पाबंदी हटते ही सैलानियों से गुलजार होने लगी जन्नत, राज्य प्रशासन ने भी कहा बेखौफ आएं
पर्यटन जगत से जुड़े लोगों ने भी सरकार से अपील की है कि अगर इंटरनेट व मोबाइल सेवा बहाल हो जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर की डल झील पर सैलानी एक बार फिर शिकारे में घूमते नजर आ रहे हैं। पर्यटन उद्योग से उड़े लोगों के चेहरों पर छाई मायूसी भी अब छटती नजर आ रही है। पर्यटकों के लिए कश्मीर छोड़ने की एडवाइजरी को राज्य प्रशासन ने वापस ले लिया है। इसी के साथ सैलानियों से एक बार फिर जन्नत गुलजार होती नजर आ रही है। वहीं राज्य प्रशासन ने भी देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को बेखौफ घाटी आने का आग्रह किया है। यही नहीं यह यकीन भी दिलाया है कि उन्हें जो भी मदद चाहिए वह दी जाएगी। वहीं पर्यटन जगत से जुड़े लोगों ने भी सरकार से अपील की है कि अगर इंटरनेट व मोबाइल सेवा बहाल हो जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा।
राज्यपाल ने चार दिन पहले दिए थे निर्देश : राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने चार दिन पूर्व वादी में पर्यटकों के लिए जारी ट्रेवल एडवाइजरी वापस लेने का निर्देश दिया था। प्रशासन ने कहा था कि 10 अक्टूबर तक एडवाइजरी को वापस लेने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। गृह विभाग ने नौ अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर दी। राज्य गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा ने गत शाम जारी अधिसूचना में कहा कि कश्मीर घूमने के इच्छुक पर्यटक बिना किसी रुकावट आ सकते हैं। अगर उन्हें किसी तरह की सेवा-सुविधा या मदद चाहिए, उन्हें प्रदान की जाएगी।
दो अगस्त को एडवाइजरी जारी की थी : दो अगस्त को ट्रेवल एडवाइजरी जारी करते हुए सरकार ने आतंकी हमले की आशंका का हवाला दिया था। इसके बाद कश्मीर आए पर्यटक घरों को लौट गए थे। पांच अगस्त को सभी को समझ आ गया था कि पर्यटकों के लिए एडवाइजरी 370 हटाने के फैसले से पैदा होने वाली किसी स्थिति से सुरक्षित रखने के लिए जारी की गई है।
गुलजार होने में समय नहीं लगेगा : जम्मू कश्मीर टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर एसोसिएशन से जुड़े जावेद पंडित ने कहा कि सितंबर के अंत में कुछ पर्यटक आए। अक्टूबर का पहला सप्ताह में थोड़ी बहुत आमद रही है, इसलिए ट्रेवल एडवाइजरी वापस लेने के बाद पर्यटकों की तादाद बढ़ने की उम्मीद है। राज्य प्रशासन को मोबाइल और इंटरनेट सेवा बहाल कर देनी चाहिए। वोल्गा ट्रैवल एजेंसी के संचालक सुहेल अहमद ने कहा कि हमारा ज्यादातर काम टिकट और पैकेज बुकिंग का है।
इंटरनेट न होने से हो रही परेशानीः इंटरनेट न होने से टिकट बुक करना मुहाल हो चुका है। डलगेट में एक होटल चलाने वाले फिरदौस अहमद ने कहा कि मेरे होटल में 30 कमरे हैं। सभी खाली हैं। जम्मू में मेरे कुछ दोस्त हैं, उनके जरिए मैंने बंगाल के चार पर्यटकों को कश्मीर आने के लिए किसी तरह तैयार किया था। वही पांच अक्टूबर को मेरे होटल में आकर रुके थे। वह भी वीरवार को लौटे हैं।