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Jammu Kashmir Union Territory: केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर बनते ही उमर-महबूबा को सरकारी मकान खाली करने का नोटिस जारी

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर लेजिसलेचर पेंशन एक्ट 1984 और उसके विभिन्न प्रावधान भी निष्प्रभावी हो गए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 11:22 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 11:22 AM (IST)
Jammu Kashmir Union Territory: केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर बनते ही उमर-महबूबा को सरकारी मकान खाली करने का नोटिस जारी
Jammu Kashmir Union Territory: केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर बनते ही उमर-महबूबा को सरकारी मकान खाली करने का नोटिस जारी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर राज्य प्रशासन ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को सरकारी निवास खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है। हालांकि, अधिकारिक स्तर पर इस नोटिस की पुष्टि नहीं हुई है,लेकिन इसे मंगलवार को ही जारी किए जाने का दावा किया गया है। दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवासीय सुविधा श्रीनगर के सबसे पाॅश कहे जाने वाले गुपकार रोड पर प्रदान की गई है। फिलहाल, दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के करीबियों ने सरकारी आवास खाली करने के नोटिस की प्राप्ति की पुष्टि नहीं की है।

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संबधित अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर लेजिसलेचर पेंशन एक्ट 1984 के तहत ही राज्य में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवासीय सुविधा का प्रावधान है। इसी कानून के तहत पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को भी सरकारी बंगला प्राप्त था, लेकिन उन्होंने उसे पहले ही खाली कर दिया था। उन्हें गुपकार मार्ग से आगे जठियार स्थित जम्मू-कश्मीर बैंक का गेस्ट हाउस दिया गया था।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला काे गुपकार मार्ग की शुरुआत में स्थित जी-1 बंगला आवंटित है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को फेयर व्यू बंगला आवंटित है। दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को प्रदान किए गए बंगलों में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। उमर अब्दुल्ला के बंगले मे जिम भी है। अलबत्ता, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर लेजिसलेचर पेंशन एक्ट 1984 और उसके विभिन्न प्रावधान भी निष्प्रभावी हो गए हैं।

यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जम्मू-कश्मीर लॉ कमीशन के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) एमके हंजूरा ने मुख्य सचिव को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि स्टेट लेजिसलेचर मेंबर्स पेंशन एक्ट की सेक्शन 3-सी (ई) और(एफ) एक तरह से मनमाने प्रावधान हैं यह किसी भी तरह से कानून या किसी अन्य तर्कसंगत योजना के अनुरुप नहीं हैं।

सेक्शन 3-सी ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए विभिन्न सुविधाओं के प्रावधान को सुनिश्चित बनाती है। इसमें कहा गया है राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री को कार, पेट्रोल, चालक, स्वास्थ्य सुविधा, किराया मुक्त सभी सुविधाओं व साज-सज्जा से लैस आवासीय सुविधा, पूरे साल में 48 हजार रुपये तक की टेलीफोन कॉल सुविधा और प्रति माह 1500 रुपये तक का बिजली किराया माफ की सुविधा दी जाएगी।

फिलहाल, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती दोनों ही अपनी सरकारी आवासीय सुविधा में नहीं रह रहे हैं। दोनों को पांच अगस्त से एहतियातन हिरासत में रखा गया है। उमर को हरि निवास में रखा गया है, जबकि महबूबा को चश्माशाही में एक सरकारी अतिथि गृह में रखा गया है। 


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