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खेत खलिहान: अपने घर पर ही तैयार करें केंचुआ खाद, बेहतर खेती के साथ अच्छी कमाई भी होगी

कृषि विभाग के सायल कंजरवेशन असिस्टेंट मढ़- भलवाल अरुण जराल ने किसानों को केंचुआ खाद का यूनिट तैयार करने का तरीका बताया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 05:03 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 05:03 PM (IST)
खेत खलिहान: अपने घर पर ही तैयार करें केंचुआ खाद, बेहतर खेती के साथ अच्छी कमाई भी होगी
खेत खलिहान: अपने घर पर ही तैयार करें केंचुआ खाद, बेहतर खेती के साथ अच्छी कमाई भी होगी

जम्मू, जागरण संवाददाता। अगर किसानों ने घर में माल मवेशी रखा हुआ है तो केंचुआ खाद (वर्मी कंपोस्ट खाद) का यूनिट अासानी से लगाया जा सकता है। चूंकि आज सभी ने रसायन खाद के प्रभाव देख लिए हैं। इसलिए सबका रुझान जैविक खेती की ओर है। इसलिए केंचुआ खाद की मांग बढ़ती जा रही है जोकि गोबर से तैयार होती है। अगर कोई किसान जैविक खाद का यूनिट लगा ले तो जैविक खाद तैयार कर बाजार में बेच सकता है व अच्छी कमाई कर सकता है। जिस किसान के पास आठ दस मवेशी हैं, एक अच्छा यूनिट लगा सकता है।

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कृषि विभाग के सायल कंजरवेशन असिस्टेंट मढ़- भलवाल अरुण जराल ने किसानों को केंचुआ खाद का यूनिट तैयार करने का तरीका बताया। कहा कि पांच से दस मवेशी रखने वाला किसान 30 x 8 x 2.5 फुट का पक्का पिट तैयार कर यूनिट बना सकता है। पिट में चार खाने बनेंगे। बाद में चार इंच कंकर, चार इंच रेता व कुछ मिट्टी डालनी होगी। 40 फीसद हिस्से में 17 दिन पुराना गोबर डालना होगा। किसान पहले पिट का एक खाना गोबर से भरे फिर उसमें रेड वार्म नाम के केंचुए छोड़ दे। पूरे पिट के लिए पांच किलो केंचुए पर्याप्त रहेंगे। रेड वार्म केंचुए की खासियत यह है कि यह सर्द गर्म वातावरण को आसानी से सहन कर लेते हैं। जब पिट में गोबर डाला जाता है तो उसमें बची खुची हरी सब्जी, गोभी के पत्ते,बची खुची घासफूस आदि भी डाली जा सकती हैं। लेकिन सेफेदे, नीम,निंबू, संतरे के पत्ते न डाले जाएं। वहीं दाल नही क्योंकि इसमें नमक रहता है।

प्लास्टिक, लिफाफा, कांच कदापि न डालें। गोबर डालने के साथ साथ पानी भी डालते रहें ताकि नमीं बनी रहे। पिट का एक खाना जैसे ही भर जाता है तो इस पर पानी की स्प्रे करते रहें। इसमें 50 से 60 फीसद तक नमी होनी चाहिए। वहीं साथ ही पिट के दूसरे खानों में गोबर भरने का काम आरंभ कर दें। पहले खाने में एक महीने बाद पलटा दिया जाए। यानि कि उपर की गोबर नीचे व नीचे की गोबर उपर की जाए। नियमित पानी का स्प्रे करते रहें। केंचुए गोबर को खाकर वेस्अ निकालते रहेंगे जोकि खाद बनती जाएगी। तीन महीनें होते ही आपकी खाद तैयार होने लगेगी। पिट से इसे निकाल कर छान लें और बारियों में भर लें। जो केंचुए छानने में आएंगे उनको वापिस पिट में डाला जाए। इस तरह से एक पूरे चक्र में इस पूरे पिट से 30 से 35 किलो की जैविक खाद प्राप्त की जा सकती है जोकि बाद में 10 से 12 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची जा सकती है।


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