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Jammu Kashmir : आयुष्मान कार्ड बनाने में देश के अव्वल राज्यों में शामिल हुआ जम्मू-कश्मीर

आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर ने छह महीनों में 19 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए हैं। इस योजना में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में जम्मू-कश्मीर शामिल है। यहां आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत को गत वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को लांंच किया था।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 06:53 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 06:53 PM (IST)
Jammu Kashmir : आयुष्मान कार्ड बनाने में देश के अव्वल राज्यों में शामिल हुआ जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में छह महीनों में सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर देश के उन पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हो गया है जहां पर छह महीनों में सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। भारत सरकार की नेशनल हेल्थ अथारिटी के आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है। आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर ने छह महीनों में 19 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए हैं। इस योजना में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में जम्मू-कश्मीर शामिल है। यहां आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत को गत वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को लांंच किया था।

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आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और सेहत योजना के तहत हर परिवार को पांच लाख रुपयों तक के निश्शुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत में वे सभी लाभ हें जो कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री योजना में हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में जम्मू-कश्मीर के सभी नागरिक चाहे वे सरकारी नौकरी करते हों या पेंशनर्स हो, उन्हें भी पांच लाख रुपयों तक के हेल्थ इंश्येारेंस का लाभ दिया जाता है। इसमें अस्पताल में भर्ती होने से तीन दिन पहले और 15 दिन बाद तक के खर्च का प्रावधान है। इसका मकसद लोगों का इलाज पर खर्च नहीं होने देना है।

इस योजना में परिवार में लोगों की संख्या से भी कोई लेनादेना नहीं है। इसमें मरीज देश के पंजीकृत 24 हजार अस्पतालों में से किसी में भी अपना कैशलेस इलाज करवा सकता है। जम्मू-कश्मीर में 226 अस्पताल इस योजना के तहत पंजीकृत हैं। इस योजना का जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल स्वयं निगरानी करते हैं। स्टेट हेल्थ एजेंसी के सीईओ डा. सागर डोइफोड़े का कहना है कि सभी लोगों को योजना का लाभ देने के लिए गांव-गांव आयुष्मान अभियान शुरू किया गया है। यही नहीं कई जगहों पर कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों का भी यहयोग लिया जा रहा है।


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