Lockdown Effect: दूसरे राज्यों में फंसे हैं जम्मू-कश्मीर के सवा लाख लोग, वापसी की प्रक्रिया तेज
प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने बताया कि 13 मई सुबह तक 39825 लोगों को लखनपुर मार्ग से लाया गया है। इनमें पंजाब से 10743 हिमाचल से 18111 से लाए गए हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न राज्यों में फंसे जम्मू कश्मीर के करीब सवा लाख लोगों को लाने की उपराज्यपाल प्रशासन की मुहिम ने जोर पकड़ लिया है। इनमें से 18 दिनों में लखनपुर से सड़क मार्ग से करीब 40 हजार श्रमिकों, विद्यार्थियों सहित अन्य लोग लाए गए हैं। इस बीच बुधवार को 17 बसों से उत्तर प्रदेश व बिहार के 683 मजदूरों को उनके राज्यों में भेजा गया। वहीं, दूसरे राज्यों में फंसे 4228 लोग 315 वाहनों से जम्मू कश्मीर पहुंचे।
अगले पंद्रह दिन में 50 हजार से अधिक लोगों को सड़क, रेलमार्ग से लाने की तैयारी है। प्रदेश में किसी भी माध्यम से पहुंचने वाले करीब सवा लाख लोगों को क्वारंटाइन करने की तैयारी है। ऐसे हालात में प्रदेश के सभी जिलों में पहुंचने वाले इन लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए बुनियादी ढांचा जुटाया जा रहा है। जम्मू कश्मीर सरकार के प्रवक्ता व योजना विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल का कहना है कि जम्मू कश्मीर देश का इकलौता ऐसा प्रदेश है, जहां पर बाहर से आ रहे सभी लोगों को क्वारंटाइन कर संक्रमण को आगे बढ़ने से रोकने की जद्दोजहद हो रही है। इसके लिए पूरी तैयारी की गई है। जिलों में कोरोना की रोकथाम संबंधी बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी बीच अब रेल मार्ग से लोगों को लाने की मुहिम भी तेज हो गई है। अब तक पहुंची चार विशेष रेलगाड़ियों में कर्नाटक, गोवा व दिल्ली से करीब चार हजार लोगों को लाया जा चुका है। इसके साथ ही बांग्लादेश के ढाका से तीन विशेष विमानों से 419 विद्यार्थी भी आ गए हैं। सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि ढाका में बचे जम्मू कश्मीर के युवा संयम बरतें। उन्हें भी विशेष विमान लेकर आएगा।
प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने बताया कि 13 मई सुबह तक 39,825 लोगों को लखनपुर मार्ग से लाया गया है। इनमें पंजाब से 10,743, हिमाचल से 18111 से लाए गए हैं। इसके अलावा दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, असम व मध्यप्रदेश से लोगों को लाया जा रहा है। पूरी कोशिश है कि अन्य राज्यों से श्रमिकों, विद्यार्थियों सहित अन्य लोगों को व्यवस्थित तरीके से जम्मू कश्मीर में उनके जिलों तक पहुंचाया जाए। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि लोगों को यात्र करने की अनुमति पोर्टल के जरिए दी जा रही है। नोडल अधिकारी द्वारा अन्य प्रदेशों में फंसे लोगों को एमएमएस के जरिए सूचित किया जाता है कि उसे यात्र की अनुमति मिल गई है। यह प्राधिकृत करता है कि जम्मू कश्मीर सरकार उस व्यक्ति को स्वीकार करने के लिए तैयार है। इससे संबंधित डिप्टी कमिश्नर को मोबाइल पर दिखाकर मूवमेंट पास हासिल किया जा सकता है। 19 कश्मीरी पैदल फरीदकोट पहुंचे, प्रशासन ने बस में भेजा: : कोरोना लॉकडाउन में जयपुर से पैदल फरीदकोट पहुंचे कश्मीर के 19 लोगों की जिला प्रशासन ने घर जाने में मदद की है। डीसी के आदेश पर इन कश्मीरियों को हंस राज मेमोरियल स्कूल बाजखाना लाया गया।
रेल से आए 1225 लोगों के लिए जा चुके टेस्ट: स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रेल से आए विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों में से ऊधमपुर में ऊधमपुर और रामबन सहित सात जिलों के लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। मंगलवार को पहुंची दो ट्रेनों और बुधवार को सुबह पहुंची एक ट्रेन तीन ट्रेनों से आए लोगों में से ऊधमपुर के चिनैनी केंद्रीय विद्यालय में बनाए गए सैंपलिंग सेंटर में कुल मिलाकर 1225 लोगों के सैंपल जांच के लिए लिए गए हैं। इनमें मंगलवार को 578 लोगों के और बुधवार को 578 लोगों के सैंपल लिए गए थे। रात को गोवा के मड़गांव से पहुंची ट्रेन से आए लोगों में समाचार लिखे जाने तक सैंपलिंग सेंटर नहीं पहुंचा था।