खेत खलिहान: किसान आलू की खेती के लिए अभी से कर लें तैयारी
आलू व्यवसायिक व समाज सेवी बसंत सैनी जो बड़े पैमाने पर आलू की खेती करते हैं ने किसानों को आलू की खेती की तैयारियों के टिप्स दिए हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। अब बरसात की सीजन बीतने की ओर बढ़ रहा है। जैसे ही बरसात गुजर जाएगी और मौसम सामान्य हो जाएगा तो नई साग सब्जियां लगाने का सीजन भी आरंभ हो जाएगा। कुछ सब्जियां अगेती ही लग जाती है। जबकि अधिकांश सब्जियां माह भर बाद लगती हैं। जम्मू में आलू की खेती भी प्रमुख है। अरनिया, बिनाह , मढ़ के अलावा पंजौड़ बेल्ट में काफी आलू लगता है। किसान समय पर इसकी खेती आरंभ कर अच्छा पैसा भी बनाता है। अगर आप भी आलू की खेती के बारे में सोच रहे हैं तो अभी से इसकी तैयारी में जुट जाएं।
आलू व्यवसायिक व समाज सेवी बसंत सैनी जो बड़े पैमाने पर आलू की खेती करते हैं, ने किसानों को आलू की खेती की तैयारियों के टिप्स दिए हैं। उनका कहना है कि वैसे आलू की खेती 15 सितंबर के बाद तब होती है जब तापमान 25 डिग्री सेल्सियस पर आ जाए। लेकिन इस खेती की तैयारी अभी से ही कर दी जानी चाहिए। अगर आपको आलू की अच्छी से अच्छी पैदावार लेनी है तो खेती पर बार बार हल चलवाई जाए ताकि भूमि पूरी तरह से नरम बन जाए। यानि की अच्छी फसल के लिए पांच छह बार खेत पर हल चलनी चाहिए।
इससे घासफूस नष्ट हो जाएगा और भूमि नरम बन जाएगी। नरम भूमि में आलू का पौधा तेजी से बढ़ता है और भूमि के अंदर आलू शीघ्रता से अपना साइज लेता है। दूसरा काम यह करना है कि किसानों को बीज का बंदोबस्त करना है। इस सीजन में कुफरी बादशाह, पुखराज व लवकार किस्म के बीज लगाए जा सकेंगे । कृषि विभाग से यह बीज मिल सकते हैं मगर किसानों को इसके लिए अग्रिम बुकिंग कृषि विभाग में पहुंचकर करानी होगी। आम तौर पर यह बीज 15 से 18 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल जाना चाहिए। एक कनाल भूमि के लिए एक क्विंटल बीज की जरूरत रहेगी। जमीन की उपलब्धता के हिसाब से बीज की बुकिंग कराई जा सकती है।
वहीं आलू की अच्छी खेती के लिए खेतों में अभी से ही देसी खाद डाली जाए। जबकि डाया, पोटाश की जरूरत बीज लगाते समय होगी और यूरिया तो बिजाई के 25 दिन बाद जाकर डालना है। बंसत सैनी का कहना है कि आलू की खेती बहुत मेहनत का काम है मगर किसानों को अच्छा पैसा दिला जाता है। अभी काफी समय है और तब तक खेती की तैयारी पूरी की जा सकती है। आलू की बेहतर खेती के लिए नरम भूमि होना बहुत जरूरी है।
फसलों में न जमा होने दें अतिरिक्त पानी
चूंकि बारिश कुछ दिनों से हो रही है और अभी बारिश का क्रम जारी भी रहेगा। ऐसे में मक्की के खेतों में पानी खड़ा नही रहना चाहिए। कृषि विशेषज्ञ सागर शर्मा का कहना है कि धान की फसल को तो अधिक पानी की जरूरत रहती है मगर बाकी फसलों को अधिक पानी से पौधे को नुकसान होता है। इसलिए अगर खेतों में पानी खड़ा हुआ है तो उसकी निकासी के उपाय किए जाएं। अधिक पानी मक्की की फसल को नुकसान देगा। अगामी दिनों में फिलहाल पानी देने की जरूरत नही। वहीं दूसरी ओर कर्तनकीट का हमला बढ़ सकता है।अगर कहीं इसके लक्षण दिखे तो दवाओं का छिड़काव किया जाना चाहिए। खरीफ सीजन में लगाई मूंग व माश की खेती में भी जमा हुए अतिरिक्त पानी की निकासी के उपाय होने चाहिए। अधिक पानी फसल को नुकसान दे सकती है। जब तक मौसम सामान्य नही होता, फसल को खाद की डोज न दी जाए। ऐसे ही सब्जियों की भी देखभाल की जाए। बरसात के इन दिनों में सब्जियों के खेतों में पानी जमा न होने दें। वहीं दूसरी ओर ख्याल रखें कि खराब हुई सब्जियों को बिना देरी किए बाहर किया जाए।
मधुक्खी पालक इन दिनों रखें ध्यान
बरसात में मधुमक्खी पालकाें की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। इन दिनों मक्खियों को खुराक देने के लिए चीनी से फीड किया जा सकता है। ध्यान रखा जाए कि कालोनियों के अंदर बारिश का पानी न घुस जाए। वहीं दूसरी ओर मधुमक्खी की कालोनियों में तापमान उचित रहे, इसका ध्यान रखा जाए। अगर तापमान अधिक हो गया तो भी नुकसान होगा। इसलिए कालोनियों को छाए वाले स्थल पर शिफ्ट करें। गीली बाेरियों से भी कालोनियों को कवर किया जा सकता है। ऐसे उपाय किए जाने चाहिए कि कालोनियों तक चीटियों की पहुंच बन न सके। मधुमक्खी पालक इंदू भूषण का कहना है कि अभी किए गए उपाय मधुक्खी पालकों की राहें आसान बनाएंगे।
बरसात में लगाएं फलदार पौधे
अगर किसान बाग लगाने की सोच रहे हैं तो यहीं सही समय है। क्योंकि बरसात के दिनों में पौधे आसानी से जड़ पकड़ लेते हैं। जमीन काफी नम रहती है और पौधे चल पड़ते हैं। किसानों बार बार पानी देने के झंझट से भी बच जाते हैं। अगर किसानों ने अपने बाग बगीचों में अभी तक फलदायिक पौधे नही लगाए तो अभी लगा सकते हैं। क्योंकि बरसात का सीजन जारी है। इन दिनों में आम, अमरूद, नींबू, संतरा, किन्नू, मौसंबी आदि लगा सकते हैं। चूंकि अब समय कम है इसलिए किसान ज्यादा न सोचें। फट से गड्ढा करें और उसमें देसी या जैविक खाद जरूर डालें और पौधा लगा दें। अभी लगाए गए पौधे कुुछ दिनों में आपको बढ़ें हुए नजर आएंगे।
खास बातें:
- माल मवेशियों को साफ सुथरा पानी पिलाया जाए।
- माल मवेशियों के चारे में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाया जाए।
- इन दिनों हरा चारा खूब है, इसलिए माल मवेशियों को खिलाया जाए। से बचाने के लिए टीके लगवाए जाएं।
- दुधारू मवेशियों के दूध दोहने से पहले और बाद में थन को अच्छी तरह से पानी से साफ करें
- पोल्ट्री फार्म में हवा के आने का बंदोबस्त हो। पोल्ट्री बर्ड को कैसटल व घुमवोरो बीमारियों।
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