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    Jammu Kashmir : महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन पर अवकाश पर लगी मुहर, नेशनल कांफ्रेंस तिलमिलाई

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Tue, 20 Sep 2022 06:40 AM (IST)

    जम्मू कश्मीर प्रशासन के सचिव डा. पियुष सिंगला की ओर से सोमवार शाम जारी आदेश में कहा गया कि महाराजा हरि सिंह का जन्मदिन मनाने के लिए 23 सितंबर को हर साल जम्मू कश्मीर के सरकारी कार्यालयों व शिक्षा संस्थानों में अवकाश रहेगा।

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    आखिर जम्मू के डोगरों का संघर्ष रंग लाया।

    जम्मू, जागरण संवाददाता : लोगों के लंबे संघर्ष के बाद सोमवार को जम्मू कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक और देश के साथ विलय का एतिहासिक फैसला करने वाले महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन (23 सितंबर) पर सरकारी अवकाश का औपचारिक आदेश जारी हो गया, लेकिन इससे नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) तिलमिला उठी। आदेश जारी होते ही जहां एक तरफ जम्मू में जश्न और आतिशबाजी शुरू हो गई।

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    वहीं, नेकां ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल प्रशासन भेदभाव कर रहा है। नेकां के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती (13 जुलाई) पर तो अवकाश समाप्त कर दिया गया, जबकि नई छुट्टियां घोषित की जा रही हैं। नेकां के मेंढर से पूर्व विधायक जावेद अहमद राणा ने तो महाराजा के योगदान पर ही सवाल खड़े करते हळ्ए विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा, महाराजा के समय जम्मू में कई नरसंहार हुए।

    जम्मू कश्मीर प्रशासन के सचिव डा. पियुष सिंगला की ओर से सोमवार शाम जारी आदेश में कहा गया कि महाराजा हरि सिंह का जन्मदिन मनाने के लिए 23 सितंबर को हर साल जम्मू कश्मीर के सरकारी कार्यालयों व शिक्षा संस्थानों में अवकाश रहेगा।

    बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 15 सितंबर को महाराजा के जन्मदिन पर अवकाश की घोषणा की थी और उसी दिन से जम्मू में जश्न का माहौल बना हुआ है। सोमवार शाम को इसका आदेश जारी होते ही शहर में युवाओं की टोलियां सड़कों पर निकल आर्ई और दोपहिया वाहनों पर सवार होकर युवा महाराजा का जयघोष लगाते नजर आए। युवा राजपूत सभा के प्रधान राजन सिंह हैप्पी के नेतृत्व में युवा तवी पुल पर पहुंचे और आतिशबाजी कर खुशी मनाई।

    रंग लाया जम्मू का संघर्ष : जम्मू के लोग महाराजा के जन्मदिन पर सरकारी अवकाश की मांग लंबे समय से करते आ रहे थे, लेकिन किसी भी सरकार ने इसे पूरा नहीं किया। वर्ष 2017 में अवकाश को लेकर विधान परिषद में प्रस्ताव भी पास हुआ, लेकिन इसपर भी अमल नहीं हुआ। इस वर्ष युवा राजपूत सभा ने फिर मांग उठाते हुए धरना-प्रदर्शन किए। करीब 14 दिन तक उन्होंने क्रमिक भूख हड़ताल भी की। कई संगठन उनके साथ जुड़ते गए और मांग तेज होती गई। आखिर जम्मू के डोगरों का संघर्ष रंग लाया।

    • जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ जो वादा किया गया था, वह पूरा हो गया है। अवकाश का सरकारी आदेश जारी होने पर मैं लोगों को बधाई देता हूं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का आभार। रविंद्र रैना, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
    • अगर महाराजा हरि सिंह के साथ इतना ही प्यार है तो फिर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके द्वारा 1927 में बनाए गए स्टेट सब्जेक्ट के कानून को लागू किया जाना चाहिए। जम्मू कश्मीर प्रशासन कळ्छ लोगों को खळ्श करने का प्रयास कर रहा है। - हसनैन मसूदी, नेकां के सांसद
    • 13 जुलाई को शहीदी दिवस के अवकाश को यह कहकर समाप्त किया गया कि यहां बहुत सरकारी छुट्टियां हैं। हमें शेख अब्दुल्ला के योगदान के लिए कोई अवकाश नहीं चाहिए, लेकिन उनकी जंयती पर अवकाश समाप्त कर अब महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश किया जा रहा है, जो महज एक वर्ग विशेष के वोट पाने के लिए है। जम्मू कश्मीर प्रशासन का रवैया पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक दुराग्रहपूर्ण है। - तनवीर सादिक, नेकां के प्रवक्ता
    • शेख अब्दुल्ला की जयंती पर अवकाश हटाकर महाराजा हरि सिंह के लिए अवकाश देना कहां का इंसाफ है। यह किसी एक को खुश करने के लिए किया जा रहा है। महाराजा हरि सिंह का क्या योगदान रहा। उनके समय जम्मू में कई लोगों का नरसंहार हुए। हमसे गिलगित, बलूचिस्तान, मुजफ्फराबाद, मीरपुर समेत करीब 80 प्रतिशत हिस्सा छीन लिया गया। - जावेद अहमद राणा, मेंढर से नेकां के पूर्व विधायक