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Jammu Kashmir: दम तोड़ते आतंकवाद को ऑक्सीजन देने की फिराक में पाक, सुरक्षाबलों की रणनीति के आगे दुश्मन की हर चाल विफल

आतंकी जम्मू के मैदानी इलाकों में धुंध की आड़ में नदी-नालों के जरिये या फिर ड्रोन के जरिए हथियार भेजते हैं। बीते साल अगस्त में जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अरनिया में ड्रोन के जरिए फेंकी गई करीब 16 किलो हेरोइन और कुछ हथियारों को पुलिस ने बरामद किया था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 07:52 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 07:52 AM (IST)
Jammu Kashmir: दम तोड़ते आतंकवाद को ऑक्सीजन देने की फिराक में पाक, सुरक्षाबलों की रणनीति के आगे दुश्मन की हर चाल विफल
सुरक्षाबलों ने सीमांत क्षेत्रों को खंगालने के लिए बड़े पैमाने पर मुहिम छेड़ रखी है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के लगातार दम तोडऩे से पाकिस्तान और आतंकी संगठनों की हताशा खुलकर सामने आ गई है। गणतंत्र दिवस के दौरान खलल डालने के बहाने वह आतंक को फिर ऑक्सीजन देने की फिराक में है। इसी मंशा के तहत पाकिस्तान कभी ड्रोन के जरिये हथियार गिराता है तो कभी सुरंग खोदकर आतंकियों की घुसपैठ कराने की साजिश रचता है। उसकी इन हरकतों को भारतीय सुरक्षाबल अच्छी तरह भांप गए हैं। इसलिए सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति बनाई है, जिसके आगे पाकिस्तान की हर चाल विफल है। एहतियात के तौर पर सुरक्षाबल सीमावर्ती इलाकों में लगातार तलाशी चला रहे हैं।

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आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान समय-समय पर नापाक हरकतें करता रहता है। कश्मीर घाटी में भारी बर्फबारी के कारण आतंकियों की घुसपैठ करवाना काफी मुश्किल होता है। इसलिए आतंकी जम्मू के मैदानी इलाकों में धुंध की आड़ में नदी-नालों के जरिये या फिर ड्रोन के जरिए हथियार भेजते हैं। बीते साल अगस्त में जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अरनिया में ड्रोन के जरिए फेंकी गई करीब 16 किलो हेरोइन और कुछ हथियारों को पुलिस ने बरामद किया था।

12 बार पाकिस्तानी ड्रोन की घुसपैठ: जम्मू संभाग में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ने सुरंग खोदने की आठ वारदातें की हैं। इसके साथ ही वर्ष 2020 से अब तक करीब 12 बार पाकिस्तानी ड्रोन की घुसपैठ हुई है। ऐसे हालात में आतंकवादियों, उनके मददगारों की धरपकड़ के लिए सेना, सुरक्षाबलों ने सीमांत क्षेत्रों को खंगालने के लिए बड़े पैमाने पर मुहिम छेड़ रखी है।

ड्रोन से गिराए हथियार आतंकियों तक पहुंचाते थे ओजीडब्ल्यू: रामबन जिले के बटोत में सोमवार को पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के ओवर ग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) ने पूछताछ में बताया है कि वह पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा गिराए हथियारों को आतंकियों तक पहुंचाते थे। यह बात सामने आने के बाद सुरक्षाबलों ने मंगलवार को सांबा जिले के सदोह इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तलाशी अभियान चलाया। बीएसएफ ने भी कठुआ, सांबा व जम्मू जिले में सीमा से सटे इलाकों को खंगाल कर दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने की मुहिम पर है। इस मुहिम में पुलिस भी पूरा सहयोग दे रही है।

आतंकवादी गणतंत्र दिवस पर कोई वारदात करने की ताक में हैं। पुलिस सुरक्षा चुनौतियों को लेकर गंभीर है। ऐसे में सुरक्षाबलों व सुरक्षा एजेंसियों से बेहतर समन्वय बनाकर सुनिश्चित किया जा रहा है कि देशविरोधी तत्वों के सभी मंसूबों को नाकाम बनाया जाए। -दिलबाग सिंह, पुलिस महानिदेशक, जम्मू कश्मीर

ये साजिशें नाकाम

  • 13 जनवरी : कठुआ जिले में हीरानगर के बोबियां में सीमा पर पाकिस्तान से खोदी गई सुरंग मिली।
  • 18 जनवरी : ड्रोन द्वारा भेजे हथियार ले जाते दो ओवरग्राउंड वर्कर रामबन के बटोत में पकड़े।
  • 24 नवंबर 2020 : सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठिया मारा गया।
  • 22 नवंबर 2020 : सांबा के रेगाल में पाकिस्तान की सुरंग का पर्दाफाश।
  • 19 नवंबर 2020 : सुरंग से घुसे चार आतंकी जम्मू के नगरोटा में बन टोल प्लाजा पर ढेर।
  • 22 सितंबर 2020 : जम्मू जिले के अखनूर में ड्रोन द्वारा फेंकी गई एके 47 राइफल और पिस्तौल बरामद।
  • 20 सितंबर 2020 : जम्मू के अरनिया में 62 किलो हेरोइन, दो पिस्तौल बरामद।
  • 20 जून 2020 : हीरानगर में हथियार लेकर घुसा पाकिस्तानी ड्रोन मार गिराया। 

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