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Amarnath Yatra 2020: मां शारिका के दरबार पहुंची छड़ी मुबारक

23 जुलाई शनिवार को दशनामी अखाड़ा अमरेश्वर धाम मंदिर में पवित्र छड़ी मुबारक की स्थापना और ध्वजाराेहण होगा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को छड़ी मुबारक के दर्शन की अनुमति होगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 12:27 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 06:50 PM (IST)
Amarnath Yatra 2020: मां शारिका के दरबार पहुंची छड़ी मुबारक
Amarnath Yatra 2020: मां शारिका के दरबार पहुंची छड़ी मुबारक

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर प्रशासन और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने आखिरकार वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू करने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। जम्मू-कश्मीर में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए उन्होंने इस साल वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद करने का फैसला लिया है।

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इससे पूर्व भगवान अमरेश्वर की पवित्र छड़ी मुबारक ने मंगलवार को डाउन-टाउन में हरि पर्वत पर स्थित मां शारिका भवानी की पूजा की। मां शारिका को श्रीनगर के मुख्य देवी और देवी पार्वती का भी स्वरुप माना जाता है। इस बीच, प्रदेश प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक पवित्र गुफा की तीर्थयात्रा के लिए आम श्रद्धालुओं को अनुमति प्रदान करने पर आज सांय अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

दशनामी अखाड़ा के महंत दिपेंद्र गिरि के नेतृत्व में संत महात्माओं का एक जत्था आज सुबह जय बाबा बर्फानी भूखे को अन्न प्यासे को पानी, हर हर महादेव का जयघोष करते हुए पवित्र छड़ी मुबारक लेकर मां शारिका के दरबार पहुंचा। महंत दिपेंद्र गिरि ही पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक है। भगवान अमरेश्वर की पवित्र गुफा में छड़ी मुबारक के प्रवेश और छड़ी मुबारक के पूजा किए जाने पर पवित्र गुफा में मुख्य दर्शन और यात्रा के समापन का विधान है। सोमवार को हरियाली अमावस्या के दिन महंत दिपेंद्र गिरि के नेतृत्व में छड़ी मुबारक ने डल झील किनारे गोपाद्री पर्वत पर स्थित शंकराचार्य मंदिर में भगवान शंकर की पूजा का अनुष्ठान संपन्न किया था।

मां शारिका की पूजा अर्चना करने के बाद पवित्र छड़ी मुबारक अपने विश्राम स्थल दशनामी अखाड़ा लौट आयी। महंत दिपेंद्र गिरि ने बताया कि 23 जुलाई शनिवार को दशनामी अखाड़ा अमरेश्वर धाम मंदिर में पवित्र छड़ी मुबारक की स्थापना और ध्वजाराेहण होगा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को छड़ी मुबारक के दर्शन की अनुमति होगी। 25 जुलाई साेमवार काे छड़ी मुबारक श्रीनगर से पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान करेगी। पहलगाम, चंदनबाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी में सभी धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करते हुए तीन अगस्त श्रावण पूर्णिमा की सुबह पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी।

पवित्र गुफा में हिमलिंग स्वरुप भगवान शिव की आराधना के बाद छड़ी मुबारक दशनामी अखाड़ा लौट आएगी। इस साल की तीर्थयात्रा का विधान भी संपन्न माना जाएगा। आपको यह जानकारी हो कि समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान अमरेश्वर की पवित्र गुफा, जहां भगवान शंकर ने मां पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी, की हर साल आषाढ़ पूर्णिमा के दिन से पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक श्रावण पूर्णिमा तक तीर्थयात्रा का विधान है।

बीते कुछ वर्षाें के दौरान श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर इस यात्रा की अवधि को एक माह से दो माह तक परिस्थितियों के अनुरुप संचालित किया जा रहा है। इस साल यह तीर्थ यात्रा 23 जून को शुरु होनी थी, लेेकिन कोरोना महामारी के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया था। प्रदेश प्रशासन अब आम श्रद्धालुओं के लिए इसे बालटाल के रास्ते से ही शुरू करने पर विचार कर रहा है। अब यात्रा के संपन्न होने में मात्र 12 दिन का समय रह गया है। इसे लेकर असमंजस बरकरार है। संबधित प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि आज शाम तक उपराज्यपाल जीसी मुर्मू श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की तीर्थयात्रा को लेकर अंतिम फैसला ले सकते हैं। 


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