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Jammu Tawi: 45 करोड़ रुपये का प्राेजेक्ट दिलाएगा सूर्यपुत्री को गंदगी से निजात, एसटीपी से जोड़े जाएंगे सभी नाले

करीब 45 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट से सभी नाले सीवरेज से जोड़ते हुए भगवती नगर में पहुंचा दिए जाएंगे। शहर के करीब 14 बड़े नाले तवी में गिरते हैं। ऐसा होने से नालों से गंदगी तवी में नहीं पहुंचेगी। जल्द ही प्रोजेक्ट शुरू करेंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 11:28 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 11:28 AM (IST)
Jammu Tawi: 45 करोड़ रुपये का प्राेजेक्ट दिलाएगा सूर्यपुत्री को गंदगी से निजात, एसटीपी से जोड़े जाएंगे सभी नाले
पानी को प्रयोग में लाने के लिए नदी, तालाबों आदि में छोड़ दिया जाता है।

जम्मू, अंचल सिंह : सूर्यपुत्री तवी में गिरने वाले सभी नालों को तवी नदी के किनारों पर बड़ी सी ट्यूब बनाकर भगवती नगर तक पहुंचा दिया जाएगा। इससे नालों का पानी तवी में नहीं जाएगा। फिर इस पानी को भगवती नगर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट कर दिया जाएगा।

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जम्मू नगर निगम ने यह सभी बड़े नालों को तवी में गिरने से रोकने के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसके लिए 45 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। अरबन इंवायरंमेंट इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इस कार्य को पूरा करेगा। फिलहाल अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया जारी है। दो-तीन महीनों में इस प्रक्रिया को पूरा करने के साथ ही प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखा जाएगा।

इतना ही नहीं शहर को सीवरेज से जोड़ नालों में आने वाली गंदगी को रोक दिया जाएगा। घरों के शौचालय, रसोईघर व स्नानघर सीवरेज से जुड़ने के बाद नालों में सिर्फ पानी ही पहुंचेगा। जिसका ट्रीटमेंट के बाद सदुपयोग भी किया जा सकेगा।

पिछले 12 वर्षों से फाइलों में घूम रहा प्रस्ताव: वर्ष 2005 में जब निकाय चुनाव हुए और कॉरपोरेटर जीत कर आए तो उन्होंने सूर्यपुत्री तवी नदी के सरंक्षण के मसला उठाया। वर्ष 2008 में एक प्रस्ताव लाया गया जिसमें तवी को बचाने के लिए तवी किनारे एक बड़ा नाला बनाने की बात कही गई। इस पर चर्चा भी हुई। प्रस्ताव भी पारित किया गया। वर्ष 2010 में नगर निगम का कार्यकाल समापत हो गया। उसके साथ ही यह प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में चला गया। हालांकि राजनेता तवी संरक्षण के दावे करते रहे लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो सका।

करीब 15 किलोमीटर में रहेगा प्राेजेक्ट: नालों को तवी में गिरने से रोकने के लिए करीब 15 किलोमीटर बड़ी ट्यूब डाली जाएगी। तवी के दोनों किनारों से लेकर बीसी रोड व आसपास के नालों को भी ऐसी ही मुख्य सीवरेज पाइप से जोड़ा जाएगा। इस पाइप से सारा पानी भगवती नगर में यूइइडी द्वारा बनाया गए 10 एमएलडी के एसटीपी में चला जाएगा। इस एसटीपी में पानी को ट्रीट कर बाहर छोड़ा जाएगा। फिर यह पानी सिंचाई के इस्तेमाल के अलावा गाड़ियां धोने आदि काम में उपयोग में लाया जा सकेगा।

ऐसे काम करता है एसटीपी: सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को ऐसी जगह बनाया जाता है जहां विभिन्न स्थानों से दूषित जल वहां लाया जा सके। दूषित जल को साफ करने की प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न होती है जिसके तहत पहले, ठोस पदार्थ को उससे अलग किया जता है, फिर जैविक पदार्थ को एक ठोस समूह एवं वातावरण के अनुकूल बनाकर इसका प्रयोग खाद एवं लाभदायक उर्वरक के रूप में किया जाता है। इसके बाद पानी को प्रयोग में लाने के लिए नदी, तालाबों आदि में छोड़ दिया जाता है।

जल्द शुरू होगा प्रोजेक्ट: ‘सूर्यपुत्री तवी नदी को संरक्षित करने के प्रयास जारी है। नगर निगम ने इसके लिए तवी में गिरने वाले नालों को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने का प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। करीब 45 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट से सभी नाले सीवरेज से जोड़ते हुए भगवती नगर में पहुंचा दिए जाएंगे। शहर के करीब 14 बड़े नाले तवी में गिरते हैं। ऐसा होने से नालों से गंदगी तवी में नहीं पहुंचेगी। जल्द ही प्रोजेक्ट शुरू करेंगे। इसके अलावा सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग कृत्रिम झील का प्राेजेक्ट ला रहा है। साबरमती की तर्ज पर इसे विकसित करने के लिए जेडीए का प्रोजेक्ट भी विचाराधीन है। आने वाले सालों में तवी को उसका वास्तवित रूप दिया जाएगा।’  -चंद्र मोहन गुप्ता, मेयर, जम्मू नगर निगम 


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