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Jammu: कृषि विशेषज्ञों ने दी सलाह, लू के थपेड़ों से नाजुक छोटे पौधों को बचाएं किसान

जिस जगह पौधा लगाया गया है उसके आसपास नौ इंच के दायरे में भूमि को अच्छी तरह पानी से तर कर घासफूस से ढक देना चाहिए। इससे वहां नमी लंबे समय तक बनी रहेगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 01:49 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 05:11 PM (IST)
Jammu: कृषि विशेषज्ञों ने दी सलाह, लू के थपेड़ों से नाजुक छोटे पौधों को बचाएं किसान
Jammu: कृषि विशेषज्ञों ने दी सलाह, लू के थपेड़ों से नाजुक छोटे पौधों को बचाएं किसान

जम्मू, जागरण संवाददाता। किसान खेती के साथ-साथ नर्सरी तैयार कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। कृषि-बागवानी विशेषज्ञ चंद्रमोहन शर्मा ने कहा कि गेंदे का हाइब्रिड फूल आकार में बड़ा होता है। छोटे से पौधे पर जब फूल खिलता है तो बहुत सुंदर लगता है। गेंदे की नर्सरी लगाकर किसान पौधों को बेचकर अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। गेंदा ही नहीं कई तरह के कट फ्लावर भी लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा सब्जियों की पनीरी तैयार कर शहर में किचन गार्डन के शौकीन लोगों को बेची जा सकती है। सब्जियों की पनीरी तैयार करने में किसान वैसे भी माहिर होते हैं।

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जून माह में भयंकर गर्मी पड़ रही है। इससे न इंसान तो परेशान है ही, नाजुक पौधे भी तेज धूम में झुलस रहे हैं। बागवानी अधिकारी विजय अंगुराना ने किसानों, बागवानों से लू के थपेड़ों से खासकर नाजुक छोटे पौधों को बचाने के लिए खास इंतजाम करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि पौधे के आसपास मिट्टी में नमी खत्म नहीं होनी चाहिए, नहीं तो पौधा सूख जाएगा। इसलिए आजकल सब्जियों की फसल और अन्य छोटे पौधों को नियमित रूप से सुबह या शाम को पानी जरूर देना चाहिए। ध्यान रहे तपती दोपहर में पानी नहीं देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिस जगह पौधा लगाया गया है, उसके आसपास नौ इंच के दायरे में भूमि को अच्छी तरह पानी से तर कर घासफूस से ढक देना चाहिए। इससे वहां नमी लंबे समय तक बनी रहेगी। तने के आसपास पत्थर आदि भी रख सकते हैं। इससे भी नमी बनी रहेगी, जिससे पौधा हराभरा बना रहेगा। सीधी धूप से पौधे को बचाने के लिए सरकंडे का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इससे पौधे को लू का असर नहीं होगा। आजकल तो किसान, बागवान शेटनेट लगाने लगे हैं, जिसमें तेज धूप का असर पौधों पर नहीं होता है। अगर पौधा बड़ा हो गया है तो उसे धूप से बचाने के लिए उसके तने पर चूने व कॉपर सल्फेट का लेप लगाया जा सकता है। 25 किलो चूना व दो किलो कॉपर सल्फेट को मिलाकर घोल बना लें और पौधे के तने पर लगा दें। इससे पौधा मुरझा नहीं पाएगा। इस तरीके से खेती करने पर पौधो को बचाया जा सकता है, इसके लिए किसानों को भी थोड़ा जागरूक होने की जरूरत है। साथ ही मौसम के फोरकास्ट पर भी ध्यान देने से काफी मदद मिलेगी।

धान की रोपाई शुरू कर दें किसान: धान की रोपाई का सीजन आ चुका है। ऐसे में किसान खेती मजदूरों के आने का इंतजार न करें। पहले ही काफी समय निकल चुका है। इसलिए किसान धान की रोपाई शुरू कर दें। कृषि विशेषज्ञ जेसी रैना ने कहा कि सामन्य धान लगाने का यही सही समय है। देरी करने पर पनीरी ओवरसाइज हो जाएगी। बेहतर होगा कि किसान अपने परिवार के साथ पनीरी की रोपाई शुरू कर दें। इस बार दूसरे राज्यों के खेत मजदूरों के आने के आसार नहीं लग रहे हैं। धान की रोपाई करते समय ध्यान रखें कि पौधा टूटा हुआ या बीमार न हो। लेन सोइंग पद्धति यानी कतारबद्ध रोपाई करने से किसानों को खेत से घासफूस निकालने या खाद डालने में आसानी होगी।

आने वाले दिनों में तेज धूप रहेगी व गर्मी बढ़ेगी। इस सप्ताह बारिश की उम्मीद नहीं। कृषि मौसम वैज्ञानिक महेंद्र सिंह का कहना है कि इस सप्ताह आसमान साफ रहेगा और तेज धूप का सामना करना पड़ेगा। अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पर बना रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान भी 29 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। किसानों को चाहिए कि वे इन दिनों बाग-बगीचों के पौधों को बचाने पर ध्यान दें।


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