोपालिटन रेगुलेटरी अथारिटी जम्मू के एडिशनल चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर थे। उनके पास जम्मू विकास प्राधिकरण के वाइस चांसलर का अतिरिक्त प्रभार था।

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सामान्य प्रशासनिक विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा नियम 1969 के नियम 3(2) के तहत 29 फरवरी से रंजन को निलंबित किया जा रहा है। इसी दिन सीबीआइ चंडीगढ़ की टीम ने रंजन को हिरासत में लिया था। इस मामले में सीबीआइ ने पूर्व केएएस अधिकारी इतरत रफीकी को भी हिरासत में लिया है। दोनों को दस दिनों की रिमांड पर लिया गया है। आरोप है कि इन लोगों ने पैसे लेकर फर्जी गन लाइसेंस बनाए थे। इस मामले में कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। 

सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के चार सेवारत और सेवानिवृत्त नौकरशाह के अलावा दो पूर्व मंत्री भी सीबीआई के निशाने पर है। ये लोग फर्जी हथियार लाइसेंस, पटनीटॉप मास्टर प्लान उल्लंघन सहित दो अलग-अलग मामलों में शामिल हैं। ऐसे में भविष्य में अधिक गिरफ्तारियों से इंकार नहीं किया जा सकता है। जांच में यह भी पता चला है कि राहुल ग्रोवर हथियार लाइसेंस घोटाले में सूत्रधार है। कुछ दिन पहले ही सीबीआई ने उसे कश्मीर से गिरफ्तार किया था।

दरअसल उसने ही अपनी फर्म राहुल कंसल्टेंसी के बैंक खाते से अधिकारी के रिश्तेदार के एकाउंट में ऑनलाइन भुगतान किया था। जांच एजेंसी के लिए यह ठोस सबूत बन गया है। ग्रोवर जम्मू और कश्मीर के सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के बीच सूत्र के तौर पर काम करता था। लाइसेंस घोटाले का पता पहली बार 2017-18 में राजस्थान के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने लगाया था। उस राज्य में कुछ असामाजिक तत्व लाइसेंसी हथियारों का उपयोग करते पाए गए थे। एटीएस ने मामले की जांच की और पता चला कि जम्मू-कश्मीर के आठ जिलों से लगभग दो लाख फर्जी लाइसेंस जारी किए गए थे। जिन आठ जिलों से ये लाइसेंस जारी किए गए थे उनमें कश्मीर का जिला कुपवाड़ा, बारामुला, शोपियां, पुलवामा जबकि जम्मू संभाग से जिला उधमपुर, किश्तवाड़, राजौरी, डोडा शामिल थे।


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